फर्जी तरीके से बैंक से लोन लेने वाले गिरोह का भंडाफोड़
काशीपुर,(उद संवाददाता)। पुलिस ने जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर बैंक से फर्जी ढंग से लोन लेने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जबकि तीन फरार हो गये। पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों से विभिन्न सरकारी कार्यालयों और अधिकारियों की मुहरें व अन्य कागजात बरामद किये हैं। पुलिस को सूचना मिली थीा कि कुछ लोग जमीन के फर्जी कागजात तैयार कर राजस्व विभाग के अधिकारी/कार्यालय की मुहरें तैयार कर बैंक से फर्जी ढंग से लोन लेने का प्रयास कर रहे हैं जिस पर पुलिस व एसओजी की टीम ने गिरिताल अनन्या होटल के समीप रम्पुरा काजी केलाखेड़ा निवासी राजपाल सिंह उर्फ राजू पुत्र कश्मीर सिंह और गुरमीत सिंह उर्फ मित्ता पुत्र कश्मीर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके कब्जे से विभिन्न कार्यालयोंध्अधिकारियों की 19 मुहरें, एक स्टाम्प पैड, 9 विभिन्न महिलाओं और पुरूषों के आधार कार्ड, 2 वोटर आईडी, एक पेनकार्ड, दो लिखी हुई फर्द, खसरा 29वर्क फर्द खसरा रिक्त बरामद की गयी। पुलिस के मुताबिक ये आरोपी बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए फर्जी मुहर व आईडी, आधार कार्ड, पेन कार्ड और वोटर आईडी के माध्यम से जरूरतमंद लोगों को विश्वास दिलाकर धोखाधड़ी से फर्जी उपकरण व सामग्री तैयार करते थे। दोनों आरोपियों के खिलाफ कई थानों में मामले दर्ज हैं। पुलिस के मुताबिक इस मामले में नहर रोड वार्ड 4 सुभाषनगर निवासी जितेंद्र चैधरी पुत्र ओमपाल सिंह, रम्पुराकाजी केलाखेड़ा निवासी राजेंद्र उर्फ राजू पुत्र बरीत सिंह और जसपुर खुर्द थाना आईटीआई निवासी धर्मेन्द्र सिंह उर्फु डीके पुत्र ध्यान सिंह भी शामिल है। पुलिस टीम में एसएसआई विनोद जोशी, सतीश चंद कापड़ी, एसआई मदन सिंह बिष्ट, कां- विजय कुमार, कैलाश तोमक्याल, गिरीश कांडपाल, अमरीश कुमार शामिल थे।
फरार चौधरी है गैंग का सरगना
काशीपुर(उद संवाददाता)। धोखाधड़ी करफर्जी ढंग से बैंकसे लोन लेने वाले गिरोह का सरगना फरार आरोपी वार्ड 4 सुभाषनगर निवासी जितेंद्र चैधरी पुत्र ओमपाल सिंह है। एएसपी राजेश भट्ट और सीओा मनोज ठाकुर ने बताया कि कई दिनों से इस फर्जी गैंग की सूचनाएं मिल रही थीं जिसको लेकर एसओजी और पुलिस की संयुक्त टीम गठित की गयी। जिसके चलते पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और तीनफरार हैं। जितेंद्र चैधरी इस गिरोह का सरगना है जिसका लम्बा आपराधिक इतिहास है। वह उ त्तराखंड और उत्तर प्रदेश में चोरी की वारदात में भी शामिल रहाह ै। एएसपी ने बतायाय कि पकड़े गये आरोपियों के मोबाइल में राजस्व विभाग का साफ्टवेयर लोड था जिससे यह संबंधित जानकारी प्राप्त कर लेते थे। इस गिरोह ने कई बैंकों में लोन के लिए एप्लाई किया था जिसकी स्वीकृति भी होा चुकी थी। इसी दौरान यह मामला संज्ञान में आ गया और इस गिरोह का भंडाफोड़ हो गया।