एलआईसी कर्मियों ने किया सांकेतिक कार्य बहिष्कार
रूद्रपुर(उद संवाददाता)। केेन्द्र सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम में अपनी 10 प्रतिशत हिस्सेदारी को आईपीओ के माध्यम से बेचेे जाने के प्रस्ताव के खिलाफ आज यहां जीवन बीमा कार्यालय के प्रथम, द्वितीय, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के समस्त कर्मचारियों ने दोपहर 12ः30 से 1ः30 बजे तक कार्य बहिष्कार कर केेन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। रोषित कर्मचारियों का कहना था कि केन्द्र सरकार ने वर्ष 1956 में एलआईसीआई में मात्र 5 करोेड़ की पूंजी लगाई थी। वर्तमान में 31 मार्च 2019 तक एलआईसीआई का कुल एसेेट्स 3111847-28 रूपये है एवं सरकारी व समाजिक क्षेत्र में 31 मार्च 2019 तक एलआईसीआई ने 2140106 करोड़ रूपये का विनिवेेश किया है। उनका कहना था कि वित्तीय वर्ष 2018-19 को समाप्त वित्तीय वर्ष में एलआईसीआई ने केन्द्र सरकार को 2611 करोड़ लाभांश के रूप में दिया है। अभी तक केेन्द्र सरकार घाटे में चल रहे सार्वजनिक उपक्रमों को बेचने की बात कह रही थी लेकिन अब एलआईसीआई जैसे रत्न के आईपीओ के माध्यम से अपनी कंगाली को दूर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पूर्व ही आरबीआई सेे भी धन लेकर सरकार ने अपने कारनामों से अवगत कराया था। आज देश की खस्ताहाल आर्थिक दशा के लिये केन्द्र सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि आज एक दिवसीय एक घंटे का कार्य बहिष्कार किया जा रहा है। यदि केन्द्र सरकार ने अपनी नीतियों पर पुर्नविचार नहीं किया तो आंदोलन तेज करने को बाध्य होना पड़ेगा। इस दौरान भूपेन्द्र सिंह, हीमा नेगी, कविता सक्सेना, जेआर टम्टा, एपी कन्नौजिया, हेमंत वर्मा, राजेश तिवारी, संजय शर्मा, हेम पाठक, जसप्रीत सिंह, विरेन्द्र सिंह, केेसी पंत, नवीन चंद, आरके कोली, मनोहर बृजवाल, अजय आर्या, भुवन भट्ट, नैनीगोपाल, राजेन्द्र सिंह, जीवन जोशी, विपिन, नरेश कुमार, प्रेम राम, आनन्द राम, कमल रावत, कुमार मंगोली, राजवीर सिंह व दीपा आदि मौजूद थे।