यारों ने निभाई यारी,रामपाल को सौंपी शहर की जिम्मेदारी

जनता की अपेक्षाओं के साथ-साथ अपनी मित्र मण्डली के विश्वास पर भी खरा उतरना होगा मेयर रामपाल को

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 राज
रूद्रपुर। नगर निगम क्षेत्र में भाजपा के प्रति विपरीत माहौल,मलिन बस्तियों में मतदान का बहिष्कार और नजूल के मुद्दे पर जनता का पारा सातवें आसमान पर। जिसके चलते भाजपा की राह आसान नही थी लेकिन भाजपा मेयर प्रत्याशी रामपाल की मित्र मण्डली और संगठन की रणनीति ने जनता के गुस्से का गुबार निकाल दिया और अन्तोगतवा रामपाल को विजयश्री दिलाई। रामपाल की जीत में सबसे बड़ा हाथ उनकी मित्र मण्डली का रहा। वैसे तो किसी भी उद्ेदश्य की प्राप्ति के लिये संगठन का होना जरूरी होता है। यदि संगठन एकजुट हो तो बड़े से बड़ा कार्य भी आसानी से पूर्ण हो जाता है। लेकिन यहां संगठन तो था लेकिन जनता में तोड़-फोड़ और नजूल को लेकर काफी रोष था। जिसके चलते क्षेत्र में भाजपा के प्रति लोगों में रोष था। जिसका लाभ कांग्रेस उठाना चाहती थी। लेकिन भाजपा ने मेयर पद के लिये ऐसा प्रत्याशी मैदान में उतारा जो शिक्षित और ईमानदार होने के साथ-साथ व्यवहार कुशल था। जिसके पास धन के रूप में अपनी मित्र मण्डली की पूंजी थी। शुरू में तो भाजपा प्रत्याशी रामपाल कार्यकर्ताओं की आखों में चुभते रहे लेकिन जब उन्हे रामपाल के व्यक्तित्व के बारे में पता चला तो धीरे-धीरे वह उनके साथ जुड़ते गये। रामपाल को टिकट मिलते ही उनकी मित्र मण्डली ने उन्हे विजयश्री दिलाने का बीड़ा उठा लिया। मित्र मण्डली ने संगठन के साथ समन्वय बनाया और पूरा तालमेल बनाते हुये अपनी रणनीति बनानी शुरू की। मित्र मण्डली ने अपना काम-काज और व्यापार दरकिनार करते हुये दिन रात मेहनत शुरू कर दी। कुछ मित्र रणनीति बनाने में जुटे तो कुछ व्यवस्थाए बनाने में लग गये। फंडिंग का बीड़ा भी दोस्तों ने अपने सिर पर ही लिया और बिना रामपाल से पैसा लिये अपनी-अपनी जेबों से जिम्मेदारी निभानी शुरू कर दी। छोटे-छोटे कार्यो को गंभीरता से लिये जाने लगा। इसके साथ ही जनता के बीच जा-जाकर मतदाताओं की नब्ज भी टटोली गई। अपनी कमजोरियां ढूंढ कर उन्हे दूर किया जाता रहा। वैसे तो शिक्षित,ईमानदार और कुशल व्यवहारिक रामपाल को टिकट मिलते ही भाजपा का पलड़ा भारी हो गया था उनके नाम के ऐलान के साथ ही उनकी मित्रमण्डली और उनसे जुड़े सैकड़ो वोट उनके पक्ष में आ गये थे। लेकिन जनता में नजूल का मुद्दा गरमा जाने से कांग्रेस भी सक्रिय हो गई थी। कांग्रेस ने अपने पक्ष में चुनाव का रूख करना शुरू कर दिया था और प्रचार में काफी पीछे चल रहे कांग्रेस प्रत्याशी नन्दलाल भाजपा प्रत्याशी रामपाल की बराबरी में आ खड़े हुये,लेकिन भाजपा संगठन और रामपाल की मित्र मण्डली पीछे कहां रहने वाली थी उन्होंने भी काबीना मंत्री प्रकाश पंत और मदन कौशिक की कई सभायें करा डाली। इतने में भी भाजपाई कहा मानने वाले थे उन्होंने नजूल पर जनता का विश्वास जीतने के लिये मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की एक बड़ी सभा करा डाली जिसके चलते चुनाव का रूख पुनः धीरे-धीरे भाजपा प्रत्याशी की ओर होने लगा। चुनाव से कन्नी काटे बैठे रम्पुरावासियों को मनाने के लिये उत्तर प्रदेश के चर्चित विधायक संगीत सोम की सभा ही रम्पुरा के पास कराई गई ताकि रम्पुरावासियों को मनाया जा सके। बस फिर क्या था क्षेत्र में पुनः भाजपा के पक्ष में माहौल बन गया और मतदान के दिन जनता ने भाजपा के पक्ष में वोटिंग कर इसका परिणाम सामने ला दिया। वैसे वार्डो में निर्दलीयों ने भाजपा का गणित बिगाड़ रखा था लेकिन जनता को भाजपा मेयर प्रत्याशी का पलड़ा भारी लगा जिसके चलते उन्होंने निर्दलीयों को नकार भाजपा पार्षद प्रत्याशी के पक्ष में मतदान किया। बहरहाल भाजपा मेयर प्रत्याशी की विजय में संगठन के साथ-साथ मित्र मण्डली की मेहनत मुख्य थी जिन्होंने अपनी यारी निभाते हुये आज शहर की सरकार की जिम्मेदारी सौंपी। मेयर रामपाल ने अपनी जीत के लिये जनता के साथ कई वायदे किये है जिन्हें उन्हे पूरा तो करना ही होगा इसके साथ ही दिन-रात एक कर भूखे प्यासे रहकर उनकी जीत की राह आसान कर रहे उनके मित्रमण्डली ने भी जनता को बहुत विश्वास दिलाया था इस पर भी खरा उतर कर मेयर रामपाल को अपनी जीत का साकार करना होगा।
संगठन के साथ मित्रमण्डली में शामिल यार
रूद्रपुर। भाजपा मेयर रामपाल को जिताने में विधाायक राजकुमार ठुकराल,संगठन के पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश परिहार ,जिलाध्यक्ष शिव अरोरा,वेद ठुकराल, राजकुमारी गिरि,डा-शाहखान राजशाही, विरेन्द्र सिंह सामंती, भारत भूषण चुघ,संजय ठुकराल,हरीश जल्होत्र,विवेक सक्सेना,राजन राठौर,हिमांशु शुक्ला, विजय फुटेला,तरूण दत्ता,उत्तम दत्ता के साथ-साथ उनकी मित्र मण्डली में मुख्य रूप से गुरमीत सिंह,जेबी सिंह,सीए अशोक सिंघल,सुभाष नारंग,डा-प्रदीप अदलखा, डादीपक छाबड़ा, राजकुमार फुटेला,प्रीतम अरोरा,संजय सिंघल,ललित मिगलानी, बलदेव ठुकराल, वीरेन्द्र सुखीजा,रोहित मित्तल, संजीव आहुजा,सुभाष अरोरा,संजीव अरोरा, गुरदीप अरोरा,सतीश अरोरा, प्रतीक अरोरा, सचिन चड्डा,मनीष अग्रवाल, मनोज मित्तल,सोनू अरोरा,सतीश हुडिया,कपिल कटारिया,नितेश गुप्ता,पवन नारंग,अजयगंभीर अजयवीर सिंह आदि थे।
विधाायक ठुकराल का बढ़ा कद
रूद्रपुर। नगर निगम चुनाव में एक बार फिर भाजपा की जीत से विधायक राजकुमार ठुकराल का कद भी बढ़ गया है। नगर निगम चुनाव में इस बार विधायक राजकुमार ठुकराल की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी थी। विपरीत परिस्थितियों के बीच मेयर प्रत्याशी रामपाल सिंह सहित भाजपा के पार्षद प्रत्याशियों को जिताने के लिए विधायक राजकुमार ठुकराल ने भी पूरी ताकत झाेंक दी थी। विधायक राजकुमार ठुकराल इस चुनाव में भी पूर्व की तरह आक्रामक शैली में नजर आये। उन्होंने अपनी सभाओं को दौरान नजूल के मुद्दे पर कांग्रेेस को भाजपा पर हावी नहीं होने दिया। उन्होंने नजूल पर मालिकाना हक के मुद्दे पर जनता को विश्वास में लेने के लिए यहां तक ऐलान किया था कि अगर वह नजूल भूमि पर मालिकाना हक नहीं दिला पाये तो अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालाकि सीएम त्रिवेन्द्र रावत ने अपनी सभा के दौरान उन्हें आश्वस्त भी किया कि ऐसी कोई नौबत नहीं आयेगी। विधायक ठुकराल जनसभाओं के दौरान कांग्रेस पर लगातार तीखे तीर चलाते रहे। साथ ही उन्होंने जनता को यह भी विश्वास दिलाया कि रामपाल विजयी हुए तो शहर की सभी ज्वलंत समस्याओं का निराकरण किया जायेगा। चुनाव प्रचार के दौरान विधायक ने नजूल के मुद्दे पर कांग्रेस किये जा रहे प्रचार का जवाब देते हुए इस मामले में कांग्रेस को उसी की भाषा में जवाब भी दिया। कुल मिलाकर नगर निगम में भाजपा की जीत में कहीं न कहीं विधायक ठुकराल का भी अहम योगदान रहा। मेयर की सीट भाजपा की झोली में जाने से पार्टी में विधायक राजकुमार ठुकराल का कद भी एक बार फिर बढ़ गया है।

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