डिजिटल हुई उत्तराखंड विधानसभा: पहली बार बजट सत्र नेशनल ई- विधान एप्लीकेशन के तहत संचालित किया जा रहा
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्ष के विधायकों ने बेल में आकर की नारेबाजी
देहरादून। राज्यपाल के अभिभाषण के साथ मंगलवार को विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया । अभिभाषण के दौरान विपक्ष का हंगामा जारी रहा। विपक्षी विधायकों ने वेल में जाकर नारेबाजी की। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री और विपक्षी विधायकों के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। सत्र से पहले सीएम धामी ने ई विधानसभा का शुभारंभ किया। विधानमंडल भवन आज नए लुक में दिखा, पहली बार टैबलेट के माध्यम से विधायी कार्य में विधानसभा सदस्य शामिल हुए। बजट सत्र के शुभारम्भ के दौरान राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ;सेवानिवृत्तद्ध ने अपने अभिभाषण में सरकार के कार्यों का जिक्र किया। राज्यपाल ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड, देश का पहला राज्य है। इसमें प्रमुख रूप से महिला हितों की रक्षा की गई है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में वर्ष 2000-2001 में प्रति व्यक्ति आय 16,232 रुपये थी, जो वर्ष 2023-24 में 2,46,178 ;रुपये हो गई है। जो हमारी राज्य की निरन्तर प्रगति को दर्शाता है। राज्य में बेरोजगारी दर में कमी आई है। राज्य सरकार द्वारा पारदर्शी और नकल विहीन परीक्षाओं का आयोजन किया गया, जिससे राज्य के प्रतिभावान युवाओं को सरकारी सेवाओं में निरंतर अवसर मिल रहे हैं। सरकार की प्राथमिकताओं, संकल्पों के साथ सदन में राज्यपाल का बजट अभिभाषण समाप्त हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण के बीच कांग्रेस विधायकों ने बेल में आकर हंगामा काटा। विपक्ष के विधायक सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग कर रहे थे। कांग्रेस के समर्थन में बसपा विधायक मो. शहजाद भी बेल में पहुंच गये। उन्होंने भी कांग्रेस का समर्थन कर सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की। सत्र के शुभारम्भ से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण की उपस्थिति में ई-विधान एप्लीकेशन का लोकार्पण किया। इस दौरान सीएम ने कहा कि इस बार विधानसभा का बजट सत्र नेशनल ई- विधान एप्लीकेशन के तहत संचालित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड में विधानसभा के कार्यों को डिजिटल और पेपरलेस बनाने के लिए ई-विधानसभा प्रणाली अपनाई गई है। इसके माध्यम से विधायकों को कार्यसूची, विधानसभा में पूछे गये प्रश्नों के जवाब और अन्य दस्तावेज अब ऑनलाइन उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके तहत विधानसभा में विधायकों की टेबल पर टैबलेट लगाए गए हैं, और सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि विधानसभा की कार्यवाही भी अधिक दक्षता से संपन्न होगी।