रामनगर तहसील में व्यापारियों ने किया धरना-प्रदर्शन

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रामनगर(उत्तरांचल दर्पण संवाददाता)। गैरकानूनी तरीके से 17 जुलाई को जबरन बाजार बंद कराये जाने व व्यापारियों के उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार रामनगर एसडीएमविजय नाथ शुक्ल,पुलिस क्षेत्रधिकारी पंकज गैरोला, व कोतवाल रवि सैनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर उन्हें हटाए जाने तथा रामनगर कोतवाली व एसडीएम कार्यालय को दलालों से मुत्तफ़ किए जाने की मांग को लेकर रामनगर शहर के व्यापारी तथा सामाजिक व राजनीतिक संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं द्वारा गुरुवार को रामनगर तहसील पर धरना-प्रदर्शन करते हुए रोज व्यत्तफ़ किया गया। धरना प्रदर्शन में भागीदारी कर रहे हैं लोगों का कहना था कि पुलिस-प्रशासन द्वारा बगैर किसी पूर्व सूचना के 17 जुलाई को संविधान एवं कानून द्वारा प्रदत्त अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए जबरन बाजार बंद करवाया गया था तथा जिन लोगों की दुकानें खुली पाई गईं थीं, उनके स्वास्थ्य विभाग द्वारा सैंपल भरवाए गए थे। प्रशासन की इसी तानाशाही पूर्ण कार्यवाही के खिलाफ रामनगर की जनता एवं व्यापारी वर्ग में गहरा आक्रोश है। इस दौरान देवभूमि व्यापार मंडल के अध्यक्ष मनिंदर सिंह सेठी, मनमोहन अग्रवाल ,प्रभात ध्यानी, हरविंदर सिंह शंटी , महेश जोशी, ललित उप्रेती , सरस्वती जोशी, हाफिज सईद, मनीष कुमार, पीसी जोशी, ललिता रावत, सहित कई लोग मौजूद रहे।
प्रशासन से वार्ता विफल
रामनगर। धरना प्रदर्शन में भागीदारी कर रहे संगठनों के लोगों ने बताया कि इस मामले में एसडीएम विजय नाथ शुक्ल व सीओ पंकज गैरोला द्वारा उनसे वार्ता की गई लेकिन वार्ता विफल रही। उनका कहना था कि प्रशासन अपनी बात पर अड़ा हुआ था उन्होंने कहा कि इस मामले में शीघ्र ही व्यापारियों व राजनीतिक संगठनों के एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों की एक बैठक शीघ्र देवभूमि व्यापार मंडल कार्यालय में बुलाई जाएगी जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी। कहा कि 17 जुलाई को जो बाजार बंद किया था वह प्रशासन की ओर से नहीं था तथा प्रशासन द्वारा सैंपल भरने की भी कार्रवाई की गई जो पूरी तरह गलत थी उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लॉकडाउन को लेकर पारदर्शिता बरती जानी चाहिए। लॉकडाउन के कारण लोग काफी परेशान है तथा व्यापारी वर्ग भी इससे काफी परेशान है।

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