खत्म हो रही है देश का विकास रोकने वाली व्यवस्थाएंःमोदी

मोदी को चैन से सोने नहीं देंगेः राहुल

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों से लेकर सरकार द्वारा 4 साल में प्राप्त उपलब्धियों के जरिए कांग्रेस को करारा जवाब दिया है। उन्होंने मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रश्नों के जरिए सरकार के चार साल के कार्यकाल को सामने रऽा। मोदी ने कहा कि क्या चार साल पहले किसी ने सोचा था कि हेलिकॉप्टर घोटाले का राजदार भारत में होगा और 1984 के सिऽ नरसंहार के दोषी कांग्रेस नेताओं को सजा मिलने लगेगी। राफेल मुद्दे पर पीएम मोदी ने सु्प्रीम कोर्ट की ओर से क्लीन चिट मिलने की बात दोहराई। पीएम ने आगे कहा कि वे ऐसी व्यवस्थाओं को तोड़ रहे हैं, ऽत्म कर रहे हैं, जिन्होंने दशकों से देश के विकास को रोक रऽा था। उन्होंने कहा, हमारे यहां एक साइकोलॉजी रही है कि जब सरकार के िऽलाफ आरोप लगाते हुए कोई अदालत में जाता है, तो माना जाता है कि सरकार गलत होगी और आरोप लगाने वाला सही। घोटाले हों, भ्रष्टाचार के आरोप हों, यही एक मानसिकता रही है लेकिन ये पहली बार हुआ है, जब कोई सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत गए और वहां से उन्हें दो टूक जवाब मिला, कि जो काम हुआ है वो पूरी पारदर्शिता से हुआ है। क्या चार पहले किसी ने ऐसा सोचा था? नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के हौसले तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद काफी बुलंद नजर आ रहा है। भाजपा पर उनके हमले काफी तेज हो गए हैं। राहुल गांधी का कहना है कि जब तक देश के सभी किसानों का कर्ज माफ नहीं हो जाता, तब तक वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोने नहीं देंगे। किसानों के कर्ज माफी के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा, देिऽए, चुनाव जीतते ही हमने दो राज्यों के किसानों का कर्जा माफ कर दिया है। चुनाव से पहले हमने वादा किया था कि किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। लेकिन जब तक देश के किसानों का पैसा माफ नहीं होगा, मैं मोदीजी को सोने नहीं दूंगा। देश के हर किसान का कांग्रेस पार्टी कर्जा कांग्रेस माफ करवाएगी। देश के किसानों डरो मत, कांग्रेस पार्टी आपके साथ ऽड़ी है। उन् होंने कहा कि नोटबंदी दुनिया का सबसे बड़ा स्कैम है, गरीबों से पैसा छीनकर मोदीजी ने अपने मित्रें को दिया। देश के लोगों का पैसा लेकर इन 15-20 उद्योगपतियों की जेब में डाला गया। भारत में मुख्य लड़ाई गरीब जनता, छोटे दुकानदार और 15-20 बड़े उद्योगपतियों के बीच की है।

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