राजस्थान में सियासी घमासान,भाजपा में शामिल हो सकते हैं सचिन पायलट?

सीएम गहलोत ने मीडिया के सामने कराई सौ विधाायकों की परेड

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जयपुर(उत्तरांचल दर्पण ब्यूरो)। राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार पर मंडरा रहा संकट अब हटता हुआ दिख रहा है। सोमवार दोपहर को अशोक गहलोत ने सौ से अधिक विधायकों की परेड मीडिया के सामने करवाई और विक्ट्री साइन दिखाया। साफ़ है कि अशोक गहलोत ने संदेश दिया है कि उनके पास बहुमत है और सचिन पायलट के सभी दावे गलत साबित होते दिख रहे हैं। ऐसे में अब हर किसी की नजर इसपर है कि सचिन पायलट क्या कदम उठाएंगे। सचिन पायलट लगातार 25 से अधिक विधायक होने का दावा कर रहे थे। राजस्थान में कांग्रेस और साथी दलों के पास पूर्ण बहुमत है और भाजपा काफ़ी दूर है। अगर कुछ विधायक पाला बदलते हैं तो राजस्थान की सरकार पर कोई बड़ा संकट नहीं आता दिख रहा है। राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं इसके अलावा उसे कुछ अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि भाजपा के पास सिफ़र् 72 विधायक हैं। अब अगर सचिन पायलट के दावे के मुताबिक, 30 विधायक पाला बदलते हैं, तो अशोक गहलोत सरकार पर संकट आ सकता है। इससे पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया को अपने आवास में बुलाया , जहां पर विधायकों की संख्या का शत्तिफ़ प्रदर्शन किया गया। अशोक गहलोत की ओर से लगातार 100 से अधिक विधायकों के समर्थन की बात कही जा रही थी। इस दौरान अशोक गहलोत ने मीडिया के सामने विक्ट्री साइन दिखाया। राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दावा किया है कि 25 विधायक उनके साथ हैं। सचिन पायलट ने साफ़ कहा कि वो जयपुर में बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। दूसरी ओर गहलोत गुट का दावा है कि उनके पास 102 विधायक हैं।केंद्रीय नेतृत्व की ओर से जयपुर भेजे गए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 48 घंटे में कांग्रेस नेतृत्व ने कई बार सचिन पायलट से बात की है। राजस्थान सरकार जनता की सेवा के लिए काम करेगा। हम सभी विधायकों और नेताओं से अपील करते हैं कि वो विधायक दल की बैठक में शामिल हों, कांग्रेस की सरकार को मजबूत करने का काम करें।रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कभी-कभी वैचारिक मतभेद उत्पन्न होता है, लेकिन इससे अपनी ही सरकार को कमजोर करना ठीक नहीं हैं। अगर कोई मतभेद है तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी की अगुवाई में हम इसका समाधान निकालेंगे। व्यत्तिफ़गत प्रतिस्पर्धा के जरिए सरकार को कमजोर करना ठीक नहीं। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बीजेपी की ओर से हर बार जांच एजेंसियों को आगे किया जाता है, आज सुबह से ही कांग्रेस के साथियों पर इस तरह से छापेमारी करवाकर डराने की कोशिश की जा रही है।
भाजपा में शामिल हो सकते हैं सचिन पायलट?
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से खफ़ा चल रहे सचिन पायलट के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के आसार हैं। रविवार को सचिन ने पूर्व कांग्रेसी साथी और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की, दोनों की मीटिंग करीब 40 मिनट तक चली। जिसके बाद अटकलें लगाई जाने लगीं कि सचिन पायलट भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं और सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष की मौजूदगी में पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं, हालांकि अभी तक इसपर कुछ कन्फ़र्म बात सामने नहीं आई है। दरअसल, अशोक गहलोत और सचिन पायलट में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव से ही आरपार की लड़ाई जारी है। लेकिन मौजूदा वत्तफ़ में ये विवाद तब गहराया जब अशोक गहलोत ने बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप लगाया, साथ ही पार्टी के अंदर कुछ गद्दारों को चेताया। इसकी जांच के लिए एक ग्रुप बनाया गया, जिसने सचिन पायलट को पूछताछ के लिए नोटिस भेज दिया। हालांकि, ऐसा नोटिस सीएम को भी गया था। इसी के बाद विवाद बढ़ता गया। साथ ही सचिन पायलट के प्रदेश अध्यक्ष पद का कार्यकाल खत्म हो रहा है और राजस्थान में उपचुनाव, पंचायत चुनाव भी होने हैं।

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