तेरी बेटी को जला दिया..हिम्मत है तो बचा लेे!!

पौड़ी कांड पर बड़ा खुलासा: छात्रा के प्यार में दरिंदा बना प्रेमी,युवक की शादी के बाद छात्रा ने बंद कर दी थी बातचीत,पूर्व में भी हुआ था दोंनो के बीच विवाद,घटना के बाद खुद युवती को मांग को दी धमकी,एम्स में भर्ती युवती के उपचार में जुटी टाक्टरों की टीम,हालत बेहद नाजुक,घटना से स्कूली छात्रों में उबाल,फांसी देने की मांग

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पौड़ी। पहाड़ की शांत वादियों में आपराधिक वारदातों के साथ ही दरिंदगी की घटनायें बढ़ती जा रही है। दो दिन पूर्व पौड़ी जिले की एक छात्रा को आग के हवाले करने के आरोपित युवक को पुलिस गिरफ्तार कर लिया। जबकि उसे न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है। पुलिस को दिये बयान में आरोपित युवक ने बताया कि गुस्से में आकर उसने यह कदम उठाया, घटना के बाद वह भी आत्महत्या करने वाला था कि पुलिस ने उसे दबोच लिया। पौड़ी के निकट रविवार को युवती को जिंदा जलाने की घटना में आरोपित वाहन चालक ने पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराया। पुलिस को दिये बयान के मुताबिक जो कहानी सामने आयी है, उसके अनुसार आरोपी युवक व पीड़ित छात्रा के बीच लंबे समय से प्रेम प्रसंग चला आ रहा था। आरोपित ने बताया कि लड़की जब नौवीं कक्षा की छात्रा थी, तभी से दोनों के बीच प्रेम संबंध थे। आरोपित युवक की छह माह पहले किसी अन्य लड़की से शादी हो गई थी। उसके बाद पीड़ित लड़की ने उसका फोन उठाना व मिलना-जुलना बंद कर दिया था। आरोपी युवक ने कई बार उससे बात करने की कोशिश की लेकिन वह प्रेम संबंधों के लिए राजी नहीं हुई। रविवार को छात्रा प्रयोगात्मक परीक्षा देने के लिए पौड़ी आयी हुई थी। परीक्षा के बाद शाम को युवक उसके साथ ही स्कूटी में बैठ कर उसके साथ वापस घर की ओर रवाना हुआ। बुवाखाल से आगे जाने पर वह युवती को कच्ची सड़क पर ले गया। जहां सुनसान जगह पाकर उसने पहले तो युवती के साथ मारपीट की। जब वह नहीं मानी तो उसने पेट्रोल छिड़क कर उसे आग लगा दी। इस घटना में आरोपित युवक के भी दोनों हाथ व मुंह आग से झुलस गये हैं। आरोपित युवक ने पुलिस को बताया कि वह इस घटना को अंजाम देने के बाद खुद भी आत्महत्या करना चाहता था, लेकिन पुलिस ने उसे धर दबोचा। तहसीलदार हरिमोहन खंडूड़ी ने बताया कि आरोपित युवक का मेडिकल करवाने के बाद उसे जेल भेज दिया गया है। पौड़ी तहसील की कफोलस्यूं पट्टी में एक सिरफिरे चालक मनोज उर्फ बंटी ने छात्रा पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। करीब सत्तर फीसदी झुलसी छात्रा को श्रीनगर अस्पताल के चिकित्सकों ने एम्स के लिए रेफर किया। रात में छात्रा को एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन छात्रा के परिजनों ने एम्स प्रशासन में उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। तीर्थनगरी के लोगों ने आरोपी को तत्काल फांसी की सजा देने की मांग की है। पीड़ित छात्रा की मां का कहना है कि अभी तक उनकी बेटी को होश नहीं आया है। एम्स प्रशासन उपचार में लापरवाही बरत रहा है। सरकार की तरफ से भी उन्हे अभी तक कोई मदद नही दी गई है, जिस वार्ड में उनकी बेटी को रखा गया है वहां उपचार के पूरे साधन नही है। छात्रा की मां ने एम्स प्रशासन पर आरोप लगाया कि एम्स चिकित्सक छात्रा को अन्य जगह रेफर करने के लिए दवाब डाल रहे हैं। लेकिन रेफर पच्रे पर यह नहीं लिखा जा रहा है कि कौन से अस्पताल के लिए रेफर किया जाये। उधर, तीर्थनगरी के स्थानीय लोगों का कहना है कि सरकार की तरफ से अभी तक छात्रा की मदद करने के लिए प्रशासन आगे नही आया है। हादसे के बाद से ही छात्रा के परिजन सदमे में हैं और छात्रा की मां का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। छात्रा की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। एम्स प्रशासन का कहना है कि देर रात करीब 2 बजे पौड़ी से एंबुलेंस के जरिए लड़की को ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया। अस्पताल में लगभग 25 डॉक्टर छात्रा के उपचार में जुटे हैं। एम्स में छात्रा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
घटना से स्कूली छात्रों में उबाल,फांसी देने की मांग
ऋषिकेश। घटनाक्रम के दौरान 70 प्रतिशत से ज्यादा जल चुकी छात्रा फिलहाल मौत से जंग लड़ रही है। पौड़ी स्थित छात्रा के कॉलेज के सभी छात्रों ने कलेक्टर परिसर में घटना का विरोध करते हुए आरोपी को फांसी की सजा देने की मांग की है। छात्रों ने कहा कि ऐसी घटनाएं बहुत ही निंदनीय है। अगर आरोपी को अभी फांसी की सजा नहीं दी गई तो इन मामलों में और बढ़ोत्तरी होती जाएगी। पीड़िता के साथियों ने फांसी की सजा की मांग करते हुए राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई है। सभी छात्रों ने त्रिवेंद्र सरकार से लड़की के इलाज में खर्च होने वाले पैसे का वहन करने को कहा है। पीडित छात्रा नेहा की मां पम्पी देवी ने बताया कि कुछ साल पहले छेड़खानी करने के मामले में उनकी बेटी ने आरोपित चालक मनोज को थप्पड़ रसीद कर दिया था। आरोपित चालक ने कई बार उनकी बेटी के साथ छेड़खानी की। जिसका उनकी बेटी ने हमेशा विरोध किया। रविवार को जब उनकी बेटी भौतिक विज्ञान की प्रयोगात्मक परीक्षा देकर घर आ रही थी तभी चालक मनोज ने इस घटना को अंजाम दिया। इतना नहीं घटना को अंजाम देकर छात्रा की मां को फोन भी किया कि उसने उनकी बेटी जला दिया है अगर हिम्मत है तो अपनी बेटी को बचा लें।

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