विद्युत नियामक आयोग ने सुनीं आपत्तियां
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। ऊर्जा निगम के वर्ष 2020-21 के सकल राजस्व आवश्यकता एवं टैरिफ प्रस्ताव पर विकास भवन में जनसुनवाई में आज उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने आपत्तियां सुनीं। केजीसीसीआई के अध्यक्ष अशोक बंसल ने दर्ज आपत्ति में बताया कि चेम्बर टैरिफ दरों की वृद्धि का विरोध करता है। विभिन्न उपभोक्ता श्रेणियों पर कई करोेड़ का बकाया है। तीन वर्ष से अधिक पुराना बकाया होने के कारण इन बकायों को वसूल किया जाना दुश्कर कार्य है। इनमें 50 प्रतिशत राशि फर्जी बकाया की होगी। ऊर्जा निगम द्वारा उपभोक्ताओं के कनेक्शन समाप्त किये जाने के बाद भी लगातार बिल जारी करने से पैदा हुई है। विद्युत चोरी रोकने की कार्य योजना का प्रस्ताव उल्लेखनीय नहीं है। वितरण हानि को 15 प्रतिशत कम करना असंभव कार्य नहीं है। वर्तमान स्लैब दरों को जारी रखा जाये। ग्रेस पीरियड समाप्त कर वर्तमान प्रदत्त सुविधा समाप्त करना उचित नहीं है। उपभोेक्ता शिकायत निवारण मंच की व्यवस्था कारगर है। एचडी इंडस्ट्रीज के डिमांड चार्ज में वृद्धि के प्रस्ताव का विरोध किया जाता है। इसके अलावा भी केजीसीसीआई ने विद्युत नियामक आयोग को अपनी कई आपत्तियां दर्ज करायीं। आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष डीपी गैरोला ने कहा कि जिस स्थान पर बिजली चोरी और विद्युत बिल जमा नहीं हो रहे हैं वहां सप्लाई बंद की जाये। बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि गदरपुर क्षेत्र में कई वर्षों से बिजली का बिल जमा नहीं हो पा रहा। यदि बिजली चोरी रूकेगी तो बिजली सस्ती होगी। बिजली का बिल समय से अदा करें। उन्होंने कहा कि बकाया वसूली में तेजी लायी जायेगी। घर घर मीटर लगाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रीडिंग सही न होने की काफी शिकायतें आती हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जायेगी। श्री गैरोला ने कहा कि विभाग ने एंड्रायड ऐप लांच किया तो 12लाख लोगों की रीडिंग एंड्रायड ऐप से ली गयी। इसके अलावा जनसुनवाई दिवस में कई लोगों ने अपनी आपत्तियां दर्ज करायीं। इस मौके पर उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के सदस्य मनोज कुमार जैन, सचिव नीरज सती, दीपक पांडे, प्रभात डिमरी, दीपक कुमार, बीसीके मिश्रा व अन्य अधिकारी मौजूद थे।