पाकिस्तान से वापिस वतन लौटे अभिनंदन,अटारी बाॅर्डर पर उमड़ी लोगों की भीड़
विंग कमांडर अभिनंदन के हौसले के आगे पस्त हुआ पाकिस्तान,देशभर में आतिशबाजी के साथ जश्न शुरू.तिरंगा लेकर स्वागत के लिये अटारी बाॅर्डर पर उमड़ी लोगों की भीड़
नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान की लगभग 54 घंटे बाद वतन वापस लौट आये है। भारत और पाकिस्तान के रिश्तों के लिए आज का दिन काफी अहम है। पाकिस्तान आर्मी की ओर से बंदी बनाए गए भारतीय विंग कमांडर अभिनंदन की आज अपने वतन लौटे है। हांलाकि अभिंनदन के साथ पाकिस्तान में मारपीट की गई हो मगर पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की इस पहल से देशवासी खुश हैं और उनकी सराहना भी हो रही है। अमेरिका समेत कई देशों के दबाव और भारत के आक्रामक रुख के बाद पाकिस्तान ने यह फैसला लिया। अमेरिका ने पाकिस्तान के इस फैसले का स्वागत किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत-पाकिस्तान से अच्छी खबर आ रही है। उधर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने भारत से एक बार फिर सबूत मांगा है। उनका कहना है कि अगर भारत ठोस सबूत देता है तो हम बेहद बीमार मसूद अजहर को गिरफ्तार करेंगे। विंग कमांडर अभिनंदन का मेडिकल चेकअप किया जा रहा है. इसके बाद उनका मेडिकल रिपोर्ट तैयार किया जाएगा। इसके उन्हें भारतीय अधिकारियों को सौंपा जाएगा। अटारी बॉर्डर पर एयरफोर्स के एंबुलेंस और फील्ड हॉस्पिटल के एंबुलेंस अटारी बॉर्डर पर इस वक्त मौजूद हैं। जैसे ही कमांडर अभिनंदन यहां पहुंचेंगे एयरफोर्स के अधिकारी उन्हें साथ कर लेंगे. इसके बाद उन्हें अमृतसर ले जाया जाएगा.। अटारी बॉर्डर पर गजब का जोशअटारी बॉर्डर पर इस वक्त गजब का जोश देखने को मिल रहा है। हालांकि आज बीटिंग रिट्रीट परेड कैंसिल है, लेकिन फिर अटारी बॉर्डर से कुछ दूर काफी लोग मौजूद हैं. अटारी बॉर्डर पर बीएसएफ और एयरफोर्स के अधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद हैं। अभिनंदन की वतन वापसी के मद्देनजर अटारी-वाघा बॉर्डर पर रोजाना होने वाले बीटिंग रिट्रीट कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। बीएसएफ के एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अटारी-वाघा बॉर्डर पर विंग कमांडर की वापसी के मद्देनजर काफी लोग पहले से ही वहां पर मौजूद हैं। सुरक्षा पहले से ज्यादा सख्त किया गया है। इसलिए सीमा पर होने वाली बीटिंग रिट्रीट को कैंसिल कर दिया गया है। पायलट अभिनंदन वर्थमान का स्वागत करने के लिए अटारी संयुक्त जांच चैकी (जेसीपी) पर शुक्रवार को भारी संख्या में लोग जुटे हैं। अभिनंदन को आज(शुक्रवार को) पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा रिहा किया जाएगा। अटारी में लोगों का सुबह छह बजे से ही पहुंचना शुरू हो गया और सुबह नौ बजे तक लोगों का हुजूम उमड़ आया। अपने दोस्तों के साथ यहां पहुंचे अमृसतसर के रहने वाले जितेंद्र ने कहा, ष्हम यहां अपने देश के नायक की घर वापसी पर उसका स्वागत करने के लिए आए हैं। हम उसका भव्य स्वागत करेंगे। उसने हवाई लड़ाई में बहुत बहादुरी दिखाई और पाकिस्तानियों के कब्जे में होने के बाद भी दिलेरी दिखाई।ष् अभिनंदन के माता-पिता, एयर मार्शल एस। वर्थमान (सेवानिवृत्त) और मां शोभा वर्थमान जो एक डॉक्टर हैं उनका गुरुवार शाम चेन्नई से नई दिल्ली जाने वाली एक फ्लाइट में यात्रियों द्वारा उत्साहवर्धन किया गया। दोनों के बेटे के स्वदेश वापसी के मौके पर अटारी में होने की उम्मीद है। उनके देश वापसी का पूरा देश इंतजार कर रहा है। वहीं वाघा बॉर्डर पर अभघ्निंदन का स्घ्वागत करने पहुंचे लोगों में भारी उत्घ्साह और जोश है। पाकिस्तानी कब्जे में जाने के 54 घंटे बाद अभिनंदन को पाकिस्तान ने लौटाया और अब हमारा वीर सपूत हमारे बीच है। लेकिन ये भारत की वीर पुत्र के शौर्य और भारत की ताकत और पराक्रम की जीत है। हम आपको बताते हैं कि कैसे भारत ने सख्त रुख और कूटनीतिक दांव से सिर्फ 54 घंटे में इस मुश्किल मिशन को पूरा किया। पुलवामा में 14 फरवरी को आतंकी हमला हुआ तो हमारी वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के अंदर 100 किलोमीटर तक घुसकर पाकिस्तान में बालाकोट और पीओके के आतंकी ठिकानों पर कहर बरपा दिया। भारतीय एक्शन से बौखलाया पाकिस्तान जवाब देने के लिए अगले ही दिन भारत में घुस आया। 27 फरवरी को सुबह 10 बजे के आसपास भारतीय सीमा में घुसे पाकिस्तानी विमान थ्16 को अभिनंदन ने ने अपने पराक्रम से आसमान में पाकिस्तान के अत्याधुनिक एफ-16 विमानों के छक्के छुड़ा दिए। जाबांज पायलट ने पुराने मिग विमान मिंग 21 बायसन से ही एफ 16 को खदेड़ दिया। एफ 16 का मलबा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मिला। आसमान में हुए इस जंग की चपेट में विंग कमांडर अभिनंदन का मिग-21 बायसन भी आया। दरअसल दुश्मनों के खदेड़ते हुए मिग-21 बायसन में अब कुछ भी हो सकता था। ऐसे में विंग कमांडर अभिनंदन से पैराशूट से छलांग लगा दी और जब वे जमीन पर पहुंचे वे इलाका पीओके का था। दुश्मन के विमान को मार गिराने के लिए पीओके में घुसे अभिनंदन ने दुश्मन के कब्जे में जाकर भी अदम्य साहस दिखाया। जब उनका विमान गिरा तो उस वक्त भी उन्होंने अपना पराक्रम दिखाकर पाकिस्तानियों को हैरान कर दिया। पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पीओके में पैराशूट से अभिनंदन एक तालाब में कूदे और कुछ दस्तावेज और मैप्स निगलने की कोशिश की। अभिनंदन ने वहां जमा हुए लोगों से पूछा कि वह भारत में हैं या पाकिस्तान में? जिसके जवाब में एक बच्चे ने चालाकी दिखाते हुए कहा कि वह भारत में ही हैं। पायलट ने इसके बाद नारे लगाए और पूछा कि भारत में वह किस जगह पर हैं। उसी लड़के ने अभिनंदन को बताया कि वह किला में हैं। अभिनंदन के देशप्रेम भरे नारों को कुछ पाकिस्तानी युवा पचा नहीं पाए और पाकिस्तान आर्मी जिंदाबाद का नारा लगा दिया। अभिनंदन समझ गए कि वह पाकिस्तान में हैं लेकिन बिना डरे उन्होंने हवा में फायरिंग की। हाथों में पत्थर लिए हुए लोगों को डराने के लिए भारतीय पायलट ने हवा में फायरिंग की। इस मुश्किल परिस्थिति में भी अभिनंदन ने साहस बनाए रखा और पाकिस्तान के आम नागरिकों की सुरक्षा का भी ध्यान रखा। वह एक तालाब में कूदे और अपनी जेब से कुछ डॉक्युमेंट निकालकर उन्हें नष्ट करने की कोशिश की, ताकि पाकिस्तानी सेना के हाथ कुछ ना आ पाए। इसके बाद पाकिस्तान ने एक वीडियो जारी किया जिसमें उनसे सेना का अफसर कोई सवाल पूछ रहा था और वे जवाब देने से साफ मना कर रहे थे। दुश्मन की कैद में होने के बावजूद भारतीय पायलट अभिनंदन की हिम्मत बिल्कुल भी डगमगाती दिखाई नहीं देती है। अभिनंदन के पिता भी वायुसेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। पाकिस्तानी सेना के कब्जे में भी विंग कमांडर अभिनंदन सीना ताने, सर उठाए खड़े रहे और किसी भी सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया। पूरे देश में अभिनंदन की वापसी की दुआएं होने लगी और भारत सरकार ने साफ कर दिया कि पाकिस्तान को हमारे पायलट को बिनी किसी शर्त, बिना नुकसान पहुंचाएं सौंपना ही होगा। जिस तरह से भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी कारखाने पर हमला किया। पीओके में दूसरे आतंकी कैंपों को नेस्तनाबूत किया। उससे पाकिस्तान बुरी तरह से डर गया था। पाकिस्तान को डर था कि भारत अपने पायलट अभिनंदन को छुड़ाने के लिए कोई बड़ा फैसला कर सकता है। इस्लामबाद की पैनी नजर दिल्ली में हो रही हर हलचल पर थी। पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद पूरा हिंदुस्तान गुस्से में था। उरी हमले के बाद भारतीय फौज का सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान पहले ही देख चुका था। रावलपिंडी में बैठे पाकिस्तानी आर्मी के जनरलों की भी समझ में आ गया कि ये नया भारत है- जो दुश्मन के घर में भी घुस सकता है और मार भी सकता है। एक ओर भारतीय फौज पाकिस्तान को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है तो दूसरी ओर पूरी दुनिया आतंकवाद के खिलाफ जंग में हिंदुस्तान के साथ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप पहले ही संकेत दे चुके थे कि कोई अच्छी खबर आनेवाली है। दुनिया की महाशक्तियां भी पाकिस्तान को कोसने में लगी थी और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के साथ खड़ी दिखी। ऐसे में पाकिस्तान के पास खुद को शांति दूत दिखाने के सिवाए कोई दूसरा चारा नहीं बचा। भारत ने पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए दुनिया के ज्यादातर देशों को बताया कि किसने अपने एयर स्पेस बंद किए? समझौता एक्सप्रेस को किसने बंद किया? भारत अपनी धरती पर और आतंकी हमले बर्दाश्त नहीं करेगा? पाकिस्तान के युद्धनोन्माद का पूरा मुकाबला किया जाएगा? इस बीच भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के तार पाकिस्तान से जुड़े होने के बारे तमाम सबूतों वाला डॉजियर पाकिस्तान को भेज दिया है। मतलब, भारत ने पाकिस्तान को पूरी तरह घेर लिया। ये भारत की ओर से खींची गई लक्ष्मण रेखा थी। इसका मतलब था कि अगर हमारा पायलट सुरक्षित नहीं लौटा तो पाकिस्तान के खिलाफ सीधी कार्रवाई होगी। पाकिस्तान भारत के गुस्से को समझ गया और भारत के वीर सपूत अभिनंदन को लौटाने का ऐलान खुद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को 30 घंटे के अंदर करना पड़ा। हालांकि, पायलट अभिनंदन को छोड़ने से पहले पाकिस्तान ने बहुत हिसाब-किताब किया। अभिनंदन को आगे कर सौदेबाजी की स्क्रिप्ट लिखनी चाही। लेकिन, कोई दांव काम नहीं आया। भारत ने साफ-साफ कह दिया कि वो इस्लामाबाद के किसी जुबानी झांसे में नहीं आएगा। आज हिंदुस्तान अपने शूरवीर पायलट का अभिनंदन कर रहा है जो पाकिस्तान की आबोहवा देखकर आ रहा है, लेकिन भारत का रुख साफ है कि पुलवामा कांड का मास्टरमाइंड मसूद अजहर बहुत दिनों तक आजाद नहीं घूम सकता है।