घोर लापरवाही: कचरे के ढेर में ‘कूड़ा’ बने कूड़ेदान

नगर के अधिकांश चौराहों और सार्वजनिक स्थानों पर खुले में डाला जा रहा कूड़ा

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रूद्रपुर। सुन लो भाई–सुन लो बहना–कूड़े को कूड़ेदान में ही डालने का जो नारा आजकल मोहल्लों में तो खूब गूंज रहा है। लेकिन यह कूड़ा एकत्र कर ले जाने वाले कूड़ा वाहन भी सफाई अभियान के लिये ऊंट के मुंह में जीरा के समान साबित हो रहे हैं। नगर के विभिन्न चौराहों पर कूड़ादान होने के बावजूद खुले में कूड़ा डाला जा रहा हैं। इतना ही नहीं कूड़ेदान के आसपास भी इतनी भारी मात्र में कूड़े का ढेर लगा दिया जाता है। जबकि कूड़ेदान के पास ब्लीचिंग पावडर का छिड़काव तक नहीं किया जा रहा है। कूड़े की दुर्गंध से राह से गुजरना दुभर हो जाता है। इता ही नही कुछ स्थानों पर तो कूड़े के ढेर और बजबजाती गंदगी में खुद नगर निगम द्वारा स्थापित किये गये हाईटेक कूड़ेदान भी कूड़ा बन चुके हैं। इन कूड़ादानों में कूड़ा डालना तो छोड़े दूर से देखना भी मुश्किल हो जाता है। हालात को देखकर स्वतः ही अंदाजा लगाया जा सकता है नगर निगम प्रशासन सार्वजनिक स्थानों पर सफाई व्यवस्था के प्रति कितनी लापरवाही दिखा रहा है। सफाई व्यवस्था को लेकर निगरानी तंत्र भी फेल साबित हो रहा है। हांलाकि रोजना निगम की गाड़ियाें से घर घर जाकर कूड़ा तो लिया जाता है मगर सड़कों और चौराहों के किनारे रखे हुए कूड़ेदान के आसपास बिखरा कूड़ा जलभराव के कारण सड़कों पर बहता है निगम के कर्मचारियों की लापरवाही से भी व्यवस्थायें बिगड़ रही हैं। कूड़ेदान रखने के लिये उचित स्थान का चयन नहीं किया जा रहा है। जबकि सार्वजनिक जगहों व खुले स्थानों के साथ ही सड़कों के किनारें बिखरे कूड़े को साफ करने की कोई कार्ययोजना नहीं बनायी जा रही है। कूड़ेदान के बाहर कूड़ा डालने वालों पर कार्यवाही की जाती है। फूटपाथ पर मार्गों के किनारे रखे गये कूड़ेदानों में गायें, भोंस, घोड़े, कुत्ते सुवर व अन्य आवारा जानवर मुंह मारते हैं। नगर के मुख्य चौराहे डीडी चौक पर रखे कूड़ेदान के पास भारी गंदगी फैली रहती हैं। बारिश से यहां पर हमेशा जलभराव होता है। इसके बावजूद गंदगी के ऊपर ही कुछ पान बीड़ी की ठेलियां भी खड़ी रहती है। इसी मार्ग पर रोडवेज भी है जहां दिन रात भारी संख्या में विभिन्न प्रदेशों के यात्री यहां से गुजरते है। कूड़े की दुर्गंध से यात्रियों के साथ ही आस पास के दुकानदार परेशान हो चुके हैं। यहां नगर निगम द्वारा स्थापित किये गये रैन बसेरा की हालत भी बद से बदतर हो चुकी है।जलभराव होने से पानी अंदर घुसजाता है जिससे राहगीरों और विश्राम गृह में आने वाले यात्रियों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इधर शिवनगर के पास नगर निगम ने हाईटेक कूड़ेदान रखे है जो दयनीय स्थिति में पड़ा हुआ है। लेकिन कूड़ेदान सिर्फ कहने के लिये हाईटेक रह गये हैं। पिछले एक वर्ष से इनकी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। कूड़ेदान कुड़े से भरे हैं और आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है। जिससे महामारी फैलने का खतरा बना हुआ हैं। रविंद्र नगर स्थित रामलीला मैदान के निकट नगर निगम द्वारा रखे गये कूड़ेदान का कूड़ा सड़क पर बिखरा रहता है। कूड़ेदान पूरी तरह से भरा हुआ है जबकि सड़क किनारे कूड़े का ढेर लगा दिया गया है। राह गुजरते लोग, स्कूली बच्चे व वाहन चालकों को कचरा फैलने से परेशानी हो रही है। यहां पर आवारा जानवर गाय, कुत्ते आदि मडराने से कई बार जाम लग रहा है। कूड़े की दुर्गंध से राह गुजरते लोग परेशान है। वहीं अन्य चौराहों पर भी ऐसा ही हाल रहता है। यहां गांधी पार्क के किनारे कूड़ादान और सार्वजनिक शौंचालय के पास भी अक्सर गंदगी फैली रहती हैं यहा से भी भारी संख्या में लोगों का आना जाता होता है। नगर का मुख्य पार्क होने के बावजूद पार्क के आसपास कोई गंदगी फैली रहती हैं। नालियेां के ऊपर अतिक्रमण होने से कूड़ा भरा रहता है। बहरहाल देशभर में सफाई अभियान को लेकर जनजागरण चल रहा है। इसके बावजूद नियमों की अनदेखी कर कुछ लोग खुले में कचरा डाल देते हैं। जबकि सार्वजनिक स्थानों पर भी व्यवस्थाओं में सुधार नहीं आ रहा। अब तो निगम प्रशसन को जगाने के लिये लोगों को भी स्वयं सफाई के प्रति जागरूक होना पड़ेगा तभी हालात में सुधार आ सकता है।
ट्रचिंग ग्राउंड फुल,कहां डालेंगे घर कूड़ा?
रूद्रपुर। देशभर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के का्रंतिकारी स्वच्छ भारत अभियान के तहत घर आंगन से लकर सड़कों, गली मोहल्लों, दुकानों स्कूलों, कार्योंलयों के साथ ही सार्वजनिक पार्कों में अब खुले में कूड़ा नहीं फेकने का आह्वान किया जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद कुछ आदत से मजबूर लोग बाज नहीं आ रहे। जागरूकता अभियानों के बावजूद सफाई अभियान के प्रति लोगों में बदलाव नजर नहीं आ रहा है। कूड़ेदान में कूड़ा डालने की आदत बनानी होगी तभी स्वच्छ भारत मिशन सफल होगा। इस दिशा में निगम प्रशासन की जिम्मेदारी सबसे अहम है। नगर भर के कूड़ेदान जहां सरकार की बदइंतजामी की तस्वीर बयां कर रहे हैं वहीं सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही की बजह से गंदगी फैलती है। यहां तक कि खुले में कूड़ा फेंकने वालों के खिलाफ जुर्माने का प्रावधान है इसके बावजूद भी हालात जस के तस बने हुए है। अगर नियमित रूप से कूड़ेदान साफ किये जाये तो समस्या पैदा नहीं होगी। जिला मुख्यालय होने के बावजूद रूद्रपुर महानगर में ट्रचिंग गा्रउंड बनाने की मांग पिछले कई वर्षों से की जा रही है। लेकिन इस ओर सरकार अभी तक कदम नहीं उठा पायी है। यहां औद्योगिक क्षेत्र भी स्थापित है लिहाजा प्रदूषण नियंत्रण को लेकर ठोस कार्ययोजना नहीं बनायी गई। औद्योगिक क्षेत्र के कचरा हो या आबादी क्षेत्र का कूड़ा निस्तारण को लेकर निगम प्रशान के साथ जिला प्रशासन को भी इस ओर ध्यान देना होगा। नगर निगम द्वारा शहर भर में घर घर कूड़ा उठाने का अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन अब समस्या घर के कूड़े को निस्तारित करने की आ रही है। एक ओर जहां घर घर में शौंचालय और कूड़ादान बनाने को लेकर स्वच्छता अभियान की अलख जगायी जा रही है वहीं दूसरी तरफ रूद्रपुर नगर में स्वच्छता मिशन के प्रति लोगों में जागरूकता का अभाव भी दिखता है। इस दिशा में निगम के अफसरों द्वारा निगरानी तंत्र को सक्रिय कर व्यवस्थाओं को सुधारना होगा।
हाईकोर्ट के सख्त रवैये से सरकार और अफसरों की टूटी नींद
देहरादून/रूद्रपुर। प्रदेश की राजधानी देहरादून में भी गंदगी को लेकर नगर निगम प्रशासन के खिलाफ हाईकोट के सख्त रवैये के बाद सरकार और अफसरों की नंीद टूट गई हैं। विभिन्न क्षेत्रें में फैली गंदगी और कुड़े के ढेरों की सफाई के लिये खुद जिला अधिकारी और निगम के अफसर रोजाना खड़े होकर हजारों टन कूड़ा उठवा रहे है। शहर की सफाई व्यवस्था की बागडोर जहां नगर निगम के हाथों में हैं बावजूद जिला प्रशासन के अधिकारी भी पूरे जनपद में सफाई व्यवस्था को लेकर सक्रिय हो गये हैं। गौर हो कि पिछले कई दिनों से सफाई व्यव्स्था सुचारू नहीं होने से दून की सुंदरता को ग्रहण सा लग गया था। लेकिन उच्च न्यायालय द्वारा स्तः संज्ञान लेकर जिस प्रकार सफाई व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के निर्देष दिये वहीं अफसरों पर सख्त कार्यवाही करने की भी चेतावनी दी थी। वहीं बीते दिवस एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शासन के अफसरों को सफाई व्यवस्था के प्रति गंभीरता से कदम उठाने के निर्देेश दिये हैं साथ ही ऐसे स्थानों पर निगरानी करने को कहा है । गौर हो कि गत दिवस पावन गंगा नदी में गंदगी को लेकर हाईकोर्ट के निर्देष पर कोर्ट कमिश्नरों ने स्वयं हरिद्वार में सफाई व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया था जिसकी जांच रिपोर्ट भी हाईकोर्ट में सौंपी जायेगी। बहरहाल सफाई व्यवस्थाओं को लेकर प्रदेश में व्यापक रूप कार्ययोजना बनाने की जरूरत है।

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