नैनीताल उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला-फीस मांगने पर लगाई रोक
नैनीताल(उद संवाददाता)। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने प्राईवेट स्कूलों को बड़ा झटका दिया है। अब वह बिना पढ़ायें फीस नही ले पायेंगे। उच्च न्यायालय ने यह फैसला याचिका कर्ता कुंवर जपेन्द्र सिंह की याचिका पर सुनाया है। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पूरे देश में लाॅकडाउन लगा हुआ है, जिसके चलते सारे स्कूल भी बंद है। लेकिन स्कूलों द्वारा फीस के लिये अभिभावकों पर दबाब बनाया जा रहा था। आये दिन उनको मैसज,ईमेल या फोन कर फीस मांगी जा रही थी। जिसको लेकर कुवंर जपेंद्र सिंह द्वारा उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस याचिका पर आदेश देते हुये मैसेज, ईमेल, फोन से अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव डालने पर रोक लगा दी है। जिससे अब अभिभावकों को भी बड़ी राहत मिल गई है। न्यायालय ने साफ किया कि ट्यूशन फीस सिर्फ ऑनलाइन शिक्षा लेने वाले छात्रों से ही ली जा सकती है। साथ ही शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अभिभावकों की शिकायत आने पर स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्यवाही अमल में लायी जाये।
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