किसानों एवं पशुपालकों के उत्थान के लिए किया 463 करोड़ का रूपये का प्रावधान : धामी
मुख्यमंत्री ने कृषि विज्ञान सम्मेलन में 6 प्रगतिशील किसानों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया
पंतनगर । मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित इस “17वें कृषि विज्ञान सम्मेलन” में बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने देश विदेश से पधारे विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतिगणों, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के विभागाध्यक्षों, वैज्ञानिकगणों एवं देशभर से आए किसान भाइयों एवं बहनों का देवभूमि उत्तराखंड में स्वागत व अभिनन्दन किया। मुख्यमंत्री ने सम्बोधित करते हुए कहा कि ये हमारे लिए बड़े हर्ष का विषय है कि कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण एवं कृषकों का उत्थान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आयोजित हो रहे “राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी” के इस प्रतिष्ठित सम्मेलन को देवभूमि उत्तराखंड की पुण्य धरा में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे सम्मेलनों के द्वारा जहां एक ओर किसान भाईयों को कृषि से जुड़ी नवीनतम तकनीकों, शोध परिणामों एवं उत्तम बीज-खाद आदि के विषय में जानने का अवसर प्राप्त होता हे, वहीं दूसरी ओर यहाँ पर लगे विभिन्न स्टॉलों के माध्यम से उन्हें उद्यानिकी, पशुपालन एवं जैविक खेती जैसी कृषि की अन्य विधाओं के बारे में भी विषय विशेषज्ञों से महत्वपूर्ण मार्गदर्शन भी मिलता है। उन्होंने कहा कि कृषि जगत के इतने महत्वपूर्ण एवं प्रतिष्ठित सम्मेलन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए मैं, गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय और उनकी पूरी टीम को हार्दिक बधाई देता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज उत्तराखंड को कुशल एवं समृद्ध बनाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि आज मोदी सरकार द्वारा जहां एक ओर देश में विभिन्न योजनाओं, अभियान के माध्यम से कृषि उपज बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, वहीं फसलों की MSP बढ़ाकर किसानों की आय में बढ़ोत्तरी भी सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि आदरणीय मोदी जी से प्रेरणा लेकर हमारी राज्य सरकार भी प्रदेश के किसानों की उत्थान एवं समृद्धि हेतु संकल्पित होकर निरंतर कार्य कर रही है। श्री धामी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में किसानों को तीन लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के देने के साथ ही “फार्म मशीनरी बैंक’ योजना के अंतर्गत कृषि उपकरण खरीदने एवं एप्पल मिशन के अंतर्गत सेब के बागान लगाने पर 80 फीसदी दर की सब्सिडी दी जा रही है, इस सत्र के बजट में भी इसका प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही चाय बागान धौला देवी, मुनस्यारी एवं बेतालघाट को जैविक चाय बागान के रूप परिवर्तित किये जाने का काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा की हमारी सरकार प्रदेश में खाद्यान खेती के साथ ही सगंध खेती को भी बढ़ावा देने के लिए 6 एरोमा वैली विकसित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा की कई विभिन्न योजनाओं व नावाचारों एवं प्रशिक्षणों के माध्यम से कार्यक्रम के माध्यम से उत्तराखंड के किसान भाइयों को प्रशिक्षित करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा की मुझे यह बताते हुए बहुत हर्ष हो रहा है कि इस सत्र के बजट हमने किसानों एवं पशुपालकों के उत्थान के लिए 463 करोड़ का रूपये का अलग से प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि अन्नदाताओं का उत्थान सुनिश्चित करने कि दिशा में गोविन्द वल्लभ कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर लम्बे समय से कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि 1960 से लेकर लगातार ये विश्वविद्यालय न केवल कृषि एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में निरंतर नए-नए शोध कार्य कर रहा है, बल्कि देश में प्रतिभावान वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की नई पौंध को भी विकसित करने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है। इसी क्रम में, यहां आयोजित हो रहा ये कृषि विज्ञान सम्मेलन उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश के कृषि क्षेत्र में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को और अधिक समृद्ध करने में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि मैं, इस सम्मेलन में आए हुए सभी किसान भाईयों एवं बहनों से ये आह्वान करता हूं कि आप लोग यहाँ लगाए गए विभिन्न स्टॉलों पर विज़िट करने के साथ-साथ इस सम्मेलन के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों की कृषि में नवाचार, डिजिटल कृषि, जलवायु परिवर्तन और स्मार्ट पशुधन पालन जैसे विभिन्न विषयों पर आयोजित होने वाली पैनल चर्चाओं एवं सेमिनारों में भी अवश्य प्रतिभाग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप लोग इस सम्मेलन से नई-नई तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र के प्रति एक नया विजन लेकर वापस लौटेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि 27 जनवरी 2025 को हमने प्रदेश में यूसीसी लागू किया जो आजादी के बाद देश का यूसीसी लागू करने वाला पहला प्रदेश है। इससे सभी को समान अधिकार मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि लिव-इन-रिलेशन में रहने वालों को सुरक्षा मिलेगी व उनके अभिभावकों को व प्रशासन को भी जानकारी रहेगी। यूसीसी कानून से हिंसक वारदातों पर अंकुश लगेगा। इस दौरान कुलपति डॉ एम एस चौहान ने सम्मेलन में सभी अतिथियों कि स्वागत करते हुए कहा कि सम्मेलन में 16 देशों के 90 वैज्ञानिक कुल लगभग 1600 वैज्ञानिक इस कृषि महाकुम्भ में प्रतिभाग कर रहे है साथ ही 500 से अधिक प्रगतिशील कृषक भी प्रतिभाग कर रहे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सहयोग व प्रेणना से इस कृषि सम्मेलन का आयोजन सम्भव हो पाया है। उन्होंने कहा कि सरकार के सफल नेतृत्व में प्रदेश की प्रतिव्यक्ति आय में 26% की वृद्धि हुई है तथा प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद में भी 1.3 गुना बढ़ोत्तरी हुई है। उन्होंने प्रदेश में यूसीसी लागू करने, प्रथम बार राष्ट्रीय खेल सफलतापूर्वक आयोजित करने व प्रथम बार कृषि विज्ञानं सम्मेलन आयोजित कराने व मिलेट्स को बढ़ावा देने के साथ ही ग्रिष्मकालीन धान को हतोत्साहित करने के मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा 6 प्रगतिशील किसानों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस दौरान मेयर विकास शर्मा, गजराज बिष्ट, दर्जामंत्री अनिल कपूर डब्बू, आईजी डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, एसएसपी मणिकान्त मिश्रा, उपाध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरण जय किशन, अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी, पंकज उपाध्याय, एमएनए नरेश दुर्गापाल, डॉ डब्लू एस लाखड़ा, निदेशक शोध डॉ0 एएस नैन, प्रो0 आरबी सिंह, पंजाब सिंह, पीएल गौतम, बीएस बिष्ट, डॉ0 राम भजन सिंह, राजीव वार्ष्णेय, डॉ0 राजवीर सिंह, डॉ0 वीर सिंह, डॉ0 धीर सिंह, डॉ0 श्रीनिवास, डॉ0 महावीर सिंह, डॉ0 पीके जोशी, डॉ0 एके सिंह, डॉ0 दिनेश शाह, डॉ0 प्रीतम कालिया, डॉ0 विश्वनाथन, डॉ0 एचपी सिंह, डॉ0 राघवेन्द्र भट्टा, डॉ0 जयचन्द राना, डॉ0 तुषार कान्त मेहरा, डॉ0 एसके प्रधाान, डॉ0 ज्ञान प्रकाश मिश्रा, डॉ0 नारायण लाल पंवार, डॉ0 यशपाल सिंह मलिक, डॉ0 रणजीत कुमार पॉल उपस्थित थे।