पार्षदों ने दी आंदोलन की चेतावनी
मारपीट के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए चार दिन की मोहलत
रुद्रपुर(उद संवाददाता)। पार्षद पति के साथ नगर निगम के सफाई कर्मियों द्वारा की गयी मारपीट के खिलाफ पार्षद मुखर हो गये हैं। उन्होंने मामले में कार्रवाई नहीं होने पर 10 सितमंबर से आंदोलन की चेतावनी दी है। पत्रकारों से बातचीत में आज नगर निगम के पार्षदों ने कहा कि नगर निगम रुद्रपुर के कुछ कर्मचारी बेलगाम हो गए हैं और आए दिन आम जनता के साथ जनप्रतिनिधियों से अभद्रता कर रहे हैं। पार्षद रीना जग्गा के प्रतिनिधि राजेश जग्गा के साथ जिस तरह से अभद्रता व मारपीट की गई है वह घटना निंदनीय है।उन्होंने मारपीट में लिप्त दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए निष्कासन की मांग की। पार्षदों ने कहा कि घटना की लिखित शिकायत बाजार चैकी के साथ ही जिलाधिकारी डा. नीरज खैरवाल से भी की लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई भी जांच या कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाई है, जो प्रशासन की हीला हवाली को उजागर करता है। वार्ता के दौरान पार्षद रीना जग्गा ने कहा कि आवास विकास क्षेत्र में कचरा उठाने वाली गाड़ी के ड्राईवर अनिल कुमार ने दो सितंबर को उनके पति को फोन पर अवगत कराया कि उसका विवाद सिद्धि विनायक अस्पताल के गाड़ी खड़ी करने को लेकर स्थानीय निवासी से हो गया है। निगम ड्राइवर अनिल कुमार की सूचना पर जब पार्षद प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को सुनने के बाद उनके बीच सुलह करा दी गई। वहीं लगभग 3 बजे के आसपास ड्राइवर अनिल कुमार ने राजेश जग्गा को नगर निगम बुलाया। जब वह निगम परिसर में पहुंचे तो वहां पर पहले से ही निगम कर्मचारियों का हुजूम खड़ा था। वहां पहुंचते ही उन्होंने पार्षद प्रतिनिधि पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए उनके साथ अभद्रता शुरू कर दी। कर्मचारियों का कहना था एक पार्षद प्रतिनिधि होने के नाते उन्होंने निगम कर्मचारी का साथ देने के बजाए स्थानीय व्यक्ति का साथ दिया है जिससे निगम कर्मचारी आहत हैं। जब पार्षद प्रतिनिधि ने अपना पक्ष रखा तो कुछ कर्मचारियों ने उनके साथ मारपीट शुरु कर दी। कुछ कर्मचारियों ने मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने का प्रयास किया। पार्षद सुशील चैहान ने कहा कि यह एक सोची समझी रणनीति के तहत किया गया है। उन्होंने कहा कि जब दोनों पक्षों के बीच सुलह करा दी गई थी तो मामले को क्यों तूल दिया गया। सुलह कराने वाले व्यक्ति को ही क्यों निशाना बनाया गया, यह जांच का विषय है। पार्षद रमेश कालरा ने कहा कि जब तक दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती वह तब तक चैन से नहीं बैठेंगे। सभी पार्षदों ने एक स्वर में 10 सितंबर का अल्टीमेटम देते हुए नगर निगम प्रशासन से मारपीट में शामिल कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही उनके निष्कासन की मांग की साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वह क्षेत्र की जनता को साथ लेकर वृहद स्तर पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे। पत्रकार वार्ता के दौरान पार्षद सुरेश गौरी, राजेंद्र निषाद, विधान राय, सुशील मंडल, प्रीति साना, निमित कुमार शर्मा, कैलाश राठौर, शिव कुमार गंगवार, मोहन कुमार, किरन लता, बबीता बैरागी, सीमा गुप्ता, प्रकाश सिंह धामी, जितेंद्र यादव, नाजिम अली, प्रमोद शर्मा, शालू पाल, सायरा बानो, सुनील कुमार, मो- जाहिद, अमित कुमार मिश्रा, पुष्पा रानी, पूजा, कमला देवी, सुशील कुमार यादव, रजनी रावत, मधु शर्मा, दिव्या अनेजा, इलमा समरीन, आयुष तनेजा, सुनीता मुंजाल, मोहन खेड़ा, सुशील चैहान, अंबर सिंह, श्यामली विश्वास, विरेंद्र कुमार, बबलू सागर, रीना जग्गा, रमेश कालरा, राजेश कुमार एवं पार्षद प्रतिनिधि मौजूद थे।