निकाय चुनावः रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर से प्रचार पर प्रतिबंध, टोल फ्री नंबर 18001804280 जारी 

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मतदाताओं को शराब, पैसे या अन्य किसी तरीकों से लुभाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी
देहरादून(उद संवाददाता)। राज्य के नगर निकायों में चुनाव के दौरान प्रचार के लिए सभी माध्यमों की डीएम से अनुमति लेनी होगी। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध रहेगा। मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले चुनावी शोर थम जाएगा।राज्य निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता के मुताबिक, चुनाव प्रचार की सामग्री किसी भी निजी भवन, दीवार आदि पर मालिक की अनुमति से ही लगा सकेंगे। किसी भी सरकारी, सार्वजनिक संपत्ति, भवन, स्थल, परिसर में विज्ञापन या वॉल राइटिंग नहीं करेंगे। ऐसा किया तो उत्तराखंड लोक संपत्ति विरूपण अधिनियम-2003 के तहत दंडनीय अपराध होगा। चुनाव प्रचार के लिए लाउडस्पीकर या साउंडबॉक्स का प्रयोग पूर्वानुमति लेकर ही कर सकेंगे। इसका प्रयोग रात 10 से सुबह 6 बजे तक प्रतिबंधित रहेगा। इनसे निकलने वाली आवाज के डेसिबल अनुमन्य सीमा से अधिक न हों। कहीं भी स्थायी तौर पर साउंडबॉक्स या लाउडस्पीकर स्थापित नहीं किए जा सकते हैं। मतदान समाप्ति से 48 घंटे पूर्व के दौरान किसी भी तरह का लाउडस्पीकर प्रतिबंधित रहेगा। चुनाव के दौरान रोड शो के लिए सक्षम अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। रोड-शो से बड़े अस्पताल, भीड़ वाले बाजार एवं सार्वजनिक परिवहन के मार्ग में कोई व्यवधान नहीं किया जाएगा। सरकार का कोई भी मंत्री केवल मतदाता की हैसियत से ही मतदान केंद्र के भीतर जा सकेगा। नगर निकाय चुनावों में मतदाताओं को शराब, पैसे या अन्य किसी तरह का प्रलोभन दिया तो खैर नहीं। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके खिलाफ सख्त तंत्र बना दिया है। हर जिले, निकाय क्षेत्र में विशेष टीमें भी बना दी हैं, जो निकायों की इस तरह की गतिविधियों पर सीधे कार्रवाई करेंगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि प्रत्याशियों के खर्च की निगरानी के लिए आयोग के प्रेक्षकों के अलावा हर जिले में जिलाधिकारी के स्तर से स्थानीय अधिकारी को व्यय की निगरानी का नोडल अफसर बनाया जाएगा। वहीं, राज्य स्तर पर पुलिस, आबकारी के एक-एक अधिकारी को नोडल अफसर बनाया गया है। जिलों में व्यय की निगरानी तीन अधिकारी करेंगे। आयुक्त ने बताया कि मतदाताओं को गलत तरीकों से लुभाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। हर जिले में जिला प्रशासन का एक, आबकारी का एक और पुलिस का एक अफसर विशेष टीम में रहेगा, जिसे जब्ती का अधिकार भी दिया गया है। आयोग की ओर से टोल फ्री नंबर 18001804280 जारी किया गया है, जिस पर इस तरह की शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। जिलाधिकारियों के स्तर पर भी नंबर जारी होंगे। ये विशेष टीमें निर्वाचन आयोग के नियमों के साथ ही भारतीय न्याय संहिता के तहत कानूनी कार्रवाई भी करेंगी।

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