मनचलों की हरकतों से सरेआम स्कूली लड़कियां और सिडकुल की कामकाजी महिलाएं और युवतियां हो रही शर्मसार,

0

रुद्रपुर,6दिसम्बर। शहर में मनचलों के आतंक ने युवतियों और महिलाओं का सड़कों पर निकलना दूभर कर दिया है। महिलाओं और युवतियों से छेड़छाड़ की घटनायें आम हो चुकी हैं।स्कूल से आने जाने के दौरान जहां छात्रएं मनचलों की हरकतों से शर्मसार हो रही हैं वहीं सबसे बुरा हाल सिडकुल के आस पास का है। शाम के समय फैक्ट्रियों से लौटने वाली युवतियों और महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने वाले मनचले अब सारी सीमायें लांघने लगे हैं लेकिन पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई से कतरा रही है। शहर के कुछ इलाकों पर तो अकसर ही मनचलों का जमावड़ा रहता है। स्कूलों की छुट्टी के दौरान इंदिरा कालोनी रोड, काशीपुर बाईपास रोड, ट्रांजिट कैम्प रोड सहित कई स्थानों पर मनचले बाईकों पर सवार होकर छात्रओं से हूटिग करते साफ देखे जा सकते हैं। कई बार तो इन मनचलों की हरकतों के कारण छात्रओं को दुर्घटना का शिकार भी होना पड़ता है। आलम यह है कि मनचले युवक सरेराह युवतियों से अभद्रता कर रहे हैं। लोकलाज के भय से महिलाएं और युवतियां इसकी शिकायत करने से कतरा रही हैं। सबसे बुरी स्थिति सिडकुल के आस पास की है। शाम के समय फैक्ट्रियों से हजारों महिलाएं और युवतियां सिडकुल से ड्यूटी करके अपने अपने गंतव्य को जाती है। बाहरी क्षेत्रें से आकर महिलाएं और युवतियां यहां नौकरी कर रही हैं इसलिए वह चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहीं। सब कुछ देखते जानते भी न तो क्षेत्र के जनप्रतिनिधि कोई आवाज उठा रहे हैं और न ही पुलिस प्रशासन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कोई कदम उठा रही है। पूर्व में शहर में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए शौर्या स्क्वायड बनाई गई थी लेकिन यह भी भी अब ढूंढने से भी नजर न हीं आती। जिसके चलते मनचलों के हौसले लगातार बढ़ रहे हैं और महिलाएं व युवतियां अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हैं। सिडकुल के बाद से ही दूर दराज क्षेत्रें से हजारों की संख्या में महिलाएं व युवतियां यहां सिडकुल में नौकरी करने आयीं जिनकी सर्वाधिक संख्या ट्रांजिट कैंप क्षेत्र में है। स्थिति यह हो जाती है कि ड्यूटी से जाते समय व ड्यूटी समाप्त होने के समय सिडकुल के मुख्य बाजार में नौकरी पेशा करने वाली महिलाओं और युवतियों का आवागमन लगा रहता है। ऐसे में मनचले सरेराह उनसे अभद्रता पर उतारू हो जाते हैं। ऐसी घटनाएं कई बार सामने आती हैं कि जब मनचले सड़क पर ही अश्लील टिप्पणी करने के साथ साथ छेड़छाड़ पर भी उतारू हो जाते हैं जबकि ट्रांजिट कैंप का मुख्य बाजार व्यस्तता भरा होता है और सैकड़ों की संख्या में वहां स्थानीय दुकानदार भी निवास करते हैं। बावजूद इसके ऐसे मनचलों पर कोई रोकटोक नहीं है जबकि ट्रांजिट कैंप चौकी को वृहद रूप देते हुए उसे अब थाने में तब्दील कर दिया गया है इसके बावजूद यहां मनचलों पर कोई अंकुश नहीं है। कोई भी पुलिसकर्मी सड़क पर गश्त करता नजर नहीं आता। ट्रांजिट कैंप थाना पुलिसकर्मी यदि सिडकुल में ड्यूटी पर जाने और आने के समय ट्रांजिट कैंप के मुख्य मार्ग पर गश्त करें और ऐसे मनचलों पर नकेल कसें तो ऐसी घटनाओं पर रोक लगायी जा सकती है लेकिन यह देखने को नजर नहीं आ रहा। छेड़छाड़ के अलावा कई बार असामाजिक तत्व युवतियों और महिलाओं से लूटपाट का भी प्रयास करते हैं। पूर्व में भी ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके अलावा शहर की अन्य मलिन बस्तियों में भी कमोबेश यही स्थिति देखने को मिलती है। कहने को शहर में सीपीयू तैनात की गयी है। जगह जगह पुलिस भी वाहनों की चेकिंग करती है। सीपीयू और चेकिंग करने वाली पुलिस टीम सिर्फ वाहन चालकों के चालान काटने तक ही सीमित नजर आती है। सीपीयू टीम अगर मनचलों के खिलाफ अभियान चलाये तो महिलाओं और युवतियों भी खुद को सड़कों पर सुरक्षित महसूस करेंगी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.