मुकदमे के खिलाफ धरने पर बैठे बेहड़
समर्थन में जगह जगह कांग्रेसियों ने भी दिया सांकेतिक धरना
समर्थन में जगह जगह कांग्रेसियों ने भी दिया सांकेतिक धरना
रूद्रपुर(उद संवाददाता)। मलसा गिरधरपुर में हुए गोलीकाण्ड के आरोपियों की गिरफ्तारी और पूर्व मंत्री बेहड़ सहित अन्य कांग्रेसियों पर दर्ज मुकदमों की वापसी की मांग को लेकर आज पूर्व मंत्री तिलकराज बेहड़ ने पुलिस के खिलाफ धरना दिया। पूर्व मंत्री बेहड़ ने प्रेम लाल छाबड़ा के साथ एसएसपी कार्यालय पर धरना दिया तो वहीं अन्य तमाम कांग्रेसियों ने शहर में अलग अलग स्थानों पर सांकेतिक धरना देकर बेहड़ के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की। बता दें बीते दिनों मल्सा गिरधरपुर में दो पक्षों के विवाद एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर हमला करते हुए जमकर फायरिंग की थी। जिसमें मदन लाल खुराना और उनका पुत्र गगन खुराना घायल हो गये थे। इस घटना के बाद गांव में तनाव व्याप्त हो गया था। ग्रामीणों को शांत करने के मकसद से पूर्व मंत्री बेहड़ मल्सा गिरधरपुर पहुंचे थे। जिसे लॉकडाउन का उल्लंघन मानते हुए पुलिस ने बेहड़ सहित अन्य कांग्रेसियों के खिलाफ लॉकडाउन के उल्लंघन के आरोप में मुकदमा पंजीकृत कर दिया। बेहड़ ने इस मामले में 48 घंटों में गोलीकाण्ड के आरोपियो की गिरफ्रतारी न होने पर धरने की चेतावनी दी थी। समयावधि पूरी होने पर आज पूर्व मंत्री बेहड़ ने गोलीकाण्ड के आरोपियों की गिरफ्तारी ओर उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे की जांच की मांग को लेकर प्रेम लाल छाबड़ा के साथ एसएसपी कार्यालय पर धरना दिया। बेहड़ के समर्थन में भगत सिंह चौक पर कांग्रेस महानगर अध्यक्ष जगदीश तनेजा और राजीव कामरा, गांधाी पार्क में पूर्व पालिकाध्यक्षा मीना शर्मा, कांग्रेस नेता अनिल शर्मा, डीडी चौक पर व्यापार मण्डल अध्यक्ष संजय जुनेजा, रूद्रा चौक पर सचिन मुंजाल, संजयनगर में बबिता बैरागी, और विकास मलिक,ट्रांजिट कैम्प में सुशील पाल और पार्षद मोनू निषाद, पटेल पार्क में रामधारी गंगवार आदि ने सांकेतिक धरना देकर बेहड़ सहित अन्य कांग्रेसियों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग की। धरना स्थल पर पूर्व मंत्री बेहड़ ने प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर गुबार निकाला। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज मुकदमा पूरी तरह फर्जी है। कहा कि वह चार मई को मल्सा गिरधरपुर गये थे जबकि पुलिस ने मुकदमे में 5 मई को वहां जाने की बात लिखी है, जो सरासर झूठ है। साथ ही बेहड़ ने कहा कि पुलिस ने मुकदमे में लॉकडाउन के उल्लंघन का जो आरोप लगाया है वह बेबुनियाद है। उन्होंने कहा कि वह ग्रामीणों को शांत करने के लिए मौके पर गये थे ताकि गांव मे माहौल खराब न हो। उन्होंने न तो कोई सभा की और न ही सामाजिक दूरी का उल्लंघन किया। उनके आग्रह पर ग्रामीण शांत होकर घर को चले गये। वह अपनी गाड़ी में लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए अकेले गये थे। पुलिस ने मुकदमे में जितनी भी बातें लिखी हैं वह पूरी तरह झूठ हैं। बेहड़ ने कहा कि पुलिस प्रशासन सत्ता पक्ष के दबाव में आकर कांग्रेसियों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहा है। गोलीकाण्ड के बाद अब तक पुलिस आरोपियों की गिरफ्तार नहीं कर पायी है। उन्होंने कहा पुलिस बताये कि किसके ईशारे पर उन्होंने उनके खिलाफ झूठा मुकदमा लिखा है। उन्होंने कहा कि जिले में अधिकारी बेलगाम हो गये हैं। उनकी कारगुजारियों का समय आने पर खुलासा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वह अन्याय के खिलाफ पहले भी लड़े हैं मुकदमों से घबराकर वह चुप नहीं बेैठने वाले हैं। अन्याय के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी। बेहड़ ने गोलीकाण्ड के आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी और उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे की निष्पक्ष जांच की मांग उठाते हुए कहा कि इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो वह सड़कों पर लड़ाई लड़ने से पीछे नहीं हटेंगे। जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री कार्यालय में घुसकर भी अपना विरोध प्रकट करेंगे। बेहड़ ने कहा उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से लेकर छोटा से छोटा कार्यकर्ता आहत हुआ है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह, पूर्व सीएम हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं ने फोन करके पुलिस प्रशासन के रवैये की निन्दा की है।
हम पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलक राज बेहड के खिलाफ दर्ज मुकदमे को वापस लेने की मांग करते हैं।लाक डाउन होने के बाद भी यादि किसी जगह स्थति गंभीर रूप धारण कर ले तो किसी भी जन प्रतिनिधि को उसके समाधान का मौलिक अधिकार है।मा मुख्यमंत्री से निवेदन है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। श्री बेहड के विरुद्ध दर्ज मुकदमा वापस होना चाहिए।एम सलीम खान अध्यक्ष केन्द्रीय दिव्यांग कल्याण परिषद रजि भारत उत्तराखंड इकाई।