दस दिन की मासूम बच्ची को रेलवे स्टेशन पर छोड़ा
कोतवाल समेत समाजसेविका रजनीश बत्र और गावा ने मासूम को अमृत अस्पताल भर्ती कराया
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। गतरात्रि अज्ञात व्यक्ति 10 दिन की मासूम बच्ची को रेलवे स्टेशन पर एक यात्री को सौंपकर लापता हो गया। जिससे वहां हड़कम्प मच गया। आनन फानन में रेल रोककर अज्ञात व्यक्ति की तलाश की गयी लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। घटना की जानकारी मिलने पर कोतवाल कैलाश भट्ट व समाजसेविका रजनीश बत्र तथा सुशील गाबा मौके पर पहुंचे और मासूम बच्ची को सरकारी अस्पताल ले जाया गया लेकिन चिकित्सकों ने उसका उपचार नहीं किया तो बच्ची को अमृत अस्पताल भर्ती कराया गया जहां डॉ- रंजीत सिंह गिल ने तत्काल बच्ची का उपचार किया। इस मासूम बच्ची का नामकरण भी किया गया और उसका नाम उजाला रखा गया। जानकारी के अनुसार गतरात्रि काठगोदाम से दिल्ली जा रही ट्रेन जब रूद्रपुर स्टेशन पहुंची तभी एक अज्ञात व्यक्ति लगभग 10 दिन की मासूम बच्ची को लेकर एक यात्री के पास पहुंचा और उसने बच्ची को यात्री के हवाले कर दिया और कहा कि वह सामान लेकर आ रहा है लेकिन वह काफी देर तक नहीं आया और गायब हो गया। यह देख यात्री ने शोर मचा दिया तो अन्य यात्रियों ने ट्रेन की चेन खींच दी जिससे ट्रेन स्टेशन पर रूक गयी। सूचना मिलने पर जीआरपी और अन्य यात्रियों ने उस अज्ञात व्यक्ति की तलाश की लेकिन वह नहीं मिला। घटना की जानकारी मिलने पर कोतवाल कैलाश भट्टद्व चैकी इंचार्ज केजी मठपाल और समाजसेविका रजनीश बत्र बच्ची को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन जिला अस्पताल प्रशासन ने बच्ची का उपचार नहीं किया। हालांकि कोतवाल ने अस्पताल प्रबंधन से काफी अनुनय विनय की लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने बच्ची का उपचार न कर अपना पल्ला झाड़ लिया जिसके बाद बच्ची को अमृत अस्पताल ले जाया गया। सूचना मिलने पर समाजसेवी सुशील गाबा भी अपनी पत्नी शीतल के साथ अस्पताल पहुंचे और बच्ची का हाल-चाल जाना। मासूम के अस्पताल में आते ही डॉ- रंजीत सिंह गिल के निर्देशन में चिकित्सक ने बच्ची का उपचार शुरू कर दिया। डा- गिल ने बच्ची के पूर्ण स्वस्थ होने तक निःशुल्क उपचार की बात कही। इस दौरान बच्ची का नामकरण भी किया गया और उसका नाम उजाला रखा गया। जैसे ही इसकी जानकारी सोशल मीडिया पर आयी तो तीन परिवार बच्ची को गोद लेने पहुंचे लेकिन तमाम कानूनी प्रक्रिया के चलते उन्हें बच्ची नहीं दी जा सकी। फिलहाल बच्ची पुलिस की कस्टडी में है और कानूनी प्रक्रिया के बाद ही आगे की कार्रवाई की जायेगी।