केंद्र और राज्य सरकार दलित विरोधीः इंदिरा

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हल्द्वानी (उद संवाददाता)। केंद्र और राज्य सरकार को दलित विरेाधी बताते हुए नेता प्रतिपक्ष डा- इंदिरा हृदयेश ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम 1989 को कमजोर करना पूर्वाग्रह का परिणाम है। दलितों एवं आदिवासियों के खिलाफ सरकार की भावना हमारे संविधान पर हमला है। उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि कांग्रेस ने ही भाजपा के इस अधिनियम को कमजोर करने की चाल को समझा और विरोध किया। भाजपा शासित प्रदेश राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश ने कमजोर किए गए अधिनियम को बेशर्मी से लागू करने का प्रयास किया। नए अधिनियम को लागू न करने पर अधिकारियों को दंडात्मक कार्रवाई भुगतने की धमकी दी। डा- हृदयेश ने कहा कि यूपीए सरकार ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति एब प्लान को प्रभावी ढंग से लागू करने का प्रयास किया। भाजपा सरकार ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के सब प्लान बजट को समाप्त कर दिया। डा- हृदयेश ने कहा कि अनुसूचित जाति की सरकारी नौकरियों में 91 प्रतिशत तक की कमी आई है। नेता प्रतिपक्ष ने पत्रकारों से कहा कि 24 फरवरी को एमबी इंटर कालेज हल्द्वानी में सुबह 11 बजे लालटेन लेकर त्रिवेंद्र सरकार के विकास कार्यों को खोजने निकलेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र के शासन काल की देन बदहाल सड़कें, बदहाल व्यवस्था, बदहाल नौकरी व्यवस्था और बदहाल व्यापार है। लालटेन जलाकर देखा जाएगा कि विकास की गंगा प्रदेश सरकार ने कहां बहाई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में सभी एकजुट हैं। कांग्रेस को जिताकर सत्ता में लाना सबका उद्देश्य है।

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