जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू,तेज होगा सेना का ऑपरेशन

200 आतंकियों के साथ 3000 मददगारों पर भी नजर

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नई दिल्ल।जम्मू- कश्मीर में महबूबा मुफ्रती सरकार गिरने के बाद अब राज्यपाल शासन लागू हो गया है। राज्यपाल एनएन वोहरा ने बुधवार को राज्य की कमान संभाल ली है और बैठकें भी शुरू कर दी हैं। इसके साथ ही सेना अब राज्य में अपना ऑपरेशन तेजी से आगे बढ़ाएगी। सूत्रें की मानें, तो केंद्र सरकार अब घाटी में दो तरीके से ऑपरेशन को आगे बढ़ाएगी। इसमें एक तरफ से तो आतंकियों का सफाया किया जाएगा और दूसरी तरफ उन्हीं आतंकियों की मदद करने वाले ओवर ग्राउंड वर्कर्स को भी निशाना बनाया जाएगा। बताया जा रहा है कि अभी भी 200 आतंकी पूरी तरह से घाटी में एक्टिव हैं और इनकी मदद करने के लिए करीब 3000 ओवर ग्राउंड वर्कर्स एक्टिव हैं। एक बार जब सेना दोबारा अपना ऑपरेशन तेजी से आगे बढ़ाएगी तो घाटी में सर्च ऑपरेशन बढ़ाया जाएगा। इसके लिए अभी से ही साइबर एजेंसियां ने तैयारियां भी शुरू कर दी है। साइबर सेल एजेंसियों के साथ मिलकर मिशन को आगे बढ़ा रही है। ऑपरेशन के साथ-साथ सेना का जोर अब राज्य में विकास कार्य को आगे बढ़ाने का भी है। एक तरफ जहां सेना आतंकियों का सफाया करेगी तो दूसरी तरफ ऐसा माहौल बनाएगी जिससे अधिकारी आसानी से काम कर सकें। अधिकारियों का फोकस जारी विकास कार्यों में तेजी लाना होगा, जिसके लिए सेना माहौल बनाएगी। सीजफायर खत्म होने के बाद ही सेना ने ऑपरेशन बढ़ाया और पिछले करीब 48 घंटों में सात से अधिक आतंकियों को मार गिराया। आपको बता दें कि ओवर ग्राउण्ड वर्कर्स पूरी तरह से आतंकी नहीं हैं बल्कि ये एक तरह से सूचनार्थ का काम करते हैं। ये आम लोगों के बीच में उनकी तरह ही घूमते हैं और फिर आतंकियों को पूरी जानकारी देते हैं। हाल ही में जब पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या की गई तो तीन आतंकवादियों ने बाइक पर आकर उन्हें गोली मारी थी। लेकिन हत्या के बाद जिस तरह चौथा संदिग्ध मौके पर आकर पिस्टल उठाकर भागा वह हर किसी ने देखा था। चौथा संदिग्ध मदद करने के बहाने आम लोगों के बीच में आया और सबूत मिटाने की कोशिश की।

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