निकाय चुनाव के लिए भाजपा ने नियुक्त किए 78 पर्यवेक्षक: हल्द्वानी में मेयर की ओबीसी सीट पर बदलेंगे समीकरण !

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देहरादून/हल्द्वानी(उद संवाददाता)। निकाय चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कमर कस ली। निकाय चुनाव के लिए भाजपा ने पर्यवेक्षक नियुक्त कर दिए हैं। पार्टी ने इसकी सूची जारी कर दी है। भाजपा ने निकाय चुनाव के लिए 78 पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी है। पार्टी की ओर से इसकी सूची जारी कर दी गई है। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों मे संगठन की ओर से वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षकों की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। निकाय चुनाव के लिए जारी हुई आरक्षण की अधिसूचना के अनुसार इस बार नगर निगम देहरादून अनारक्षित, कोटद्वार अनारक्षित श्रीनगर अनारक्षित ,काशीपुर अनारक्षित , रुद्रपुर अनारक्षित, रुड़की महिला, पिथौरागढ़ महिला, अल्मोड़ा महिला, हरिद्वार अन्य पिछड़ी वर्ग ;महिलाद्ध, ऋषिकेश, अनुसूचित जाति , हल्द्वानी अन्य पिछड़ी जाति के लिए घोषित की गई है। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में हल्द्वानी नगर निगम की मेयर सीट ओबीसी होने के बाद सियासी गलियारों में हलचल है। रातों रात बदले सियासी गणित के अब तरह-तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। चर्चा है कि सत्तारूढ़ दल भाजपा में दावेदार अधिक होने और इनमें एक ही नाम के मजबूती से उभरने के कारण यह नया प्रयोग किया गया है। वहीं दूसरी तरफ इस बदलाव को 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी को तौर भी देखा जा रहा है। बहरहाल जो भी कारण हो अब भाजपा समेत प्रमुख विपक्षी पार्टी पर नए समीकरण और नए दावेदारों पर दांव खेलने की मजबूरी है। नगर निगम हल्द्वानी में 60 वार्ड हैं। नगर निगम बनने के बाद से लगातार दो बार मेयर सीट पर भाजपा का कब्जा रहा है। इस बार ओबीसी सीट होने के बाद पार्टी के लिए यहां जीत जारी रखना भी चुनौती होगा। निगम में कुल 2,81,215 मतदाता है, इनमें 51,789 मतदाता ओबीसी हैं, जिनका प्रतिशत 18.42 है। राजनीति से जुड़े कई जानकार बताते हैं कि कुमाऊं के सबसे बड़े नगर निगम की मेयर सीट को अन्य पिछड़ी जाति(ओबीसी) करना लोगों को रास नहीं आ रहा है। दबी जुबान से राजनीतिज्ञ और कार्यकर्ता भी इसे सही नहीं ठहरा रहे हैं। हालांकि माना जा रहा है कि सरकार यहां नया प्रयोग करना चाहती है ताकि ओबीसी कार्ड के जरिये कुमाऊं को साध विपक्षी पार्टी के समीकरण बिगाड़े जा सकें। भाजपा में सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों की लंबी फेहरिस्त है, किसी भी तरह के विवाद से बचना, पार्टी से मेयर पद के लिए निवर्तमान मेयर समेत 25 ने दावेदारी पेश की थी, अब समीकरण बदलने के बाद प्रत्याशी चयन में आसानी रहेगी। प्रदेश में वर्ष 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं। पार्टी ने इसकी तैयारी अभी से कर ली है, प्रदेश के बड़े शहरों में शामिल हल्द्वानी में ओबीसी वर्ग को बढ़ावा देकर राह आसान रहेगी। हल्द्वानी विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के मुकाबले पार्टी का ओबीसी वर्ग का वोट प्रतिशत कम रहा है। इस प्रयोग से नगर निगम की राजनीति में पिछड़े वर्ग के नेतृत्व को उभारना भी है।

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