लखनऊ (उद ब्यूरो)।शाहजहांपुर निवासी एलएलएम की छात्रा का शोषण किए जाने के मामले में आिखरकार एसआईटी ने पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के िखलाफ कार्रवाई शुरू कर दी। शुक्रवार को एसआईटी की टीम पीड़िता को लेकर स्वामी के आश्रम जा पहुंची। इससे पहले एसआईटी की टीम ने करीब 7 घंटे तक स्वामी चिन्मयानंद से पूछताछ की। इस दौरान एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद से छात्रा के आरोपों और रंगदारी के मामले में कई सवाल पूछे। इससे पहले एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद के वकील, उनके कॉलेज के प्रिंसिपल और दूसरे स्टाफ से पूछताछ कर चुकी है। स्वामी चिन्मयानंद से पुलिस लाइन में स्थित एसआईटी के दफ्तर में पूछताछ की गई। इस दौरान एसआईटी के प्रभारी आईजी नवीन अरोड़ा और उनकी टीम के सदस्य मौजूद थे। स्वामी चिन्मयानंद से सारे सवाल छात्रा और उसके आरोपों के बारे में ही पूछे गए। चिन्मयानंद से यह भी पूछा गया कि आिखरकार उनसे जुड़े वीडियो का सच क्या है? वह छात्र को कैसे जानते हैं? और छात्रा की ओर से लगाए गए दुष्कर्म के आरोपों के बारे में उनका क्या कहना है? एसआईटी ने कॉलेज के हॉस्टल के कमरे में मिले साक्ष्यों के आधार पर भी स्वामी चिन्मयानंद से पूछताछ की। आरोपों के मुताबिक जो साक्ष्य हॉस्टल के कमरे से गायब हैं, उनके बारे में भी सवाल पूछे गए। हालांकि सूत्रों के मुताबिक स्वामी चिन्मयानंद में सारे मामले को एक गहरी साजिश बताया और कहा कि उनके मुख्य आश्रम की छवि खराब करने के लिए यह साजिश रची गई है। स्वामी का कहना था कि वह जल्दी एक विश्वविद्यालय का निर्माण करने जा रहे थे। कुछ लोग चाहते हैं कि उसका निर्माण कार्य ना हो पाए। इसीलिए उनके िखलाफ पूरी साजिश का ताना-बाना बुना गया। एसआईटी ने उनसे 5 करोड रुपये की रंगदारी मांगे जाने के मामले में भी जानकारी हासिल की। शुक्रवार को इस मामले में कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए एसआईटी की टीम शाहजहांपुर में स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम में जांच करने के लिए पहुंची। इस दौरान पीड़ित लड़की भी एसआईटी की टीम के साथ थी।
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