कांग्रेसियों व प्रगतिशील कृषकों ने दिया धरना
विवि के अनुसंधान केन्द्रों को सीमित करने का विरोध
उत्तरांचल दर्पण संवाददाता
पंतनगर। विश्वविद्यालय के विभिन्न शोध केन्द्रों को सीमित कर उसे हटाने को लेकर जिला कांग्रेस व प्रगतिशील कृषकों ने शैक्षणिक डेयरी फार्म पर धरना दिया। पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट के नेतृत्व में कांग्रेसियों व किसानों ने डेयरी फार्म में संयुक्त निदेशक डा. बृजेश सिंह को कुलपति को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा तथा मांग की कि डेयरी, पोल्ट्री व फिशरीज को सीमित न किया जाय जिससे यहां कार्यरत ठेका मजदूरों की छंटनी न हो सके। इसके लिए गुरूवार को कांग्रेसियों व प्रगतिशील किसानों ने शैक्षणिक डेयरी फार्म नगला कार्यालय के समीप अपना विरोध दर्ज कराया। पूर्व जिलाध्यक्ष बिष्ट ने कहा कि पूरे एशिया में शोध के नाम से विख्यात पंतनगर विश्वविद्यालय की स्थापना का उद्देश्य यहां के किसानों को विभिन्न फसलों के उन्नतशील बीज, पशु, मुर्गियां व मछलियों के उत्तम नस्ल मिल सके। इससे यहां के किसानों को अत्यधिक लाभ मिल सके। परन्तु शासन व विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालय के अनुसंधान केन्द्रों को कुक्कट फार्म, डेयरी फार्म, फिशरीज सेंटर आदि को सीमित कर इनको केन्द्रों से हटा देने की कार्यवाही की जा रही है। अगर ऐसा होता है तो ये किसानों के लिए बहुत दुखदायी होगा। इन शोध केन्द्रों के बंद होने से जहां किसानों को उपयोगी नस्ल मिलने बंद हो जायेंगे वहीं दूसरे इन केन्द्रों पर कार्यरत ठेका मजदूर बेरोजगार हो जायेंगे। जो मजदूर-किसान के साथ प्रदेश व देश के लिए हितकारी नहीं होगा। प्रशासन की इस प्रकार की कार्यवाही क्षेत्र के कांग्रेसी व प्रगतिशील कृषक कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा यदि किसी भी ठेका मजदूर की छंटनी की जाती है तो कांग्रेसी सड़कों पर उतर का इसका पुरजोर विरोध करेंगे। इस अवसर पर किसान नेता व पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री डा. गणेश उपाध्याय, कांग्रेस प्रदेश सचिव विनोद कोरंगा, किसान नेता रामकुमार सिंह, दुग्ध संघ के राजेन्द्र शर्मा, खड़क सिंह टाकुली, रवि कुशवाहा, कन्हैया लाल, बिशन सिंह कोरंगा, कैलाश जोशी, अनूप सिंह, सुजीत, शुभम खन्ना, नारायण कोरंगा, बिशुन सिंह, मोहन सिंह बिष्ट, राकेश उपाध्याय, तारा कंडारी गणेश कोरंगा, जोखन सिंह, देव आर्य, महिपाल बोरा, गंगासागर, संजय सिंह, राहुल जोशी व सुनील कुमार सिंह आदि ने भी सम्बोधित किया।