महाराज की खंडूरी से मुलाकात पर गरमाई सियासत

समर्थन जुटाने की कवायद तो नहीं दोनों की मुलाकात

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देहरादून,(उद संवाददाता)। पिछले कई दिनोें से सोशल मीडिया पर उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट सुनायी दे रही है। हालांकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इससे साफ इंकार कर दिया है लेकिन पिछले दिनों दो राजनैतिक प्रतिद्वंदियों की अचानक मुलाकात से सियासी माहौल गरमा गया है। गत दिनों काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी से मुलाकात की। तब से इस मुलाकात के सियासी मायने तलाशे जा रहे हैं। क्योंकि पिछले कई दिनों से सूबे में नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं की जा रही हैं जिसमें सबसे आगे नाम सतपाल महाराज का है। यह बात दीगर है कि राज्य की भाजपा इससे इंकार कर रही है और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने भी इस बाबत कोई संकेत नहीं दिये हैं। पौड़ी संसदीय सीट पर भुवन चंद खंडूरी और सतपाल महाराज कई बार आमने सामने आ चुके हैं जिसमें महाराज को ेसिर्फ एक बार जीत हासिल हुई है लेकिन अब वह भी भाजपा के ही सिपहसालार हैं। लेकिन दोनों के पार्टी में रहने के बावजूद भी उनके बीच शायद ही कभी मुलाकात हुई हो लेकिन गत दिनों सतपाल महाराज अचानक ही खंडूरी के घर पहुंच गये। उन दोनों की मुलाकातों की तसवीरें भी वायरल हो गयीं। तसवीरें वायरल होने के बाद ही इसके सियासी निहितार्थ भी तलाशने शुरू हो गये। चर्चाएं है कि यह मुलाकात अपने पक्ष में समर्थन हासिल करने की मुहिम का एक हिस्सा है। जिस प्रकार से पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं हो रही हैं ऐसे में यदि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होता है तो माना जा रहा है कि वरिष्ठता के आधार पर सबसे आगे सतपाल महाराज ही नजर आते हैं। पिछले दिनों दिल्ली चुनाव प्रचार में भी गृहमंत्री अमित शाह के साथ महाराज ने प्रचार किया था। लेकिन भाजपा के आला नेताओं ने नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं से इंकार किया है लेकिन अब यह समय के गर्त में है कि राज्य में नेतृत्व परिवर्तन होता है अथवा नहीं लेकिन यदि नेतृत्व परिवर्तन हुआ तो बाजी महाराज के हाथ लग सकती है।

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