पलायन रोकने को केन्द्र से मांगा विशेष सहयोग
देहरादून। हिमालयी राज्य उत्तराखंड में आज पलायन एक बड़ी समस्या बन चुकी है। गांव के गांव खाली होते जा रहे हैं खेत-खलिहान बंजर हो रहे हैं और आबाद क्षेत्र अब वीरान हो रहे हैं। पलायन रोकने की कोशिश तो बहुत हो रही लेकिन चुनौतियां प्रयासों पर भारी पड़ती नजर आ रही हैं। उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने इस दिशा में केंद्र से विशेष सहयोग मांगा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर सांसद अनिल बलूनी ने उत्तराखंड के पर्वतीय जनपदों के लिए आगामी बजट में विशेष फंड की मांग की है। पर्वतीय जनपदों से भारी संख्या में हो रहे पलायन की समस्या के निदान के लिए बलूनी ने विशेष फंड मांगा है। पलायन का दंश झेल रहे उत्तराखंड राज्य की ये पीड़ा हमेशा से ही है। रोजगार और बेहतर स्वास्थ्य , शिक्षा व सुविधा की एवज में बड़ी तादात में लोग पलायन कर शहरों की तरफ भाग रहे हैं । इस भागमभाग में पहाड़ खाली हो रहे तो शहरी क्षेत्रों की आबादी बढ़ रही है। हाल ही में पलायन आयोग ने पलायन पर अल्मोड़ा जिले की रिपोर्ट जारी की तो मानो पहाड़ के इस जख्म को फिर से हरा कर दिया। अल्मोड़ा जिला भी पलायन की मार से अछूता नहीं रहा। जिले के 80 गांव में 2011 के बाद 50 फीसदी से अधिक पलायन हुआ है। जिले से करीब 70 हजार से अधिक लोगों ने पलायन किया है। ये बताता है कि कैसे लोग पहाड़ों से पलायन कर रहे हैं और पहाड़ खाली हो रहे हैं। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने वित्त मंत्री से मुलाकात कर अवगत करवाया की कैसे पलायन के चलते सैकड़ों गांव निर्जन (घोस्ट विलेज) हो गए हैं , लिहाजा भयावह होती इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र के सहयोग की आवश्यकता है। सांसद अनिल बलूनी के मुताबिक मूलभूत सुविधाओं और सामान्य रोजगार के लिए होने वाले पलायन के उन्मूलन के लिए धरातल पर व्यवहारिक नीति बन सके और ठोस कार्य हो सके। उत्तराखंड के पौड़ी,टिहरी,उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली , बागेश्वर , पिथौरागढ़ , चम्पावत , नैनीताल पलायन की समस्या से ग्रस्त हैं। राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने इस बात पर जोर दिया कि अगर राज्य को विशेष फण्ड मिलता है तो यह पलायन रुकने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हिमालय राज्य के लिए यह जीवनदान होगा । उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रलयों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों से संवाद कर इस कड़ी को आगे बढ़ाया जाएगा। सांसद बलूनी की माने तो अगर ढांचागत अवस्थापना के साथ बेरोजगारी उन्मूलन की नीति बनती है तो यह पलायन रोकने में कारगर होगी।