विष्णु मंदिर के पुजारी की हत्या का खुलासा,तीन गिरफ्तार
अल्मोड़ा,18अक्टूबर। विष्णु मंदिर के पुजारी भुवन चंद फुलारा उर्फ त्रिभुवन चैतन्यपुरी की हत्या के मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्रतार कर लिया है जबकि उनके एक अन्य साथी ने पूर्व में आत्म हत्या कर ली थी। मामले का खुलासा करते हुए थानाध्यक्ष लमगड़ा राजेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि गत 29 सितम्बर को सूचना मिली थी कि वर्ष 2017 से मंदिर में पूजा अर्चना कराने वाले पुजारी भुवन फुलारा कई दिनों से लापता हैं। तलाश करनेपर मंदिर के समीप नाले में उनका शव बरामद किया गया। मृतक के पिता गोविंद बल्लभ ने 29 सितम्बर को अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि विवेचना के दौरान संदिग्ध लोगों से की गयी पूछताछ के बाद दीपक सिंह फर्त्याल पुत्र हर सिंह, सूरज सिंह पुत्र जोधा सिंह, यतेंद्र सिंह पुत्र स्व- नंदन सिंह व नंदन सिंह पुत्र अमर सिंह निवासी डोल के नाम प्रकाश में आये जिसमें से नंदन सिंह ने घटना के पश्चात आत्महत्या कर ली थी। गत दिवस थानाध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट की अगुवाई में एसआई अनीस अहमद व कां- जगदीश व राकेश भट्ट डोल बेंड पहुंचे जहां उक्त तीनों व्यक्ति खड़े दिखायी दिये। पुलिस ने घेराबंदी कर तीनों को पकड़कर पूछताछ की तो दीपक ने बताया कि छोटे भाई विक्रम ने विष्णु मंदिर से कई बार पैसों की चोरी की थी। बाबा भुवन ने उसे पकड़कर मोरनौला चौकी ले गये जहां माता पिता द्वारा माफी मांगने पर शिकायत दर्ज नहीं करायी गयी। तब से बाबा रंजिश रखते थे और परिजनों को डांटते थे। दीपक का कहना था कि एक माह पूर्व जब पालतू मवेशी घर नहीं लौटा तो वह अपनी बहन के साथ बैल की तलाश में मंदिर की तरफ गये जहां बाबा ने अभद्रता की और 19 सितम्बर को बाबा ने उस पर चोरी का झूठा आरोप लगाकर बंद कर दिया तथा मारपीट की। दीपक का कहना था कि उसने अपने चाचा नंदन सिंह व यतेंद्र सिंह को इसकी जानकारी दी और बाबा को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया। उसका कहना था कि जब बाबा निकले तो चाचा ने चिपटकर उन्हें गिरा दिया और मंदिर के पास बहने वाले चेक डैम में उनकी हत्या कर शव पत्थरों से ढक दिया। दीपक के साथ सूरज व यतेंद्र ने भी बाबा की हत्या में अपना हाथ होना स्वीकार किया। पुलिस का कहना है कि यतेंद्र के खिलाफ पूर्व में विभिन्न मामले दर्ज हैं। एक अन्य आरोपी नंदन ने गत 1अक्टूबर को जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। हत्याकांड का खुलासा करने वाली टीम को एसएसपी ने 2500 रूपए इनाम देने की घोषणा की। टीम में थानाध्यक्ष लमगड़ा राजेंद्र बिष्ट, एसआई अनीस अहमद, कां- जगदीश, राकेश भट्ट और एसओजी के निरीक्षक व अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।