चमकी बुखार के प्रति गम्भीर नहीं चिकित्सा महकमा
रूद्रपुर(उद संवाददाता)। एक ओर जहां बिहार में चमकी बुखार से 150 से भी अधिक बच्चे असमय मौत की आगोश में समा चुके हैं तो वहीं दूसरी ओर देवभूमि का जनपद ऊधम सिंह नगर का चिकित्सा महकमा जानलेवा बुखार के प्रति गम्भीर दिखाई नहीं दे रहा। महज आम जनता से चमकी बुखार के कारणों व उसके बचने के उपाय की अपील जारी कर अपने दायित्वों की इतिश्री करने में जुटा हुआ है। जिला चिकित्सालय में चमकी बुखार से पीड़ित रोगियों के आने से निश्चित रूप से स्वास्थ्य महकमें में हड़कम्प मच जायेगा। चिकित्सालय द्वारा चमकी बुखार रोगियों के उपचार के लिये ठोस व्यवस्थाएं अभी तक नहीं की गयीं हैं। जहां तक जिला चिकित्सालय में आने वाले साधारण रोगियों की बात करें तो यहां एलर्जी, साधारण बुखार, उल्टी दस्त सहित अन्य रोगों की दवाईयां अक्सर ही नदारद रहती हैं जिस कारण मरीजों व उनके तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वर्तमान में उल्टी दस्त एवं बुखार रोग के तमाम रोगी चिकित्सालय में उपचार कराने आ रहे हैं। ऐसे कई मरीजों ने जो चिकित्सालय में उपचार के लिये भर्ती हैं अक्सर शिकायत की है कि चिकित्सालय में उनकी बेहतर देखभाल नहीं की जा रही है। दवाईयां भी या तो समय से नहीं मिलती या फिर बजार से मंगवाई जाती है। ऐसी स्थिति में यदि जनपद में चमकी बुखार ने दस्तक दे दी तो निश्चित रूप से चिकित्सा विभाग के हाथ पैर फूल जायेंगे। जनपद के अनेक स्थानों से यदि चमकी बुखार के रोगी जिला चिकित्सालय में रेफर किये जाते हैं तो जिला चिकित्सालय में उनके लिये न तो अलग से वार्ड की व्यवस्था की गयी है और न ही उन्हें देने के लिये पर्याप्त दवाईयों की ही व्यवस्था। प्रशासन एवं चिकित्सा विभाग द्वारा आम जनता को चमकी बुखार के लक्षण व इससे बचने के उपाय सम्बन्धित अपील जारी की गयी लेकिन विभाग द्वारा शहर की मलिन बस्तियों में प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के साथ ही निगम प्रशासन कीटनाशक दवाओ के छिड़काव व साफ सफाई के प्रति गम्भीर नहीं दिखाई दे रहे। आज भी जिला मुख्यालय की अधिकांश कालोनियां व मलिन बस्तियों में कूड़े के ढेर लगे दिखाई देते हैं। क्या ऐसी स्थिति में आम जनता को संक्रामक रोगों से पूरी तरह से मुक्त रखा जा सकता है। यदि प्रशासन व चिकित्सा महकमा संक्रामक रोगों की रोकथाम के प्रति वास्तव में चिंता कर रहा है तो जिला चिकित्सालय सहित जनपद के समस्त राजकीय चिकित्सालयों में तेज बुखार सहित अन्य संक्रामक रोगों के उपचार के लिये पर्याप्त दवा भण्डार सुनिश्चित करना होगा।