उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी से बढ़ी कड़ाके की ठंडः नैनीताल और पिथौरागढ़ समेत कई जिलों में बफबारी का अलर्ट जारी

0

रूद्रपुर/नैनीताल/उत्तरकाशी/गोपेश्वर/ रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड में मौसम ने करवट बदली है। बागेश्वर में शनिवार सुबह से बारिश का दौर जारी है, कपकोट के कर्मी विनायक समेत ऊंची चोटियों में हल्की बर्फबारी हुई है। ऊधमसिंह नगर के कुछ हिस्सों में बारिश जारी है। नैनीताल का मौसम शुक्रवार दिनभर प्रतिकूल बना रहा। दोपहर और शाम को हल्की बूंदाबांदी के बाद बर्फबारी होने की संभावना बनी हुई है। नगर में सुबह से बादल छाए हुए थे। दोपहर करीब 2ः30 बजे और सायं 6ः30 बजे कुछ देर के लिए हल्की बूंदाबांदी भी हुई। रात्रि में भी मौसम खराब होने से ठंड ज्यादा महसूस की गई। जीआईसी मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अधिकतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस रहा। उधर, भीमताल, भवाली, मुक्तेश्वर, गरमपानी और धानाचूली क्षेत्र में शुक्रवार सुबह से शाम तक बादल छाए रहे। बादल छाने से मौसम में ठंड बढ़ने के कारण लोगों ने अलाव का सहारा लिया। मुक्तेश्वर, रामगढ़ और धानाचूली में बर्फबारी की संभावना बनी हुई है। अल्मोड़ा, रुद्रपुर और डीडीहाट में देर रात भारी बारिश के बाद शनिवार सुबह से मौसम खुल गया है। जिससे लोगों को राहत मिली है। बागेश्वर में मौसम विभाग की ओर से जारी बारिश और कहीं-कहीं बर्फबारी की चेतावनी को देखते हुए डीएम आशीष भटगांई ने जिले के स्कूलों में अवकाश घोषित की है। शनिवार को जिले के कक्षा एक से 12 तक के सभी शासकीय अशासकीय निजी विद्यालय और आंगनबाड़ी केंद्र में अवकाश रहेगा। काशीपुर में देर रात से बारिश जारी है। हल्द्वानी नगर में दिनभर बादल छाए रहने से कड़ाके की ठंड रही। देहरादून मौसम विभाग ने पिथौरागढ़, नैनीताल समेत पर्वतीय जिलों में हल्की से मध्यम बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी 24 घंटे में ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है। हल्द्वानी का अधिकतम पारा 22.4 और न्यूनतम पारा 7.4 डिग्री सेल्सियस रहा। पंतनगर विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह का कहना है कि अगले दो दिन हल्की बारिश होने के साथ शीत लहर का भी प्रकोप रहेगा। वहीं, कर्णप्रयाग में बीते 15 घंटे से बारिश जारी रही जो शनिवार सुबह 6 बजे रुकी और फिर से नौ बजे से शुरू हो गई। लगातार बारिश से ठंड बड़ गई है। कर्णप्रयाग, थराली, देवाल, गैरसैण में भारी ठंड हो रही है। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के दिवालीखाल, विधानसभा परिसर भराड़ीसैण में बारिश से ठंड बड़ी। अब लोगों और पर्यटकों को बर्फबारी का इंतजार है। थराली में जहां पिछली बार बिना बारिश के ही एक दर्जन से अधिक गांव बर्फ से ढक गए थे वहीं इस बार 8 घंटे बारिश के बाद भी अभी तक किसी भी गांव में बर्फबारी नहीं हुई है। अच्छी बारिश से किसानों के चेहरे जरूर खिल गए हैं। गेहूं की फसल के लिए ये बारिश किसी संजीवनी से कम नहीं है। ब्रह्मताल और बेदनी बुग्याल क्षेत्रों में भी अभी तक बहुत हल्की बर्फबारी हुई है। आज भी बारिश की संभावना है जिससे आगे बर्फबारी हो सकती है। गैरसैण में विधानसभा परिसर भराड़ीसैंण में बर्फबारी की संभावना बढ़ गई है घाटियों की अपेक्षा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक ठंड होने से जनजीवन प्रभावित हुआ। उत्तरकाशी में शनिवार सुबह से ही बादल लगे है, अन्य तहसील क्षेत्रों में हल्की वर्षा हो रही है और मुखवा, हर्षिल एवं खरसाली आदि ऊंचाई वाले क्षेत्र में हल्की बर्फबारी हो रही है। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग स्थान सुखी टॉप से आगे वर्तमान समय मे बर्फबारी होने के कारण बाधित है। बीआरओ की ओर से मार्ग को सुचारू किए जाने की कार्रवाई की जा रही है। उक्त स्थान पर मशीनरी तैनात है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के पास फूल चट्टðी से आगे बर्फबारी होने के कारण बाधित हुआ है। फूल चðी से खरसाली मार्ग पर वर्तमान समय मे बर्फबारी होने के कारण बाधित है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू से बड़कोट यातायात के लिए सुचारू है। चकराता और आसपास के क्षेत्रों में देर रात से ही रुक-रुककर बारिश जारी है। न्यूनतम तापमान करीब पांच डिग्री सेल्सियस है। लगातार बारिश के चलते बर्फबारी के बाद जमी बर्फ भी पिघलने लगी है। वहीं, विकासनगर, सहसपुर और सेलाकुई में भी देर रात से ही बारिश जारी है। न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। बारिश के चलते निर्धारित स्थानों पर अलाव भी नहीं चल पा रहे हैं। रैन बसेरों और अस्पतालों में हीटर की व्यवस्था की गई है। उत्तराखंड में शुक्रवार को मौसम बदला और यहां की ऊंची चोटियां बर्फ की सफेद चादर से एक बार फिर ढंक गईं। चारधाम सहित हेमकुंड साहिब और औली भी हिमपात हुआ। बदरीनाथ धाम में कड़ाके की ठंड और भारी बर्फबारी के चलते पुनर्निर्माण कार्य बंद हो गए हैं। अब जनवरी और फरवरी में कार्य बंद रहेंगे। मार्च में ठंड कम होने और बर्फ के पिघलने पर कार्य फिर शुरू होने की उम्मीद है। इसके साथ ही 100 और श्रमिक धाम से लौट आए हैं। अभी धाम में 150 लोग मौजूद हैं, जिनमें कुछ श्रमिक और निर्माणदायी कंपनियों के अधिकारी-कर्मचारी हैं। ये लोग भी एक या दो दिन में लौट आएंगे। केदारनाथ में भी पुनर्निर्माण कार्य बंद हो चुके हैं। वहीं उत्तरकाशी में बर्फबारी के कारण कई मार्ग बंद हो गए हैं। जिन्घ्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है। चमोली जिले में सुबह से ही मौसम के बदले मिजाज से जन जीवन अस्त व्घ्यस्त हो गया है। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, हनुमान चट्टðी, विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल औली, गौरसों सहित नीति घाटी में बर्फबारी हुई है। बर्फबारी से बदरीनाथ हाइवे हनुमान चटटी से आगे एक बार फिर बंद हो गया है। शुक्रवार सुबह से ही चमोली जिले में मौसम का मिजाज बदला था। बदरीनाथ धाम, हेमकुंड सहित ऊंची चोटियों में बर्फबारी व दोपहर बाद पर्यटन स्थल औली, गौरसों सहित जिले के रामणी, ईराणी डुमक, कलगोट गांव सहित निचले स्थानों में वर्षा जो रात्रि तक जारी रही। बर्फबारी व वर्षा के चलते कड़ाके की ठंड है। लोग घरों में ही दुबके हैं। बताया गया कि बर्फबारी से 30 से अधिक गांव हिमाच्छादित हो गए हैं। बर्फबारी से नीति, बदरीनाथ के साथ चोपता हाइवे भी धौतीधार से आगे बाधित हो गया है। रुद्रप्रयाग जनपद में भी मौसम बदलने से शुक्रवार को पूरे दिन बारिश व बर्फबारी का सिलसिला बना रहा। केदारनाथ धाम में तीन फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है, वहीं निचले इलाकों में भी बारिश होने से मौसम काफी ठंड हो गया है। शुक्रवार को सुबह से ही घने बादल छाए हुए थे। सुबह दस बजे से ही केदारनाथ धाम में बर्फबारी शुरू हो गई, जो पूरे दिन चलती रही। केदारनाथ धाम के साथ ही तुंगनाथ, मप्रहेश्वर, चोपता, देवरियाताल, गौंडार समेत ऊंचाई वाले स्थानों पर बर्फबारी हुई, जो पूरे दिन चलती रही। वहीं घाटी वाले क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला बना रहा। जिससे पूरा जन जीवन प्रभावित हुआ। अधिकांश लोग अपने घरों में ही दुबके रहे, जबकि बाजारों में कम लोग ही दिखाई दिए। केदारनाथ धाम में बर्फबारी होने से पुर्ननिर्माण कार्य पूरी तरह ठप रहे। धाम में तापमान माईनस 19 डिग्री तक पहुंच गया। जिससे पूरे दिन यहां रह रहे सौ से अधिक मजदूर अपने घरों में ही दुबके रहे। वहीं ठंड का प्रकोप बढ़ने से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों ने अलाव का सहारा लिया। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के लोनिवि शाखा के अधिशासी अभियंता विनय झिंकवाण ने बताया कि केदारनाथ धाम में लगातार बर्फबारी होने से पुर्ननिर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। बर्फबारी के कारण नेलांग व जादूंग को जोड़ने वाली बार्डर रोड भी अवरुद्ध हो गई। जनपद के चार संपर्क मार्ग भी बर्फबारी के कारण अवरुद्ध हैं। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उधर, जिला मुख्यालय और सभी तहसील क्षेत्रों में शुक्रवार शाम से बूंदाबांदी शुरू हो गई थी। वहीं, नए साल को लेकर हर्षिल व सुपीन घाटी में बड़ी संख्या में पर्यटक भी पहुंच रहे हैं। शुक्रवार को सुपीन घाटी में करीब दो हजार व हर्षिल घाटी में 800 पर्यटक पहुंचे हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.