आयुष विशेषज्ञों ने नवीन तकनीक और मेडिसिन के बारे में दिया प्रतुतिकरण

0

उत्तराखण्ड में 42 लाख 64 हजार लोगों ने आयुष सेवा का लाभ उठाया
देहरादून(उद संवाददाता)। देहरादून परेड ग्राउंड में 10वें वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो में तीसरे दिन विभिन्न प्लेनरी सेशन में देश-विदेश के आयुष विशेषज्ञों ने आयुष के क्षेत्र में खोजी गई नवीन तकनीक और मेडिसिन के बारे में चर्चा-परिचर्चा की और प्रस्तुतीकरण दिया। नेत्र चिकित्सा के संबंध में एक नवीन खोज नेत्र तर्पण दृष्टि यंत्र का प्रस्तुतीकरण दिया गया। इस यंत्र में औषधीय तेल के माध्यम से आंखों की चिकित्सा की जाती है। निर्दाेष नामक कंपनी ने औषधीय धूम्रपान उपचार प्रक्रिया का प्रस्तुतीकरण दिया। इसमें तुलसी, नीम, हल्दी और अजवाइन के समावेश से धूम्रपान वर्तिका बनती है जो लोगों के बीच में उत्सुकता का केंद्र रही। साथ ही चर्म रोगों में अत्यंत लाभदायक औषधी दारूहरिद्रा ;बर्बेरिनद्ध का प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। पिंडरहॉल में आयुर्वेद के माध्यम से पशु चिकित्सा से संबंधित प्रस्तुतीकरण दिया गया। जिसमें पशुओं में होने वाले चर्म रोगों एवं दूध से होने वाले विकारों में प्रयुक्त होने वाली औषधियां एवं उनके दूग्ध उत्पादक औषधीय पर विचार किया गया। मकड़ी के दंश से होने वाले रोगों पर चर्चा की गई एवं उसके उपचार पर विचार किया गया। जिसमें डॉ. स्मिता को बेस्ट पेपर अवार्ड प्रदान किया गया है। इस दौरान उत्तराखण्ड आयुष नीति-2023 के प्रावधानों की भी जानकारी साझा की गई तथा आयुष नीति के बेहतर और त्वरित इंप्लीमेंटेशन के संबंध में बहुमूल्य सुझाव भी साझा किए गए। नेशनल आयुष मिशन के तहत उत्तराखण्ड में हर महीने करीब तीन लाख लोग आयुष सेवा से लाभान्वित हो रहे हैं। पिछले 22 महीनों में उत्तराखण्ड में 67 लाख से ज्यादा लोगों ने आयुष स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय की फ्रलैगशिप योजना नेशनल आयुष मिशन को दूरदराज के क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लक्ष्य के साथ डिजाइन किया गया है। केंद्रीय आयुष मंत्रालय के अनुसार-वर्ष 2023 में उत्तराखण्ड में 42 लाख 64 हजार लोगों ने आयुष सेवा का लाभ उठाया है। इस वर्ष अक्टूबर माह तक 24 लाख 56 हजार लोग इस सेवा से लाभान्वित हो चुके हैं। विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 के दौरान उत्तराखण्ड की प्रगति की खास चर्चा हुई है। देहरादून आए केंद्रीय आयुष सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने उत्तराखण्ड की प्रगति को सराहा है। उनका कहना है कि नेशनल आयुष मिशन के तहत केंद्रीय आयुष मंत्रालय की कोशिश प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को घर-घर तक पहुंचाने की है। उत्तराखण्ड जैसे विषम भौगोलिक स्थितियों वाले राज्य में नेशनल आयुष मिशन की सफलता उत्साहित करने वाली है। नेशनल हेल्थ मिशन के तहत संचालित हो रहे आयुष्मान आरोग्य मंदिर ;आयुषद्ध उत्तराखण्ड में 300 हैं इनमें से डेढ़ सौ मंदिरों का नेशनल एग्रीडेशन बोर्ड फॉर हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोवाइडर ;एनएबीएचद्ध के स्तर पर प्रमाणीकरण किया जा चुका है। बाकी मंदिरों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया जारी है। उत्तराखण्ड में इस वक्त 50 बेड के पांच और दस बेड के दो आयुष हॉस्पिटल हैं। छह आयुष हॉस्पिटलों के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत आम जन तक आयुष सेवाओं का लाभ पहुंचाने के लिए पूरी ताकत से काम किया जा रहा है। इस संबंध मेें केंद्र सरकार का भी पूरा सहयोग राज्य को मिल रहा है। मुझे विश्वास है कि नेशनल आयुष मिशन के तहत हम प्रदेश में अधिक से अधिक लोगों को स्थानीय स्तर पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में सफल रहेंगे।



Leave A Reply

Your email address will not be published.