प्रथम नवरात्र पर लोगों ने घरों में पूजा अर्चना
रूद्रपुर/काशीपुर(उद संवाददाता)। आज से नवरात्र प्रारम्भ हो गये हैं लेकिन कोरोना वायरस के चलते लोगों को घरों में ही कैद होना पड़ा। क्योंकि शहर के सभी मंदिरों को एहतियातन बंद कर दिया गया है। ताकि एक जगह भीड़ एकत्र न हो इसके चलते प्रथम नवरात्र पर आज लोगों ने घरों में ही पूजा अर्चना की और देश की सुख समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। माना जा रहा है कि नवरात्रें में सभी उपासक कोरोना वायरस से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना करेंगे। क्योंकि कोरोना वायरस देश ही नहीं दुनिया के लिये घातक सिद्ध होता जा रहा है। ऐसे में पूजा अर्चना के साथ सरकार द्वारा निर्देशों का पालन करना भी बेहद आवश्यक है। काशीपुर-चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना में उपासको ने कोरोना के कहर से समूचे संसार को मुक्ति दिलाते हुए घर-परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। शक्तिपीठों मंदिरों में ताला जड़े होने के कारण श्रद्धालुओं को निराशा का भी सामना करना पड़ा। दूध सब्जी दवा एवं खाद्य सामग्री आदि आवश्यक वस्तुओं के लिए प्रशासन ने आज भी सुबह 7 बजे से 10 बजे तक अघोषित कफ्र्यू में ढील दी। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए देश भर में 21 दिनों के लॉक डाउन का असर आज से शुरू हो गया। आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए सुबह सात से दस बजे तक बाजार खुलने की वजह से वहाँ भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिली। मेडिकल स्टोरों पर भी भीड़ दिखाई दी। इस दौरान लोगों ने मंदिर व शक्ति पीठों की ओर भी रुख किया लेकिन वहां ताला जड़ा होने के कारण उन्हें निराश होना पड़ा। चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन श्रद्धालुओं ने पारंपरिक तरीके से उपवास रखकर धूप दीप नवेद कपूर अगरबत्ती नारियल चुनरी बताशा फल मिष्ठान रोली चंदन से मां भगवती की विधिवत पूजा अर्चना अर्चना की। तमाम घरों में मंगल कलश स्थापित करते हुए जौ जमाया एवं अखंड ज्योति जलाई गई। इस वर्ष लॉक डाउन के कारण क्षेत्र की सभी मंदिर व शक्तिपीठों में सन्नाटा पसरा रहा। चामुण्डा मंदिर के पुजारी ने बताया कि सरकारी आदेश के पालन के तहत मंदिर को बंद किया गया है। इसके बावजूद कुछ श्रद्धालु मंदिर पहुंच गए। निराश श्रद्धालुओं ने मंदिर के बंद गेट के बाहर से ही देवी माँ को शीश नवाया। यहां बता दें कि लॉक डाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी के लिए दी गई 3 घंटे की छूट में बाजार में भारी भीड़ जमा हो गई जो देखा जाए तो खतरे से खाली नहीं है। माना जा रहा है कि प्रशासन यदि ढील के दौरान के दौरान भीड़ को एक स्थान पर जमा होने पर काबू पाता है तो महामारी के संभावित खतरे से बचने में आसानी होगी।