नजूल भूमि के मालिकाना हक और सीवर लाईन की उठाई मांग
गैरसैंण(उद सहयोगी)। विधानसभा बजट सत्र में आज विधायक राजकुमार ठुकराल रूद्रपुर में सीवर लाईन निर्माण कराने और नजूल भूमि पर मालिकाना हक दिलाये जाने के लिए नजूल नीति बनाने या दिल्ली की तर्ज पर मालिकाना हक दिये जाने की मांग की। नियम 53 के अंतर्गत विधायक ठुकराल ने रूद्रपुर में सीवर लाईन की समस्या उठाते हुए कहा कि रूद्रपुर के पास सिडकुल में पांच सो से अधिक फैक्ट्रियां स्थापित है। सिडकुल की स्थापना के बाद शहर में आबादी भी काफी बढ़ गयी हैं विभिन्न आवासीय कालोनियों में दूषित पानी की निकासी न होने से गंभीर समस्या खड़ी होती जा रही है। मामूली बरसात पड़ने पर रूद्रपुर शहर जलमग्न हो जाता है। जिससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। नालियां चैक रहने से गंदा पानी प्रतिष्ठानों और घरों में घुस जाता है जिससे लोगों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। शहर में डेªनेज सिस्टम पूरी तरह फेल है। विधायक ने जनहित में सीवर लाईन का निर्माण शीघ्र कराये जाने की मांग की। वहीं नियम 300 के अंतर्गत ठुकराल ने नजूल भूमि पर मालिकाना हक दिलाने जाने की मांग उठाते हुए कहा कि प्रदेश के प्रमुख नगरों विशेष रूप से जनपद उधम सिंह नगर के जिला मुख्यालय में हजारों परिवार पिछले चा लीस वर्षों से नजूल भूमि पर निवास कर रहे हैं। उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा सरकार की नजूल नीति को खारिज करने के उपरांत सरकार द्वारा माननीय सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुज्ञा याचिका दाखिल की गयी थी जिसके बाद नजूल भूमि पर निवास कर रहे नागरिकों को हमारी सरकार की वजजह से सुप्रीम कोर्ट से कुछ राहत मिली है। परंतु हाईकोर्ट द्वारा उत्तराखण्ड सरकार की नजूल नीति को निरस्त कर दिये जाने से नजूल नीति अस्तित्व में नहीं है इस अवस्था में हमारी सरकार नजूल भूमि पर वर्षों से निवास कर रहे इन हजारों उपेक्षित नागरिकों को पट्टा मालिकाना हक कैसे देगी यह चिंता का विषय हैं। ठुकराल ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा सर्वोन्च न्यायालय में इस संदर्भ में पूर्व में दखिल एसएलपी के साथ ही इससे संदर्भित एक प्रार्थना पत्र इस आशय से दाखिल किया जाना चाहिए कि उत्तराखण्ड सरकार को पुनः नजूल नीति बनाये जाने का सुप्रीम कोर्ट से अधिकार मिल सके। ठुकराल ने आगे कहा कि इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा दिल्ली की तर्ज पर व्यापक योजना बनाकर उत्तराखण्ड में नजूल भूमि पर वर्षों से निवास कर रहे नागरिकों को अध्यादेश लाकर उन्हें मालिकाना हक प्रदान कर सकते हैं। विधायक ने जनहित के इस मुद्दे पर शीघ्र कार्यवाही की स्वीकृति देने की मांग की।