हजारों के नकली नोटों समेत तीन गिरफ्तार
वेस्ट बंगाल और बिहार से फर्जी नोट लाकर चलाते थे बाजार में
जसपुर। वेस्ट बंगाल और बिहार से फर्जी नोट तैयार कर असली के रूप में बाजार में चलाने वाले अंतर्राज्यीय गैंग का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया। पुलिस ने हजारों के नकली नोटों समेत तीन लोगों को गिरफ्रतार कर लिया। पुलिस उनसे पूछताछ में जुट गयी है। जसपुर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि क्षेत्र में एक अंतर्राज्यीय गैंग जो बिहार और वेस्ट बंगाल से भारतीय करेंसी की फर्जी करेंसी तैयार कर असली के रूप में बाजार में चलाने का काम करते थे। जसपुर क्षेत्र में उक्त गिरोह के सक्रिय होने की पुलिस को सूचना मिली। एएसपी जगदीश चंद के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया गया और मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने अंग्रेजी शराब की दुकान सूत मिल में नकली नोट चलाते हुए तीन लोगों को गिरफ्रतार कर लिया। पूछताछ में उन्होंने अपना नाम पता हिम्मतपुर, हेमपुर स्माड थाना आईटीआई विक्रम राय पुत्र पातीराम उर्फ पतीराम ग्राम दक्षिण तलुआ थाना नोतन बेतिया बिहार निवासी सिकंदर साहनी पुत्र रामदेव साहनी और मोहल्ला अमरनगर वार्ड 2 थाना बिसवा सीतापुर उत्तर प्रदेश निवासी मनीष विद्यासागर बाजपेयी पुत्र विद्यासागर बाजपेयी को गिरफ्रतार कर लिया। पुलिस ने विक्रम के कब्जे से 2000 रूपए के 19 नकली नोट, सिकंदर के कब्जे से 2000 के 20 नकली नोट और मनीष के कब्जे से 2हजार के 8 नकली नोट बरामद किये जिनकी कुल कीमत 94हजार है। पुलिस पूछताछ में पता चला कि यह गैंग भारतीय मुद्रा की नकली करेंसी तैयार कर बाजार में प्रचलन में लाकर भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। गैंग लीडर विक्रम मूलरूप से बेतिया चम्पारन बिहार का रहने वाला है। इसकी दो पत्नियां हैं। पहली पत्नी लक्ष्मी देवी बिहार में रहती है, दूसरी पत्नी शिवा देवी जिसका मायका 24 परगना बेस्ट बंगाल का है वह उसके साथ हिम्मतपुर इसमाइल काशीपुर में पिछले 8 वर्ष से रह रही है। गैंग लीडर विक्रम अपने साथी सिकंदर साहनी की सहायता से फर्जी नोट बिहार और वेस्ट बंगाल से मंगाता था और तीसरा साथी मनीष वेस्ट बंगाल और बिहार से अपने सूत्रें से मंगवाकर इनको देता था आ ैर बाजार में प्रचलन का काम करते थे। गैंग के सदस्य बिहार बंगाल से उक्त नोटों को 40प्रतिशत मुनाफे पर लाते थे और लोकल स्तर पर 60 प्रतिशत मुनाफे पर सप्लाई करते थे। पुलिस उनका आपराधिक इतिहास खंगालने में जुट गयी है। पकड़ने वाली टीम में एसएचओ अब्दुल कलाम, एसएसआई सुशील कुमार,