हल्द्वानी हिंसा में सर्च ऑपरेशन जारी,यूपी बरेली से जुड़े हो सकते है हिंसा के तार
पुलिस ने पूर्व पार्षद महबूब आलम,जीशान सहित पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार,साठ पत्थरबाजो को हिरासत में लिया
हल्द्वानी(उद ब्यूरो)। हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुए हिंसक उपद्रव को लेकर पश्चिमी यूपी बरेली से हिंसा के तार जुड़े हो सकते हैं। पुलिस के हाथ कुछ सटीक जानकारी लगी है। कई उपद्रवियों के राज्य से बाहर जाने की सूचना भी पुलिस के पास है। इसके चलते बरेली और पश्चिमी यूपी पुलिस टीम भेजी गई है। उपद्रव के तीसरे दिन भी बनभूलपुरा में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सख्ती को और भी बढ़ा दिया गया है। सीएम से लेकर मुख्य सचिव और डीजीपी का दौरा होने के बाद बनभूलपुरा में फोर्स की सक्रियता और संख्या दोनों में बढ़ोतरी की गई है। बनभूलपुरा हिंसा का मास्टर माइंड बताया जा रहा हैं। हिंसाग्रस्त क्षेत्र में पुलिस ने भारी फोर्स के साथ सर्च ऑपरेशन चलाकर दो निर्वतमान पार्षद समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। कई लोग हिरासत में भी लिए गए हैं। मामले की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए हैं। शनिवार को हिंसाग्रस्त क्षेत्र बनभूलपुरा में पुलिस के सर्च ऑपरेशन के बाद एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने पत्रकार वार्ता की। उन्होंने बताया कि हिंसा मामले में भाजपा नेता निवर्तमान पार्षद महबूब आलम, निवर्तमान पार्षद जीशान, सपा नेता अरशद अयूब, असलम चौधरी और सपा नेता अब्दुल मतीन सिद्दीकी के भाई जावेद सिद्दीकी को भी गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि सर्च ऑपरेशन के दौरान कहीं से भी हंगामे की खबर नहीं है और कफ्रर्यू के बीच पूरे क्षेत्र में शांति बनी हुई है। अब्दुल मलिक ने सरकारी जमीन कब्जा करके मदरसा और नामाज स्थल बनाया था, जिसे तोड़ने को लेकर हिंसक घटना हुई है। इस मामले में पुलिस अब्दुल मलिक की तलाश कर रही है। मलिक को गिरफ्रतार करने के लिए अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं। बृहस्पतिवार को जहां पीएसी और पुलिसफोर्स के जवानों ने उपद्रव का सामना किया। वहीं शुक्रवार को आईटीबीपी और शनिवार को क्षेत्र में सुरक्षा घेरे को पुख्ता करते हुए एसएसबी के जवानों को भी तैनात कर दिया गया है। उधर उपद्रवियों के तार बाहर से जुड़े होने के कुछ सबूत मिलने के बाद पुलिस की टीमें पश्चिमी यूपी रवाना हो गईं हैं। पुलिस यह पता लगा रही हैं कि पेट्रोल बम बनाने वाले कहीं बाहर के तो नहीं थे। इसके अलावा भी पुलिस कई पहलुओं की जांच कर रही है। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि हर एंगल से जांच की जा रही है।जल्द ही पुलिस खुलासा करेगी। पुलिस ने बनभूलपुरा हिंसा मामले में पांच लोगों को गिरफ्रतार किया है। इनमें निवर्तमान पार्षद महबूब आलम भी हत्थे चढ़ा है। महबूब को भाजपा नेता बताया जाता है, लेकिन इसका नाम आने के बाद पार्टी के नेता उसके संगठन में सक्रियता न होने की बात कह रहे हैं, जबकि महबूब आलम की सोशल मीडिया पर भाजपा नेताओं से जुड़ी कई तस्वीर हैं। इस बारे में भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट का कहना है कि जब से वह पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं, उनके समय में महबूब आलम पार्टी में सक्रिय नहीं दिखा। उनके पास संगठन का कोई दायित्व नहीं है। इससे पूर्व के जिलाध्यक्ष प्रदीप बिष्ट का कहना है कि जब डीपीसी के चुनाव हुए थे, तब उन्होंने पार्टी को समर्थन किया था, उस वत्तफ पार्टी के साथ आए थे। पर उनके पास कोई दायित्व नहीं था। वे करीब दो साल से पार्टी में सक्रिय भी नहीं थे। बनभूलपुरा में पथराव और आगजनी की घटना के बाद पुलिस ने चार लोगों को मेडिकल के लिए बेस अस्पताल लेकर पहुंची। मगर संवेदनशील मामले के बावजूद शनिवार को सिर्फ चंद पुलिसकर्मियों के साथ चारों को बेस अस्पताल से कोतवाली तक पैदल ले जाया गया। इससे सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े हुए। बनभूलपुरा मामला संवेदनशील होने के बावजूद पुलिसकर्मी चारों आरोपियों को पैदल की अस्पताल से 30 मीटर दूर कोतवाली तक लेकर गए। इस दौरान रास्ते में कुछ लोग उनकी फोटो भी खींचने की कोशिश करने लगे। जिस पर मास्क, मफलर आदि से आरोपियों के चेहरे को ढका गया। चौंकाने वाली बात यह थी चारों को कोतवाली लाते समय महज चार पुलिसकर्मी ही साथ थे, जबकि अस्पताल गए शेष पुलिसकर्मी वहीं रुक गए। इससे चारों की सुरक्षा को लेकर पुलिस की संजीदगी पर भी सवाल खड़े होने लगे। वहीं भारी संख्या में हिंसा में शमिल उपद्रवियों को पकड़ने में पुलिस अब तक सिर्फ पांच लोगों को दबोच पायी है हांलाकि संवेदनशील क्षेत्र में पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी है। पंकज उपाध्याय नगर आयुत्तफ के अनुसार नजूल राज्य सरकार की स्वामित्व की संपत्ति है, नगर निगम इसका प्रबंधक है। नजूल की जमीन पर अब्दुल मलिक अवैध रूप से छोटे-छोटे भूखंड को 50 और 100 रुपये के स्टैंप पर बेचने का कार्य कर रहा था। अब्दुल ने ही कथित अवैध मदरसा, नामाज स्थल बनवाया था। इसी अवैध निर्माण को बचाने के लिए उसने लोगों को उकसाने का कार्य किया है, जिसकी विवेचना पुलिस कर रही है।