आंदोलनकारियों को आरक्षण का मुद्दा सदन में उठा

प्रीतम ने की आंदोलनकारियों को राज्य निर्माण सेनानी घोषित करने की मांग

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देहरादून। मानसून सत्र के आखरी दिन विपक्ष ने सरकार से राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने का मुद्दा भी जोरशोर से उठाया। चकराता के विधायक प्रीतम सिंह ने नियम 58 के तहत इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा और राज्यआंदोलनकारियों को राज्य निर्माण सेनानी घोषित करने के साथ ही पेंशन देने की मांग की। इस दौरान प्रीतम सिंह ने राज्य आंदोलनकारियों को चिहिन्त करने की डेड लाईन तिथि घोषित करने की मांग उठायी। प्रीतम के सवालों पर संससदीय कार्यमंत्री ने जवाब देते हुए बताया कि राज्य आंदोलनकारियें के चिहिन्ीकरण के लिये सरकार ने चार शर्ते रखी हैं। उन्होंने बताया कि 31 मार्च 2014 को चिहिन्करण की तिथी रखी गई थी और यह समयसीमा बढ़ती गई। जिसके बाद 31 दिसम्बर 2017 तक डेड लाईन रखी गई थी। संससदीय कार्य मंत्री प्रकाशपंत ने बताया कि अब तक प्रदेश में कुल 11536 आंदोलनकारियों को चिहिन्त किया गया है। जबकि प्रकाश पंत ने साफ किया कि आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि आरक्षण के मुद्दे को लेकर न्यायालय के आदेश का परीक्षण किया जा रहा है जिसके बाद इस दिशा में सरकार राज्य आंदोलनकारियों के हितों की रक्षा के लिये जरूरी कदम उठाने का प्रयास कर रही है।

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