उत्तराखंड के प्रवासी श्रमिकों को राशन किट और दो हजार भी देगी सरकार

श्रमिकों लिये मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लागू करेगी सरकार,1,75,880 प्रवासियों ने किया पंजीकरण

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मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना लागू करेगी सरकार,1,75,880 ने किया पंजीकरण
देहरादून(उद ब्यूरो)। कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये देश में लागू सम्पूर्ण लॉकडाउन की वजह से जटिल परिस्थितियों में अन्य राज्यों से उत्तराखंड आने वाले श्रमिकों को त्रिवेंद्र सरकार बड़ी राहत देने को तैयार हो गई है। बताया जा रहा है कि उन्हें भी राज्य में पंजीकृत श्रमिकों की भांति दो हजार रुपये की आर्थिक सहायता के साथ ही राशन किट उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्य सचिव ने बताया कि जो प्रवासी उत्तराखंड लौट कर आ रहे हैं, राज्य सरकार को उनके रोजगार की भी चिंता है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को मंजूरी दी गई है। इसमें निर्माण और सेवा क्षेत्र में अपना काम करने के लिए ऋण व अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार और भी अनेक योजनाओं पर विचार किया जा रहा है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बताया कि राज्य में कोविड-19 में रिकवरी रेट 74 प्रतिशत है। प्रदेश में एक समय कंटेनमेंट जोन 21 हो गए थे जो कि अब घटकर 07 रह गए हैं। इनमें 5 देहरादून, 01 हरिद्वार और 01 ऊधमसिंहनगर में हैं। इस प्रकार राज्य में कोविड-19 को नियंत्रित करने के प्रयास सफल हो रहे हैं। दूसरे राज्यों से उत्तराखण्ड आने के लिए 1,75,880 प्रवासियों ने पंजीकरण कराया है। इनमें से 18156 लोगों को लाया जा चुका है। उत्तराखंड में फंस गए दूसरे राज्यों के 20 हजार लोगों ने वापस अपने राज्य जाने के लिए पंजीकरण कराया है, इनमें से 4780 को भेज दिया गया है। 03 दिनों में गुड़गांव से 8700 लोगों को लाने के प्लान पर काम किया जा रहा है। अहमदाबाद, सूरत, पुणे के साथ ही केरल से भी प्रवासी लोगों को लाने के लिए ट्रेन के बारे में रेल मंत्रलय और संबंधित राज्य सरकारों से बात हुई है। कंट्रोल रूम के कॉल सेंटर में 45 हजार से अधिक कॉल रिसीव की गई हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दिव्यांग कर्मचारियों को सामान्य परिस्थितियों में सरकारी कार्यालयों में न बुलाने के निर्देश दिए हैं। यह जानकारी देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि लॉकडाउन-3 में सरकारी कार्यालयों को खोला गया है। इनमें अधिकारियों व कर्मचारियों की उपस्थिति के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। महिला कर्मचारी जो कि गर्भवती हैं या जिनके 10 वर्ष से कम उम्र की बच्चे हैं, को सामान्य परिस्थितियों में कार्यालय आने से छूट दी गई है। इसी प्रकार 55 वर्ष से अधिक उम्र के कर्मचारियों को भी सामान्य परिस्थितियों में नहीं बुलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में जिलों से 307 कार्यों को अनुमति दी गई है। इसमें 16600 कार्मिकों व श्रमिकों का नियोजन होगा। मुख्य सचिव ने कहा कि वर्तमान में वनों में फायर सीजन है। मौसम आदि कारणों से पिछले वर्ष की तुलना में स्थिति कहीं अधिक बेहतर है। पिछले वर्ष इस समय तक वनाग्नि के 298 मामले आए थे जिसमें 351 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई थी। इस वर्ष 18 मामले वनाग्नि के सामने आए हैं। इससे 11 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है। लगभग 6700 फायर वाचर की डड्टी लगी हुई है। गर्मियों के सीजन में पानी के सम्भावित संकट को देखते हुए विभागीय स्तर पर तैयारी की गई है। 801 ग्रामीण व 347 शहरी बस्तियों को सम्भावित पेयजल संकट वाली बस्तियों के रूप में चिन्हित की गई हैं। यहां पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकर आदि का उपयोग किया जा रहा है। 31 मई तक जलमूल्य व सीवर मूल्य की वसूली स्थगित की जा चुकी है साथ ही इस अवधि का सरचार्ज भी नहीं लिया जाएगा। मुख्य सचिव ने बताया कि 4747 उद्योगों को संचालन के लिए अनुमति दी गई है। इनमें 1 लाख 75 हजार श्रमिकों का नियोजन होगा। इनमें से बहुत सी इकाइयों ने काम शुरू कर दिया है। ग्रामीण अंचलों में स्वयं सहायता समूहों विशेष तौर पर महिला स्वयं सहायता समूहों ने विषम परिस्थितियों में भी उल्लेऽनीय काम किया गया है। 3580 स्वयं सहायता समूहों जिनके 12 हजार से अधिक सदस्य हैं, द्वारा 11 लाख मास्क तैयार कर संस्थाओं को उपलब्ध कराए गए हैं। कोविड-19 में जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाने में बहुत से स्वयं सहायता समूह सक्रिय भागीदारी कर रहे हैं। बहुत से स्वयं सहायता समूह, आर्थिक गतिविधियां कर रहे हैं। ऊधमसिंहनगर जिले के पहानिया में 600 से अधिक महिलाएं मूंज घास से हस्तशिल्प में काम कर रही हैं। इससे जाहिर होता है कि हमारे ग्रामीण अंचल ऊर्जा से परिपूर्ण हैं।
पंजीकृत श्रमिकों को राशन किट भी दी जायेगी
श्रम और कौशल विकास मंत्री डॉ- हरक सिंह रावत के अनुसार लॉकडाउन के तृतीय चरण में पंजीकृत श्रमिकों को राशन किट देने का निर्णय लिया गया है। पहले सहायता राशि की व्यवस्था केवल राज्य में पंजीकृत श्रमिकों को ही मिल रही थी। श्रम और कौशल विकास मंत्री डॉ- हरक सिंह रावत के अनुसार अब यह भी निर्णय लिया गया है कि श्रमिकों को लॉकडाउन- तृतीय में राशन किट मुहैया कराई जाए। इसके लिए केंद्र सरकार की कंपनियों से बातचीत की जा रही है, जिससे वह किट के लिए राशन उपलब्ध करा सके। जल्द ही राशन किट का वितरण शुरू किया जाएगा। डॉ-रावत ने यह भी जानकारी दी जो भी प्रवासी श्रमिक उत्तराखंड आएंगे, उनका आधार कार्ड के आधार पर बोर्ड में फौरी तौर पर पंजीकरण किया जाएगा। फिर उन्हें भी दो-दो हजार की आर्थिक सहायता और राशन किट मुहैया कराई जाएगी। सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने को कार्ययोजना बनाई जा रही है। उत्तराखंड भवन और अन्य सन्निर्माण कल्याण बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों को लॉकडाउन के दरम्यान कोई दिक्कत न हो, इसके लिए सरकार उन्हें सहायता राशि मुहैया करा रही है। लॉकडाउन के प्रथम और द्वितीय चरण को मिलाकर श्रमिकों के बैंक खातों में दो-दो हजार रुपए की सहायता राशि भेजी गई।

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