आईएएस पांडे को फिर मिलेगी अग्रिम जमानत!

अग्रिम जमानत को लेकर अधिासूचना जारी नहीं होने से असमंजस की स्थिति

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नैनीताल । अग्रिम जमानत का प्रावधान भले ही हाईकोर्ट ने प्रभावी बना दिया हो, लेकिन शासन स्तर से इस संबंध में कोई अधिसूचना जारी नहीं होने से असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। नैनीताल जिला अदालत में एनएच मुआवजा घोटाले के आरोपित दो किसानों ने अग्रिम जमानत अर्जी दािऽल की है तो हाई कोर्ट से निचली कोर्ट भेजे गए निलंबित आइएएस डॉ- पंकज पांडे अग्रिम जमानत के लिए जिला कोर्ट में अर्जी दािऽल करने की तैयारी में हैं। दरअसल, हाल ही में हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली ऽंडपीठ ने एक मामले में सुनवाई करते हुए राज्य की निचली अदालतों में अग्रिम जमानत का प्रावधान प्रभावी होने का फैसला दिया था। कोर्ट के फैसले के बाद एनएच घोटाला मामले में निलंबित आइएएस डॉ- पंकज पांडे ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी तो कोर्ट ने उनकी गिरफ्रतारी पर 30 अक्टूबर तक रोक लगाते हुए उन्हें निचली अदालत जाने के आदेश दिया था। सूत्रें की मानें तो डॉ- पांडे ने नैनीताल जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दािऽल करने के लिए संपर्क साधा है, ऐसे में लोक अभियोजक असमंजस में हैं कि सीआरपीसी की धारा-438 प्रभावी मानी जाए या नहीं। डीजीसी फौजदारी सुशील कुमार शर्मा का कहना है कि अग्रिम जमानत से संबंधित मामला दर्ज होने पर प्रभावी पैरवी की जाएगी। दरअसल जब किसी व्यत्तिफ़ को विश्वास करने का कारण है कि हो सकता है, उसको किसी अजमानतीय अपराध किए जाने के अभियोग में गिरफ्रतार किया जाए, तो इस धारा के अधीन निर्देश के लिए हाई कोर्ट या सत्र न्यायालय में आवेदन कर सकता है कि ऐसी गिरफ्रतारी की स्थिति जमानत पर छोड़ दिया जाए और हाई कोर्ट अन्य बातों के साथ कुछ बातों को ध्यान में रऽते हुए जिसमें अभियोग की प्रकृति एवं गंभीरता, न्याय से भागने की आवेदक की संभावना आदि परिस्थितियों में अदालत या तो आवेदन को तत्काल अस्वीकार करेगा या अग्रिम जमानत मंजूर करने के लिए अंतरिम आदेश देगी।

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