नानकमत्ता में विधायक राणा की प्रतिष्ठा दांव पर
विधायक राणा के सात वर्षो के कार्यकाल में हुये विकास कार्यो से संतुष्ट नजर नही आ रहे नानकमत्ता नगर पंचायत के वांशिन्दे
नानकमत्ता। नगर पंचायत बनने के बाद पहली बार हो रहे चुनाव में क्षेत्रीय विधायक की प्रतिष्ठा दाव पर है। नानकमत्ता विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार भाजपा के विधायक बने प्रेम सिंह राणा हर हालत में नानकमत्ता नगर पंचायत के अध्यक्ष पद की सीट भाजपा की झोली में डालने में जुटे है लेकिन अन्दरखाने भाजपा की भीतरघात कांग्रेस को मजबूती प्रदान कर रही है जिसके चलते क्षेत्रीय विधायक प्रेम सिंह राणा की मेहनत पर पानी फिर सकता है। नगर पंचायत बनने के बाद पहली बार हो रहे चुनाव में भाजपा की ओर से गुरप्रीत सिंह उर्फ राजन चौहान, कांग्रेस की ओर से प्रेम सिंह टुरना और निर्दलीय के रूप में नरेश राणा, अनुराधा राणा और डॉ- सुखलाल हालदार बतौर अध्यक्ष चुनावी मैदान में हैं। चूंकि नानकमत्ता क्षेत्र में पहली बार पंचायत अध्यक्ष का चुनाव हो रहा है इसको लेकर क्षेत्रवासियों में खासा उत्साह है क्योंकि अब तक जनप्रतिनिधि के तौर पर क्षेत्र की जनता ने विधायक के रूप में प्रेम सिंह राणा को ही मौका दिया है लेकिन अब पंचायत अध्यक्ष चुनने को लेकर भी लोगों में उत्कण्ठा है। पिछले सात वर्षों से विधायक राणा क्षेत्र की कमान संभाल रहे हैं। हालांकि विधायक राणा विकास कार्यों का दावा करते हैं लेकिन धरातल पर जनता इससे खुश नहीं है। जनता का कहना है कि पिछले सात वर्षों में बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत समस्याओं का समाधान नहीं किया गया वहीं नेशनल हाईवे की हालत भी जर्जर है। उपेक्षा के चलते लघु उद्योग व्यापार भी ठप हो चुका है। जहां नानकमत्ता साहिब ऐतिहासिक स्थल है और प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं, बावजूद इसके नानकमत्ता क्षेत्र की हालत ऐसी नहीं है कि जिस पर गर्व किया जा सके। जबकि देश के अन्य प्रमुख धार्मिक स्थल देखते ही बनते हैं। विधायक राणा ने अपने कार्यकाल के दौरान सौंदर्यीकरण की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। जनता माली जरूरतों से जूझ रही है। इस नगर पंचायत चुनाव में मुख्य रूप से कांग्रेस और भाजपा आमने सामने हैं लेकिन जिस प्रकार भाजपा के प्रति लोगों में आक्रोश है उसका खमियाजा जरूर पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। कांग्रेस प्रत्याशी प्रेम सिंह टुरना व्यापारी वर्ग से आते हैं और तीन बार व्यापार मण्डल अध्यक्ष रह चुके हैं। बतौर व्यापार मण्डल अध्यक्ष उन्होंने व्यापारी हितों को लेकर अनेक बार संघर्ष किया है तथा व्यापारियों से जुड़े मसलों को प्रमुखता से उठाया है। उनकी समाज में अच्छी छवि है। उनका कहना है कि भाजपा सिर्फ खोखले वादे करती है। नानकमत्ता क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं से वह भलीभांति अवगत हैं और यदि जनता उन्हें अपना आशीर्वाद देती है तो वह नानकमत्ता को एक आदर्श पंचायत का दर्जा दिलायेंगे। वहीं भाजपा प्रत्याशी गुरमीत सिंह उर्फ राजन चौहान पूर्व प्रधान रह चुके हैं और उनका पूरा चुनावी समीकरण विधायक प्रेम सिंह राणा के इर्दगिर्द घूम रहा है। जिसका सीधा कारण है कि इस चुनाव से विधायक राणा की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है और वह किसी भी हालत में भाजपा प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए प्रयास करेंगे, लेकिन जिस प्रकार से क्षेत्र की जनता भाजपा के कार्यों से खफा है ऐसे में उनकी राह आसान नहीं होगी। उनका कहना है कि भाजपा ने अपने कार्यकाल में क्षेत्र का चहुंमुखी विकास किया है और यह निरन्तर जारी रहेगा। उनका मानना है कि केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार है जिसका लाभ नगर पंचायत की जनता को मिलेगा। कुल मिलाकर इन दो प्रमुख प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है लेकिन कहीं न कहीं निर्दलीय प्रत्याशी भी उनके वोटों में सेंध लगा सकते हैं। नानकमत्ता क्षेत्र में पंजाबी, थारू और बंगाली वोटों का समीकरण बैठता है लेकिन जिस प्रकार से क्षेत्र की जनता विभिन्न मुद्दों को लेकर विधायक राणा के अब तक के कार्यकाल से खुश नही है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि भाजपा की राह आसान नही है और समय रहते भाजपा ने जनता को संतुष्ट करने में कामयाब नही हुआ तो इसका परिणाम उसे भुगतना पड़ सकता है।