दिनेश तैयार,आशा मनोरमा की दावेदारी से भूचाल!
महापौर पद के लिये आशा की दावेदारी,मोदी के खिलाफ प्रदर्शन करने पर घिर गई थी आशा
देहरादून। सूबे की सबसे प्रतिष्ठित राजधानी देहरादून में मेयर पद के लिये कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री व देहरादून की सबसे पहली मेयर के रूप में स्व.मनोरमा डोबरियाल की बहू श्रीमनी आशा मनोरमा ने मेयर पद के लिये दावा ठोक दिया है। निकाय चुनाव की नामांकन प्रकिया भी शुरू हो चुकी है लेकिन अब तक कांग्रेस ने अपने पत्ते नहीं खाले है। इधर पूर्व में दो बार मेयर का चुनाव हार चुके वरिष्ठ कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना की दावेदारी छोड़ने के बाद दिनेश अग्रवाल को पार्टी का मजबूत प्रत्याशी बताया जा रहा है। हांलाकि अभी तक उनके नाम की घोषणा नहीं की है। बताया जात है कि दिनेश पहले से ही मेयर पद के लिये दावा कर रहे थे लेकिन अचानक वह किनारे हो गये। इसके बावजूद उन्हें मनाने के लिये भी प्रयास शुरू किये तो वह अब चुनाव के लिये तैयार हो गये है। इधर पार्टी के समक्ष अब एक और नये चहरे के रूप में महिला नेत्री आशा ने भी मजबूती से अपनी दावेदारी पेश की है। मनोरमा की दावेदारी एंन वक्त पर होने से इस पर चर्चायें तेज हो गई है। माना जा रहा है कि कांग्रेस में महिला उम्मीदावारेां को लेकर प्रदेश महिला कांग्रेस ने भी सम्मानजनक संख्या में महिलाओं को तवज्जों देने की बात कही है। इसी संभावनाओं का देखते हुए आशा ने अब अपनी दावेदारी ठोकते हुए हाईकमान से मेयर पद के लिये उम्मीदवार बनाने की मांग की है। गौर हो कि कांग्रेस नेत्री श्रीमती आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा एक ऐसे परिवार का प्रतिनिधित्व कर ही हैं जो परिवार जय जवान जय किसान कि पृष्ठभूमि पर खडा रहा है, नाना स्वर्गीय श्री टीकाराम डोबरियाल वो स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं जो आजाद हिंद फौज के ऐसे सिपाही थे जिन्हे अंग्रेजी हुकूमत के आखिरी गर्वनर मांउटबैंटन और आजाद भारत के पहले महामहिम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद जी द्वारा प्रशस्ति पत्र एंव अवार्ड द्वारा सम्मानित किया गया,आशा जी एक ऐसे परिवार से हैं जिस परिवार के मुखिया उत्तरप्रदेश वर्तमान में उत्तराखंड कि सबसे बडी ग्राम सभा अजबपुर कलां से किसानी करते हुये बीस साल तक निर्विरोध प्रधान रहे एंव परिवार के ही एक और मुखिया स्वर्गीय श्री शुक्ल चन्द्र शर्मा जो गांधी इंटर कालेज में अंग्रेजी के अध्यापक रहे और ऐसे अध्यापक रहे जो आजीवन अपने घर पर निशुल्क अंग्रेजी की ट्यूशन पढाते रहे और देहरादून कि सडको पर उनके पैर छूने को लोग उमड़ पडते थे, आशा जी ऐसे परिवार से हैं जहां उनके पूर्वजों में से एक स्वर्गीय श्री पीताम्बर दत्त शर्मा शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्रपति पदक से नवाजे गये और हरिद्वार जनपद में उनका नाम बडे आदर के साथ आज भी लिया जाता है। आशा जी के परिवार के मुखिया में उनकी सास कि सास गोरखा मिलट्री स्कूल कि प्रसिध्द प्रिंसिपल रहीं और उनके पूर्वजों में से परिवार के मुखिया ने एसडीएम पद को सुशोभित किया। आशा जी के स्वर्गीय ससुर श्री ब्रह्म स्वरूप शर्मा ओएनजीसी के संस्थापक सदस्य के तौर पर कार्यरत रहे और सास स्वर्गीय श्रीमती मनोरमा डोबरियाल शर्मा उत्तराखंड के प्रथम नगर निगम देहरादून से मेयर पद पर विराजमान होते हुये पहली महिला चेयरपर्सन आल इंडिया मेयर कांउसिल कि व एशियन मेयर कांउसिल की चेयरपर्सन बन कर पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया और इसी कर्मठता को देखते हूये उन्हे कांग्रेस पार्टी कि तरफ से राज्यसभा सांसद के तौर पर अपना प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया गया। परिवार में दिवंगत सास श्रीमती मनोरमा डोबरियाल शर्मा जी कि छोटी बहन श्री बीना डोबरियाल शर्मा राज्य उपभोक्ता फोरम में सदस्य के रूप में एंव दूसरी छोटी बहन दस साल तक एसपीजी में विभिन्न प्रधानमंत्रीयों की सुरक्षा में तैनात रह कर आज डिप्टी कमांडेंट सीआरपीएफ देहरादून में कार्यरत हैं एंव आशा जी कि दो देवरानीयां जो कि कुमाउं के जोशी एंव मिश्रा परिवार से हैं में से एक अध्यापिका एंव दूसरी राज्य उपभोक्ता फोरम में एडमिनिस्ट्रेटिव आफिसर के रूप में अपनी सेवायें दे रही हैं। दिवंगत श्रीमती मनोरमा डोबरियाल शर्मा जी कि माता जी स्वर्गीय श्रीमती वसुंधरा डोबरियाल जी गोरखाली समाज से ताल्लुक रखती थी। सौ साल से ज्यादा के सामाजिक सरोकारों के लिये जुझते इस परिवार के ऊपर आजतक किसी भी तरह कि उंगली नहीं उठी। आज उसी ईमानदार जुझारू परिपाठी पर श्रीमती आशा मनोरमा डोबरियाल अपने समाज, अपने प्रदेश और अपने देश हित के कार्यों को और सबलता के साथ करने के लिये देहरादून महापौर पद के लिये आवेदन करके आयी हैं।