भारतीय सेना को उत्तराखंड से मिले 26 जाबांज अफसर
देहरादून। भारत माता तेरी कसम, तेरे रक्षक बनेंगे हम। आइएमए गीत पर कदमताल करते जेंटलमैन कैडेट ड्रिल स्क्वायर पहुंचे, तो लगा कि विशाल सागर उमड़ आया है। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरे शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। शनिवार को भारतीय सैन्यअकादमी (आइएमए) में अंतिम पग भरते ही 347 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 80 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। भारतीय उप सेना प्रमुऽ लेफ्रिटनेंट जनरल देवराज एन्बु ने परेड की सलामी ली। इस मौके पर उन्होंने नव सैन्य अधिकारियों से परम्परागत और गैर परम्परागत चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आ“वान किया। सुबह 08 बजकर 55 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। कंपनी सार्जेट मेजर अरविंद, मनीष कुमार, हितेष चंदा, संजय पंत, ठाकुर हर्षवर्धन, अहंतम, राहुल सिंह व बृजेश पाल सिंह ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी- अपनी जगह ली। एडवास कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते कैडेट गुरवीर सिंह तलवार के नेतृत्व में परेड के लिए पहुंचे। परेड कमांडर अर्जुन ठाकुर ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली।कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध किया। इधर, युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तो आसमान से हेलीकाप्टरों के जरिए उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी। इस मौके पर उप सेना प्रमुऽ लेफ्रिटनेंट जनरल देवराज एन्बु ने कैडेटों को संबोधित करते कहा कि आज 24 घंटे इन्फार्मेशन वारफेयर चल रहा है। यह आपकी सोच, मूल प्रकृति व मूल्यों को प्रभावित करने का प्रयास करेगी। आप इस चुनौती का दृढता से सामना करें और इस मंशा को कामयाब न होने दें। उन्होंने कहा की वर्तमान दौर में युद्ध तकनीक का तेजी से विकास हुआ है। पर उपकरण के पीछे रहने वाले व्यत्तिफ़ का महत्व फिर भी बना रहेगा। 1971 युद्ध की बात करते कहा कि यह भारतीय सेना के युद्ध कौशल और रणनीति का एक बेहतरीन उदाहरण है। भारत के सैन्य इतिहास में दर्ज ऐसे कई स्वर्णिम अध्याय भावी अफसरों को प्रेरणा देते रहेंगे। देश की सुरक्षा और सम्मान अब आपके कंधों पर है।उप सेना प्रमुऽ ने एक अफसर और जवानों के बीच रिश्ते की अहमियत भी समझाई। उप सेना प्रमुऽ ने कैडेट्स को ओवरऑल बेस्ट परफारमेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। अर्जुन ठाकुर को स्वार्ड ऑफ ऑनर व स्वर्ण पदक प्रदान किये गए। रजत पदक गुरवीर सिंह तलवार को दिया गया। जबकि, हर्ष बंसीवाल ने सिल्वर मेडल (टीजी) हासिल किया। कांस्य पदक गुरवंश सिंह गोसाल को मिला।सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट बिशाल चंद्र वाजी चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर सैंगरो कंपनी को मिला। आइएमए में इस बार एक नयी परंपरा की नींव रऽी गई है। परेड की शुरुआत कुछ बदलाव के बीच हुई। यह पहली बार था जब अकादमी के असिस्टेंट एडजुटेंट मेजर अंगद सिंह व ड्रिल इंस्ट्रक्टर सूबेदार मेजर सुल्तान सिंह शेऽावत भी परेड कमांडर के साथ ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे। इसके अलावा परेड स्थल पर पूर्व अधिकारियों का भी सम्मानस्वरूप स्वागत किया गया। इनमें अकादमी के पूर्व कमान्डेंट ले जनरल केके ऽन्ना, ले जनरल गंभीर सिंह नेगी और पूर्व एडजुटेंट मेजर जनरल राजेंद्र सिंह व कर्नल राकेश नायर शामिल थे। आज पास आउट हुए कैडेटों में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश से 53, हरियाणा से 51, बिहार से 36 ,उत्तराऽंड से 26 दिल्ली से 25, महाराष्ट से 20, हिमाचल प्रदेश से 15, पंजाब से 14, राजस्थान से 12, जम्मू-कश्मीर से 12, मध्य-प्रदेश से 10, पश्चिम बंगाल से 08, कर्नाटक से 08, केरल से 8, झारऽंडसे 6, तेलंगानासे 5, उड़ीसा से 5, मणिपुरसे 3, तमिलनाडु से 5, आंध्र प्रदेश से 4, चंडीगढ़ से 4, गुजरात से 4, छत्तीसगढ़ से 2, त्रिपुरा से 2, पुदुच्चेरी से 1और मिजोरम से 1 कैडेट शामिल है।