गुलदार के भय से भागा बच्चा,गधेरे में गिरने से मौत
बागेश्वर में नहीं थम रहा गुलदार का आतंक, ग्रामीणों में भारी रोष
बागेश्वर। जिले में गुलदार का आतंक थमने का नाम नीं ले रहा है। आये दिन गुलदार बच्चों को निवाला बना रहा है। देर शाम गुलदार को देख कर भाग रहे बच्चों में एक बच्चा गधेरे में गिर गया। जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट आई और उसकी मौत हो गई। क्षेत्र में गुलदार की दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है। वन विभाग ने भी पिजरा लगाकर अपने काम की इतिश्री कर ली है। ऐसे में ग्रामीणों में गुलदार की दहशत के साथ ही वन विभाग की कार्यप्राणाली पर आक्रोश है। जानकारी के मुताबिक बागेश्वर से एक किमी की दूरी पर स्थित दयांगण गांव में बच्चे खेल रहे थे। इसी दौरान वहां गुलदार आ गया जिसे देखकर बच्चे भागने लगे। इसी दौरान हेमंत टंगड़िया (15) पुत्र कमल सिंह गधेरे में जा गिरा। जिससे उसके सिर में गंभीर चोट आई। ग्रामीण उसको लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। गुलदार की दहशत से एक बच्चे की मौत होने पर लोगों में वन विभाग के खिलाफ आक्रोश पनप रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग ने पिंजरा लगाकर अपने काम की इतिश्री कर ली है। गौरतलब है कि गत दिनों इसी गांव के एक बच्चे को गुलदार उठा ले गया था। जिसका शव गांव के नजदीक ही एक गधेरे में मिला था।तीन दिन पूर्व दयांगण गांव में मासूम को निवाला बनाने वाला गुलदार गत शाम फिर से गांव में देखा गया। इसके अलावा समीपवर्ती नदीगांव में भी गुलदार दिखने से दहशत व्याप्त है। ग्रामीण जगदीश चंद्र, गंगा कुमार, किशन कठायत ने बताया कि गत शाम लगभग छह बजे के आस पास गुलदार दयांगण गांव में देखा गया। वह पेड़ के नीचे दुबका हुआ था। ग्रामीणों ने शोर मचाया तो गुलदार भाग खड़ा हुआ। इसके कुछ देर बाद ही फिर से गुलदार गांव के खेतों में आकर दहाड़ने लगा। जिससे ग्रामीण दहशत में आ गए और शोर मचाकर गुलदार को भगाया। इधर नदीगांव के ग्रामीण शंकु राणा, बलवंत रावल ने बताया कि गुलदार नदीगांव में रात भर दहाड़ता रहा। गुलदार के दिखने से गांवों में दहशत बनी हुई है। ग्रामीणों ने वन विभाग से नदीगांव में भी पिंजरा लगाए जाने की मांग की है।