सभी निजी स्कूलों और बसों में लगायें कैमरे: हाईकोर्ट

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नैनीताल।। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने हल्द्वानी के एक निजी स्कूल की वैन में चार साल की मासूम के साथ छेड़छाड़ की घटना का खुद संज्ञान लिया है। इसके साथ ही न्यायालय ने प्रशासन, स्कूल प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण आदेश भी जारी कर दिए हैं। सभी स्कूल प्रबंधकों को वाहनों में सीसीटीवी कैमरे व जीपीएस सिस्टम लगाने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं छात्र-छात्राओं को इलेक्ट्रॉनिक चिपयुक्त पहचान पत्र देने, स्कूल के कमरों व परिसरों में सीसीटीवी कैमरे लगाने को कहा है। न्यायालय ने इस आदेश का पालन करने के लिए सभी जिला अधिकारियों को अपने-अपने जिले के सभी निजी स्कूलों का हर पखवाड़े निरीक्षण करने का आदेश भी दे दिए हैं।यह आदेश मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति शरद शर्मा की संयुक्त खंडपीठ ने हल्द्वानी निवासी अक्लेमा परवीन की एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में पिछले सप्ताह हल्द्वानी के एक स्कूल वैन में एक अबोध बच्ची के साथ छेड़छाड़ होने व हाल ही में नैनीताल जिले में नाबालिग बच्चियों व अपगों के साथ ही हुए दुष्कर्म की घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रशासन व शासन को कठोर कार्यवाही के लिए निर्देश देने की मांग की गई है। न्यायालय ने स्कूल प्रबंधक के खिलाफ एफआईआर के भी आदेश दे दिए हैं। संयुक्त खण्डपीठ ने निजी स्कूलों के प्रबंधकों को स्कूल बस में महिला कर्मी नियुक्त करने को कहा है। यह महिला कर्मी ही बच्चों को बस में बैठाने व और उतारने का काम करेगी। न्यायालय ने स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने तथा इनको सीधे प्रसिपल के आफिस से जोड़ने को कहा है। स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम भी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद संयुक्त खंडपीठ ने एसएसपी नैनीताल को मासूम के साथ छेड़छाड़ की घटना वाले स्कूल प्रबंधक के खिलाफ 48 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दे दिए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध मामला दर्ज करने जा रही है।

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