भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में नई ऊचाइंयों को छुआः कोविंद

राष्ट्रपति ने आईआईटी रूड़की के दीक्षांत समारोह में बांटी उपाधियां

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हरिद्वार (उद संवाददाता)। आइआइटी रुड़की के दीक्षा समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में नई ऊचाईयों को छुआ है। चंद्रयान-2 का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने दिखा दिया कि हम किसी से कम नहीं हैं। कहा कि सिर्फ सॉफ्ट लैंडिंग को छोड़ दिया जाए तो पूरा अभियान सफल रहा। उन्होंने वैज्ञानिकों को इसके लिए बधाई भी दी। राष्ट्रपति ने कहा कि आइआइटी अपनी गुणवत्ता के लिए जाने जाते हैं। कहा कि संस्थानों में होने वाले शोध का लाभ आम आदमी तक पहुंचना चाहिए। आईआईटी के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 2029 छात्र छात्राओं को उपाधि प्रदान की जिनमें 1018 यूजी, 702 पीजी और 309 पीएचडी डिग्रीधारी शामिल थे। समारोह में पहली बार इंजीनियरिंग एण्ड साइंस के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोधकार्य के लिए पीएचडी कर चुके तीन छात्रों को डॉक्टरल एक्सीलेंस अवार्ड प्रदान किया गया। इससे पहले, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद सुबह दिल्ली से विशेष विमान से देहरादून की जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंचे। जौलीग्रांट ग्रांट एयरपोर्ट पर प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, राज्य मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत, मेयर सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव, डीजीपी व प्रशासनिक अधिकारियों ने उनका पुष्पगुच्छ के साथ स्वागत किया। इसके बाद राष्ट्रपति जौलीग्रांट एयरपोर्ट से सेना के हेलीकॉप्टर से हरिद्वार के लिए रवाना हुए। हरिद्वार में उनका काफिला वाया भगत सिंह चैक, प्रेमनगर पुल से होते हुए कनखल स्थित हरिहर आश्रम पहुंचा जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जूना अखाड़ा के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद से मुलाकात की और आश्रम स्थित पारदेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना की।

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