गौला में निजी कंपनी के लिए गेट बनाने का विरोध
हल्द्वानी। मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष सुमित हृदयेश के नेतृत्व में गौला संघर्ष समिति एवं डंपर एसोसिएशन गौला मजदूर एवं जन कल्याण समिति ने जिलाधिकारी विनोद कुमार सुमन को ज्ञापन सौंपकर गौला नदी में निजी कंपनी के लिए बनाए जा रहे गेट का जोरदार विरोध किया। समिति के लोगों का कहना है कि इस वर्ष गौला नदी में रेता-बजरी कम मात्र में आया है ऐसे में निजी कंपनी के लिए अलग से गेट खोलने से इससे जुड़े अन्य कारोबारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि गौला नदी में 11 गेटों से निकासी कार्य हो रहा है। इन गेटों से निर्धारित 54 लाख घनमीटर उपखनिज की निकासी होनी है जबकि पिछले वर्ष 37 से 40 लाख घनमीटर ही निकासी हो पाई थी जो कि लक्ष्य से काफी कम है। ऐसे में यदि निजी कंपनी के लिए अलग से गेट खोला गया तो इससे जुड़े 7500 वाहन व हजारों मजदूर, चालक, मोटर पार्ट्स विक्रेता एवं मिस्त्री तथा वाहन स्वामियों के सामने समस्या उत्पन्न हो जाएगी। शीशमहल से गौला पुल बाईपास तक तीन किलोमीटर के क्षेत्र में तीन गेट हैं और चौथा गेट जो कि एक निजी कंपनी के लिए 9 लाख घनमीटर निकासी के लिए खोला जा रहा है। इस तरह लगभग 19 लाख घनमीटर उपखनिज तीन किमी के क्षेत्र से निकाला जाएगा तो पूरब की दिशा में बना हुआ स्टेडियम, पश्चिम में रेलवे लाइन एवं उत्तर दिशा में काठगोदाम पुल को गिरने की प्रबल संभावना बन जाएगी जो कि इस क्षेत्र के लिए भारी क्षति होगी। समिति ने कहा कि यदि अतिरिक्त गेट खोला गया तो इससे जुड़े लोगों का काम प्रभावित होगा। समिति ने मांग की है कि पंजीकृत वाहनों से पिछले वर्ष की भांति उप खनिज खरीदा जाए। जिससे कि नदी से जुड़े हुए लोगों का रोजगार प्रभावित न हो एवं पर्यावरणीय दृष्टि से भी नदी प्रभावित न हो। समिति ने कहा कि यदि निकासी गेट को अविलंब बंद नहीं किया गया तो गौला नदी से जुड़े समस्त लोग जनांदोलन के लिए बाध्य होगी जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। ज्ञापन में गोपाल अधिकारी, राजेंद्र सिंह बिष्ट, राजकुमार यादव, हेमंत, राशिद, हेम चंद्र, हरीश भगत,हरेंद्रबोरा, जगमोहन मेहरा, नवीन चंद्र भट्ट आदि के हस्ताक्षर हैं।