कराटे खिला़डी ने वापस किया पुरस्कार का चेक

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रुद्रपुर,12अक्टूबर। कराटे खिलाड़ी सिमरन कौर ने आठवीं कामनवेल्थ कराटे प्रतियोगिता वर्ष 2015 में नई दिल्ली में भारतीय कराटे टीम का प्रतिनिधित्व किया था जिस पर खेल निदेशालय ने उन्हें ढाई हजार रूपए की पुरस्कार धनराशि का चेक सौंपा था। लेकिन इस पुरस्कार राशि से आहत कराटे खिलाड़ी सिमरन कौर ने शिक्षामंत्री अरविंद पांडे को सम्बोधित ज्ञापन जिला क्रीडाधिकारी रशिका सिद्दीकी को देते हुए ढाई हजार धनराशि का चेक भी वापस लौटा दिया। दिये गये ज्ञापन में आवास विकास निवासी कराटे खिलाड़ी सिमरन कौर की माता संदीप कौर ने बताया कि उनकी पुत्री सिमरन ने राज्य हेतु तीन बार राष्ट्रीय कराटे प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक व दो कांस्य पदक अर्जित किये। 2015 में कांस्य पदक जीतने पर 2016 में खेल निदेशालय उत्तराखंड द्वारा उसे 50हजार रूपए की धनराशि देकर सम्मानित किया गया था। उत्तराखंड शासन के पूर्व शासनादेश के अनुसार किसी भी खेल की कामनवेल्थ प्रतियोगिता में सब जूनियर इवेंट में राज्य के खिलाडि़यों द्वारा प्रतिभाग करने पर उत्तराखंड खेल निदेशालय 50हजार रूपए खिलाड़ी को पुरस्कार धनराशि देकर सम्मनित करता है लेकिन वर्तमान में सरकार ने नवीन शासनादेश जारी कर प्रत्येक खेल की राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उक्त राशि को अत्यधिक कम कर दिया है जो अभी तक किसी भी सरकार ने नहीं की। इस न्यूनतम राशि से खिलाडि़यों के प्रोत्साहन में क्षति पहुंची है। 2015 आठवीं कामनवेल्थ प्रतियोगिता में भाग लेने पर सिमरन को ढाई हजार रूपए का चेक प्रदान किया गया था जिससे उसके सम्मान को ठेस पहुंची है। उन्होंने उक्त राशि को स्वीकार न करते हुए ढाई हजार की डीडी जिला क्रीडाधिकारी को वापस सौंप दी। इस दौरान कराटे कोच लक्ष्मण सिंह भी मौजूद थे।

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