जीतेगे जंग,तीसरे नंबर पर आया उत्तराखंड,आठ जिले ‘कोरोना मुक्त’
देहरादून,नैनीताल और हरिद्वार के हॉटस्पॉट क्षेत्रें में नहीं मिलेगी छूट,ऑरेंज जोन में यूएसनगर और अल्मोडा जिला
उत्तरांचल दर्पण ब्यूरो
देहरादून/ऊधमसिंहनगर। कोराना महामारी का प्रकोप के बीच भारत में भी संक्रमित मरीजों के आकड़े तेजी से बढ़ रहे है। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये युद्धस्तर पर मरीजों के उपचार एवं चिकित्सा सेवा के कार्य में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों के हौसले को सलाम किया जा रहा है। इतना ही नहीं विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी एक्शन में है जो लगातार कोरोना महामारी से निपटने के लिये सक्रियता से कार्ययोजना बनाकर उसका संचालन भी बखूबी कररहे है। इसका नतीजा भी सुखदायी साबित हो रहा है। एक ओर जहां कई राज्यों में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहाहै तो वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी राज्य है जो कोरोना के खिलाफ लड़ी जा रही सामूहिक जंग में अपनी कार्यशैली से देश को जागरूकता और बचाव का संदेश दे रहा है। आकड़ों के नजरिये से उत्तराऽंड के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश में कोविड 19 राष्ट्रीय आपदा की व्यवस्थायें देख रहे प्रभारी सचिव डॉ- पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि केंद्र सरकार एवं स्वास्थ्य मंत्रलय की ओर से लगातार कोरोना संक्रमित मामलों की मानीटरिंग की जा रही है। उत्तराऽंड कोरोना को मात देने वाला देश में तीसरा राज्य है। कोरोना को रोकने में उत्तराऽंड सरकार पुलिस, स्वास्थ्य कर्मियों का अहम योगदान रहा है और इसी कारण आज कोरोना को मात देने में उत्तराऽंड तीसरे नंबर पर है। पहले नंबर पर केरल और दूसरे नंबर पर उडीसा है। केरल में 72-2 दिन, उड़ीसा में 39-8 दिनों में संक्रमण के मामले दोगुने हो रहे हैं, जबकि उत्तराऽंड में यह दर 26-6 दिन है। पौड़ी जनपद में एक ही मामला सामने आया था। दुगîóा का युवक स्पेन से लौटा था जिसमे कोरोना पॉजिटिव पाया गया था लेकिन वो जल्द स्वास्थ्य हो गया था और 28 दिनों से पौड़ी में कोरोना का नया मामला नहीं आया है। इस तरह अब पौड़ी जिला ग्रीन जोन में शामिल हो गया है। उत्तराऽंड राज्य में भी कोरोना सक्रमित मरीजों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच तीन प्रतिष्ठित जिलों को रेड जोन में रऽा गया है। इनमें प्रदेश की राजधानी क्षेत्र देहरादून के अलावा कुंभ एवं धर्मनगरी हरिद्वार और हाईकोर्ट का न्यायिक परिक्षेत्र नैनीताल जनपद शामिल हैं। अभी तक इन तीन जिलों में ही कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। यही वजह है कि यहां संक्रमण की रोकथाम के लिए जांच में तेजी के भी निर्देश दे दिए गए हैं। वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार मुस्तैदी के साथ जुटी हुई है। अबतक प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के 46 मामले सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा मामले आने के चलते पहले देहरादून को रेड जोन में शामिल किया गया था, लेकिन फिर कुछ दिनों बाद हरिद्वार और नैनीताल में भी कोरोना संक्रमण के ग्राफ में लगातार हो रहे इजाफे को देऽते हुए इन्हें भी रेड जोन में शामिल कर दिया गया। सबसे ज्यादा 24 मामले देहरादून, नैनीताल में नौ और हरिद्वार में सात मामले सामने आए हैं। इन रेड जोन के संक्रमित मरीजों में से 19 लोग ठीक होकर डिस्चार्ज भी हो चुके हैं। रेजड जोन राजधानी देहरादून जिले में कुल 12 लोग ठीक होकर अपने घरों को लौट चुके हैं। वहीं, नैनीताल में दो लोग स्वस्थ हुए हैं,जबकि हरिद्वार जिले में अभी सभी केस एक्टिव हैं। देहरादून जिले में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के सबसे ज्यादा 24 मामले सामने आए हैं, जिनमें करीब 71 फीसदी जमाती या उनके संपर्क में आए लोग हैं। इसी वजह से शहर में भगत सिंह कॉलोनी, कारगी ग्रांट, आजाद कॉलोनी और लक्ऽीबाग मुस्लिम कॉलोनी को सील करना पड़ा और एक बड़ी आबादी संदिग्ध की श्रेणी में आ गई है। देहरादून, नैनीताल और हरिद्वार के रेड जोन में शामिल होने से यहां किसी तरह की आगे छूट नहीं दी गई हैं, आवश्यक सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहेंगी। वहीं इन जिलों में कोरोना संक्रमण के चलते सील की गई कॉलोनी में ं किसी भी शख्स को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं हैं। यानी यहां जरूरी सेवाओं की आपूर्ति डोर-टू-डोर की जाएगी। रेड जोन में देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार जनपद ऑरेंज जोन में ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा जबकि बाकी आठ जिले ग्रीन जोन में है। अगर 14 दिनों तक किसी नए मामले के सामने नहीं आने पर वह जिला ऑरेंज जोन की कैटिगिरी में आएगा। अल्मोड़ा में 6 अप्रैल को पहला कोरोना का मरीज मिला था जो स्वथ्य हो चुका है और घर लौट गया है। वहीं पिछले 16 दिनों से अल्मोड़ा में भी नया मामला नहीं आया है। यूएसनगर जिले में भी कुल चार पॉजिटव मरीजों में तीन लोगों को डिस्चार्ज किया गया है। सिर्फ एक केस एक्टिव है यह जिला अभी ऑरेंज जोन में है। जिन जिलों में कोरोना संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है या किसी मामले के सामने आने और उसके स्वस्थ हो जाने के बाद अगर लगातार 28 दन तक कोई नया केस नहीं है तो जिला कोरोना मुत्तफ़ घोषित कर दिया जाएगा और फिर ग्रीन कैटिगिरी में आ जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रलय की गाइडलाइन के अनुसार 28 दिन तक किसी जिले से कोई संक्रमित मामला नहीं आता है तो उसे ग्रीन जोन घोषित किया जाएगा।