गरीबों और किसानों के लिये कई घोषणाएं
बिना राशन कार्ड के भी मिलेगा अनाज,दिहाड़ी भी बढ़ायी
नई दिल्ली(उद ब्यूरो)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज दूसरी बार प्रेस कांफ्रेस कर आगे की योजनाओं की जानकारी दी गई। कल की प्रेस कांफ्रेस में जहां आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने से सम्बंधित थी तो आज उन्होंने दूसरे चरण में किसानों,श्रमिकों और प्रवासी मजदूरों के लिये कई घोषाणाएं कर उन्हे राहत देने का प्रयास किया। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत में अब वन नेशन-वन राशन कार्ड की योजना पर काम होगा। हर राज्य में यह लागू होगा। प्रवासी किसी भी राज्य के राशन डिपो से इस कार्ड की मदद से राशन ले सकता है। वित्त मंत्री ने कहा, 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के राशन के लिए 3500 करोड़ का प्रावधान किया गया है। अगले 2 माह तक प्रवासी मजदूरों को 5 किलो राशन निःशुल्क मिलेगा। इसमें गेंहू, चावल के अलावा 1 किलो चना भी दिया जाएगा। वन नेशन, वन राशन कार्ड स्कीम को लागू किया जाएगा। जिसके तहत एक राज्य में बने राशन कार्ड से दूसरे राज्य में भी राशन मिलेगा। अगस्त 2020 तक राशन कार्ड की नेशनल पोर्टबिलिटी का काम किया जाएगा। जिनके पास राशन कार्ड या कोई कार्ड नहीं है, उन्हें भी 5 किलो गेहूं, चावल और एक किलो चना की मदद दी जायेगी। जिससे 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों को इसका फायदा होगा। इसमें 3500 करोड़ रुपये का खर्च होगा। राज्य सरकारों के जरिए इस कारगर बनाया जाएगा। राज्यों के पास ही इन मजदूरों की जानकारी है। अगले दो महीने तक यह प्रक्रिया लागू रहेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज गुरुवार को राहत पैकेज से जुड़ी अपनी लगातार दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम दिया जाएगा। 50 फीसदी तक रजिस्ट्रेशन बढ़ गया है। खतरनाक क्षेत्रों में काम करने वालों के लिए ईएसआई जरूरी होगा। श्रम कानून में सुधार पर काम किया जा रहा है। अपने राज्यों में लौटे मजदूरों को काम दिया जाएगा। न्यूनतम मजदूरी का अधिकार सभी मजदूरों को देने की तैयारी है। इसी तरह न्यूनतम मजदूरी में क्षेत्रीय असमानता खत्म करने की योजना है। सभी मजदूरों के लिए सालाना हेल्थ चेकअप भी अनिवार्य करने की योजना है। ये सब अभी पाइपलाइन में है। संसद में इन पर विचार हो रहा है। प्रवासी मजदूरों का ध्यान रखा जा रहा है। प्रवासी मजदूरों को मनरेगा में काम दिया जाएगा। 2.33 करोड़ प्रवासी मजदूरों को पंचायत में काम मिला। दिहाड़ी को बढ़ाकर 202 रुपये किया गया है। शहरी गरीबों के लिए भोजन और आवास मुहैया करवाया जा रहा है। शहरी इलाकों में रहने वाले बेघर लोगों को शेल्टर होम में केंद्र सरकार के पैसे से तीन टाइम का खाना दिया जा रहा है। राज्यों को आपदा फंड के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई। शहरी गरीबों को 11 हजार करोड़ रुपये की मदद की गई। किसानों के लिये 4 लाख करोड़ रुपये लोन की मदद का वायदा किया गया और 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए। इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को बढ़ाकर 31 मई तक किया गया। पीएम आवास योजना के तहत प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों के लिए अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग पॉलिसी लेकर आएगी। इसमें निजी क्षेत्र के साथ भागीदारी करते हुए सस्ती दरों पर ऐसे लोगों को किराये पर घर उपलब्ध कराए जाएंगे। मुद्रा शिशु लोन के तहत 50 हजार तक के लोन पर तीन महीने के मोरारटेरियम लेने वाले लोगों को ईएमआई जमा करने पर 2 फीसदी छूट मिलेगी। तीन करोड़ लोगों को इस कदम से राहत मिलेगी, अभी तक 1,62000 करोड़ रुपये बैंक द्वारा दिया गया है। घरो में काम करने वाले, सड़कों पर ठेला लगाने वालों 50 लाख लोगों के लिए प्रति व्यक्ति को 10 हजार रुपये की मदद दी जाएगी।डिजिटल पेमेंट करने वालों को अतिरिक्त धन मिल सकता है। मध्यम वर्ग जिनकी सालाना आय 6 से 18 लाख रुपये है उनके लिए क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम को मार्च 2021 तक बढाया जा रहा है।
सरहानीय काम किया है उसका सुआगत किया जाना चाहिए हिन्दू मुस्लिम नहीं करना चाहिए