अटल टनल सुरक्षा के लिए महत्वपूर्णः मोदी
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर आज केंद्र सरकार द्वारा अटल भूजल योजना शुभारंभ किया और हिमाचल में रोहतांग टनल का नाम अटल टनल किया गया। विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने कहा कि अटल टनल देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अटल जी के सपने को पूरा करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। अटल भूजल योजना सिंचाई और पानी को लेकर है।पानी की समस्या से निपटने के लिए अटल भूजल योजना पर सरकार पांच साल में 6000 करोड़ रुपये का खर्च करेगी पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा, आज के इस अवसर देश के कोने कोने से गांवों के सरपंच और तमाम महानुभाव इस कार्यक्रम में हमारे साथ शामिल हैं। उनके साथ साथ मनाली में अटल जी के प्रिय गांव प्रिणी से भी इस समारोह में लोग टेनॉलोजी के माध्यम से जुड़े हुए हैं।आज सबसे पहले देशवासियों को क्रिसमस की बधाई। आज देश को दो रत्नों का जन्मदिन है। अटल बिहारी वाजपेयी जी और महामना मदन मोहन मालवीय जी को मैं कोटि कोटि नमन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा, मनाली के प्रिणी के लोगों को अटल जी के जन्मदिन पर बहुत बड़ा उपहार सरकार द्वारा दिया जा रहा है। आज हिमाचल को जम्मू कश्मीर और लेह लद्दाख से जोड़ने वाला रोहतांग टनल अटल जी के नाम से जाना जाएगा। ये अटल जी ही थे जिन्होंने इस मार्ग के महत्व को समझा और इसके विकास के लिए कार्य किया। मेरे लिए खुशी की बात है कि जब मैं संगठन का काम करता था तब अटल जी के हिमाचल के प्रिणी आने पर कई काम करने का मौका मिला। उस वक्त कभी मैंने सोचा नहीं था कि आज मुझे अटल जी के सपने को उनके नाम से जोड़ने का सौभाग्य मिलेगा। करगिल के युद्ध के बाद सुरक्षा की दृष्टि से यह बहुत बहुत महत्वपूण हो गया था कि हमें नई व्यवस्थाएं विकसित करनी होगी। पानी की विषय अटल जी के हृदय के बहुत करीब था। शांत कुमार जी के नेतृत्व में पानी को लेकर एक बहुत बड़ी योजना को आकार दिया गया था। लेकिन बाद में अटल जी की सरकार नहीं रही और पानी योजना ही बह गई। हमने पिछली सरकार के दौर में भी इस काम पर बल दिया और अब मिशन मोड पर इस काम को बढ़ाने पर बल दिया। अटल भूजल योजना हो या फिर जल जीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइन ये 2024 तक देश के हर घर तक जल पहुंचाने के मिशन में एक बड़ा कदम है। एक तरफ जल जीवन मिशन है, जो हर घर तक पाइप से जल पहुंचाने का काम करेगा और दूसरी तरफ अटल जल योजना है, जो उन क्षेत्रें पर विशेष ध्यान देगी जहां ग्राउंड वॉटर बहुत नीचे है। पीएम मोदी ने कहा कि अटल भूजल योजना वहां काम करेगी जहां पानी का स्तर बहुत कम हो गया। इस योजना से सात राज्यों में भूजल के स्तर को ऊपर उठाने में मदद मिलेगी। इन सात राज्यों में उतर प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र शामिल हैं। इन राज्यों में 78 जिलों के कई ग्राम पंचायतों में भूजल की स्थिति बहुत विकट है। हमें जल रक्षण और जल संवर्धन पर बल देना होगा। ताकि पानी की एक एक बूंद बचाई जा सके। इस टीम का नेतृत्व करेगा कौन? इसके लिए हमें उन लोगों को जोड़ना होगा जो पानी के संकट से प्रभावित हैं। इसके लिए हमें उन माताओं बहनों के पास जाना होगा जो घरों की असली मुिखया हो। जहां तक संभव हो पानी के रिसाइकिल से काम चलाया जाए। मैं स्टाअर्प दुनिया के लोग पानी बचाने के लिए आगे आ सकते हैं। वह ऐसी व्यवस्था विकसित कर सकते हैं जिसके कारण कम से कम पानी में गुजारा करने की आदत बनें। देश के 18 करोड़ ग्रामीण घरों में से केवल 3 करोड़ घरों में ही नलों से जल पहुंचता है। अगले पांच वर्षों में केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कर 3।5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च पानी को लेकर किया जाएगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रोहतांग टनल के लिए 4000 करोड़ रुपये की धनराशि अप्रूव की गई थी। लेकिन बीआरओ यानि बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेश ने इसे 1000 करोड़ कम में पूरा किया। रक्षा मंत्री ने कहा कि आज पीएम द्वारा इस रोहतांग टनल के शुभारंभ के बाद यह अटल टनल के नाम से जाना जाएगा। यह देशवासियों की तरफ से अटल जी को विनम्र श्रद्धांजलि है। अटल टनल का तकरीबन 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। दावा किया गया है कि ये विश्व का सबसे ऊंचा टनल होगा। मई 2020 में इसका उद्घाटन प्रस्तावित है। अटल टनल बनने से मनाली और केलांग के बीच की दूरी करीब 45 किलोमीटर कम हो जाएगी। टनल बनने से बर्फबारी के कारण साल के 6 महीने देश और दुनिया से कट जाने वाला जनजातीय इलाका लाहौल-स्पिति साल के 12 महीने दुनिया की हलचल से जुड़ा रह पाएगा। गौरतलब है कि समुद्रतल से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर बन रही यह दुनिया की सबसे लंबी ट्रैफिक टनल मानी जा रही है। अटल टनल भविष्य में यह टनल लेह लद्दाख में तैनात सेना के लिए भी लाइफ लाइन की तहर काम करेगी। पीर पंजाल की पहाड़ियों को भेदकर बनाई जा रही इस सुरंग के नीचे से एक और टनल का निर्माण हो रहा है, जिसे आपात स्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। बीआरओ की देखरेख में ऑस्ट्रिया और भारत की ज्वाइंट वेंचर स्ट्रॉबेग-एफकॉन कंपनी इसका निर्माण कर रही है।