आयुष की धारती से निकलेगा आयुर्वेद का अमृतः 10वें वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो के महा आयोजन की तैयारी जोरों पर
उत्तराखण्ड के पारंपरिक व्यंजनों और लोक संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी,विदेशी डेलीगेट्स के साढे छह हजार रजिस्ट्रेशन हुए
देहरादून;उद संवाददाताद्ध। 10वें वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 में उत्तराखण्ड में नया रिकार्ड बना सकता है और आयुष की धरती उत्तराखंड में होने वाले मंथन से विश्व कल्याण के लिए आयुर्वेद के ज्ञान का अमिृत भी निकलेगा। आयुर्वेद के इस महाकुंभ के लिए हो रहे रजिस्ट्रेशन से ऐसे संकेत उभर रहे हैं। अभी तक साढे छह हजार रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। कार्यक्रम 12 दिसंबर से शुरू होना है। पिछले वर्ष गोवा में आयोजित इस आयोजन के नौवें संस्करण में सबसे ज्यादा 5102 डेलीगेट्स पहुंचे थे। जिस हिसाब से रजिस्ट्रेशन हुए हैं, उसके मुताबिक ही डेलीगेट्स की उपस्थिति रहने पर उत्तराखण्ड के नाम एक उपलब्धि दर्ज होना तय है। वर्ष 2002 से वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस के आयोजन हो रहे हैं। इस बार मेजबानी का अवसर उत्तराखण्ड को मिला है। अब तक के इस आयोजन के सफर में डेलीगेट्स की संख्या बढ़ती-घटती रही है। मगर रजिस्ट्रेशन को पैमाना माने, तो उत्तराखण्ड के लिए अच्छी तस्वीर दिखाई दे रही है। देवभूमि उत्तराखण्ड आने में डेलीगेट्स की दिलचस्पी नजर आ रही है। आयुष सचिव रविनाथ रामन के अनुसार, अभी तक साढे छह हजार रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। इस महा आयोजन की तैयारी जोरों पर है और इसे अभूतपूर्व बनाने की पूरी कोशिश की जा रही है। वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 में देशों की संख्या और प्रतिनिधियों पर भी उत्तराखण्ड की नजर है। पिछले वर्ष गोवा में आयोजित इस आयोजन में सबसे ज्यादा 53 देशों ने भागीदारी की थी। विदेशी प्रतिनिधियोें की संख्या भी पिछले वर्ष ही सबसे ज्यादा रही थी और 295 विदेशी प्रतिनिधि आयोजन का हिस्सा बने थे। इस बार उत्तराखण्ड 54 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधित्व की उम्मीद कर रहा है। इसी तरह, विदेशी प्रतिनिधियों की संख्या को लेकर भी निगाहें टिकी हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड आयुष की धरती है। हमारा सौभाग्य है कि उत्तराखण्ड में आयुर्वेद का यह विश्वस्तरीय आयोजन हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि विषय विशेषज्ञों के विचार मंथन से यह आयोजन आयुर्वेद के क्षेत्र में पूरे विश्व को जगाने का काम करेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार, उत्तराखण्ड में आयोजित होने वाले वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 में डेलीगेट्स के लिए भोजन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी।कार्यक्रम में डेलीगेट्स के लिए उत्तराखण्ड के पारंपरिक व्यंजनों से सुसज्जित विशेष भोजन की व्यवस्था की गई है। 12 दिसंबर को मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, गहत की भरवा रोटी, राई की सब्जी, गहत की दाल/तुअर की दाल, लाल साठी भात, झंगोरे की खीर और टिमरू की चटनी परोसी जाएगी। 13 दिसंबर के मेन्यू में मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, पालक की काफली, उड़द की दाल, लाल साठी भात, बाल मिठाई, रोटने और भंगजीरे की चटनी शामिल हैं। 14 दिसंबर को मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, गहत की भरवा रोटी, आलू की थिच्वाणी, भट्ट की चुटकाणी, झंगोरे का भात, सिंगोरी मिठाई, केले के गुलगुले, सफेद भुने भट्ट और तिल की चटनी का स्वाद मिलेगा। 15 दिसंबर के मेन्यू में मंडुवे की रोटी, घर का मक्खन, तिल कुचाई, भट्ट की चुटकाणी, चंबा का राजमा, लाल साठी भात, घुगती, अस्के और पीली राई की चटनी रखी जाएगी।कार्यक्रम में 12 दिसंबर 2024 सुबह के सांस्कृतिक कार्यक्रम में सु कंचन भंडारी एवं साथी-मांगल गायन और उद्यांचल पर्वतीय कला समिति द्वारा छोलिया नृत्य। 12 दिसंबर के शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रम में नव हिमालय लोक कला समिति- कुमाऊंनी लोक नृत्य, ब्रह्मकमल सांस्कृतिक समिति- गढ़वाली लोक नृत्य, जौनसार बावर सांस्कृतिक गांव का रिवाज संस्था- जौनसारी लोक नृत्य एवं पदम प्रीतम भरतवाण द्वारा जागर की सुंदर प्रस्तुति दी जाएगी।इसके साथ ही 14 दिसंबर के शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रम में संस्कार सांस्कृतिक एवं पर्यावरण संरक्षण समिति-कुमाऊंनी लोक नृत्य, संगम सांस्कृतिक समिति- गढ़वाली लोकनृत्य, स्पर्श जनजाति सामाजिक एवं सांस्कृतिक संध्या- जौनसारी लोक नृत्य एवं मती संगीता ढौंडियाल द्वारा लोक गायन की प्रस्तुति दी जाएगी।