अटल आयुष्मान योजना में धोखाधड़ी पर चिकित्सकों पर केस
रूद्रपुर,(उद संवाददाता)। अटल आयुष्मान योजना में धोखाधड़ी करने के मामले में चिकित्सक समेत दो लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया और इस योजना के तहत उन्होंने एसएचए से जो भुगतान राशि प्राप्त की थी वह भी एक सप्ताह के भीतर अस्पताल प्रबंधन को वापस लौटाने के आदेश दे दिये हैं। दर्ज रिपोर्ट में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना राज्य स्वास्थ्य अभिकरण के अधिशासी सहायक धनेश चंद ने बताया कि अटल आयुष्मान योजना के तहत उत्तराखंड के समस्त पात्र परिवारों को 5 लाख रूपए प्रतिवर्ष प्रति परिवार के हिसाब से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाती है और मरीजों को कैशलैस उपचार दिया जाता है। सूचीबद्ध अस्पतालों को उनसे किये गये अनुबंध एवं एनएचए तथा एसएचए की गाइडलाइन्स के अनुसार निर्धारित दरों पर सूचीबद्ध अस्पतालों द्वारा मरीजों के उपचार के लिए क्लेम की गयी धनराशि का भुगतान एसएचए द्वारा किया जाता है। जिसके तहत नगर के कृष्ण हॉस्पिटल को भी इस योजना में सूचीबद्ध किया गया था। 25अप्रैल को अस्पताल द्वारा योजना के अंतर्गत की गयी कतिपय अनियमितताओं के आरोप के कारण अस्पताल की सूचीबद्धता निलम्बित की गयी थी और आरोपियों की जांच हेतु सहायक निदेशक राज्य स्वास्थ्य अभिकरण डॉ- अमलेश कुमार सिंह और सलाहकार क्रियान्वयन सहायता एजेंसी डॉ0 मदन मोहन की जांच समिति गठित की गयी थी। जांच समिति ने आख्या दी कि कृष्ण अस्पताल में डा- गौरव एकमात्र चिकित्सक हैं। साथ ही उक्त चिकित्सक जवाहरलाल नेहरू जिला चिकित्सालय रूद्रपुर में संविदा पर अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना में सूचीबद्ध होने की तिथि से वर्तमान तक की अवधि में पूर्णकालिक ऐलोपैथिक चिकित्सक के रूप में कार्यरत हैं। अस्पताल द्वारा अपने स्पष्टीकरण में यह उल्लेख किया कि मरीजों को भर्ती करने के उपरान्त उनकी देखरेख चिकित्सालय में मौजूद स्टाफ द्वारा की जाती है। टीम ने अस्पताल का यह स्पष्टीकरण असंतोषजनक माना क्योंकि मरीजों की देखभाल के लिए अस्पताल में ड्यूटी मेडिकल डाक्टर के रूप में डाक्टर की राउण्ड दि क्लॉक उपस्थिति आवश्यक है। उक्त अस्पताल ने न केवल एंपेलमेंट गाइड लाइन का उल्लंघन किया है,वरन उनका स्पष्टीकरण कि मरीजों की देखभाल स्टाफ द्वारा की जाती है। वह घोर आपत्तिजनक है। उक्त अस्पताल द्वारा अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के अंतर्गत समस्त मरीजों का समुचित उपचार न करके अनुबंध की शर्तों का उल्लंघन किया है। जांच टीम ने कहा कि जिला चिकित्सालय में संविदा में पूर्णकालिक चिकित्सक के रूप में कार्यरत रहते हुए कृष्ण अस्पताल में एकल चिकित्सक के रूप में राउण्ड द क्लॉक उपलब्ध नहीं हो सकते। चूंकि चिकित्सक द्वारा जानबूझकर गलत इरादे से योजना के अंतर्गत अवैधानिक लाभ प्राप्त करने के लिए अस्पताल को सूचीबद्ध कराने के लिए झूठा कथन दिया गया था जो धोखाधड़ी की श्रेणी में आता है। जांच टीम ने अस्पताल द्वारा क्लेम की जो धनराशि एसएचए से प्राप्त की गयी थी उसे वापस लौटाने के आदेश दिये हैं। अस्पताल में 17 मरीजों का इलाज किया गया था जिसके तहत यह धनराशि 167400 रूपए होती है जो अस्पताल को सात दिन के भीतर राज्य स्वास्थ्य अभिकरण को वापस करना होगा। पुलिस ने इस तहरीर के आधार पर चिकित्सक और संचालक विजय के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया।