राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाने में राजधानी देहरादून सहित हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर जिले सबसे फिसड्डी
नियत अवधि तक देहरादून में 17.32 तो उधम सिंह नगर में 31.31 फीसदी छात्र-छात्राओं के ही बनाए जा सके अपार आईडी कार्ड
अपर राज्य परियोजना निदेशक ने सभी शिक्षा अधिकारियों को दिसंबर माह तक शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने के दिए निर्देश
उधम सिंह नगर। उत्तराखंड गठन के स्वर्ण जयंती वर्ष में राज्य को सक्षम, समृद्ध एवं विकसित उत्तराखंड बनाने के सरकारी दावे के बीच प्रदेश की राजधानी देहरादून समेत उधम सिंह नगर एवं हरिद्वार जिले, छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाने में फिसड्डी रहकर देवभूमि की साख को बट्टा लगाने का सबब बन कर सामने आए हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा कक्षा एक से 12वीं तक के सरकारी तथा निजी विद्यालयों के छात्रों की अपार आईडी ;स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्ट्रीद्ध बनाने की एक हम योजना चालू की गई है। जिसके तहतउत्तराखंड में कक्षा एक से 12वीं तक के सरकारी और निजी विद्यालयों के तकरीबन 22 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं की अपार आईडी नवंबर माह के अंत तक बना लेने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन नियत अवधि तक समूचे उत्तराखंड में औसतन 50 फीसदी छात्र-छात्राओं की अपार आईडी ही बनाई जा सकी है। शर्मनाक पहलू तो यह है कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में केवल 17.32 प्रतिशत छात्र-छात्राओं की अपार आईडी ही बनाई जा सकी है। इसके अलावा हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर जिले का प्रदर्शन सूबे की राजधानी से थोड़ा ही बेहतर रहा है। राज्य में चमोली जिला ही ऐसा इकलौता जिला रहा है जहां 60» छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाने का कार्य पूरा किया जा सका है। यद्यपि, उत्तराखंड के बाकी जिलों का प्रदर्शन भी कुछ विशेष नहीं रहा है। हासिल आंकड़ों के मुताबिक राज्य का शिक्षा महकमा नवंबर 2024 तक अल्मोड़ा जिले में 49.32,बागेश्वर जिले में 57.06,चमोली जिले में 60.24,चंपावत जिले में 44.87 देहरादून जिले में 17.32,हरिद्वार जिले में 25.59,नैनीताल जिले में 37.13,पौड़ी जिले में 54 पिथौरागढ़ जिले में 41.72, रुद्रप्रयाग जिले में 38.31टिहरी जिले में 44.29,ऊधमसिंह नगर जिले में 31.31 प्रतिशत छात्र-छात्राओं के आईडी कार्ड बनाना ही सुनिश्चित कर पाया । यहां पर यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि अपार आईडी 12 अंकों का एक ऐसा आईडी कार्ड हैं, जो छात्र-छात्राओं के लिए छोटी कक्षा से लेकर उनकी पढ़ाई खत्म होने तक स्थायी रहेगा। अपार आईडी बनने से छात्र-छात्राओं को अपने प्रमाणपत्र सत्यापित कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनका शैक्षिक रिकार्ड एक जगह सुरक्षित रहेगा। इससे छात्र-छात्राओं को जहां सुविधा मिलेगी, वहीं, फर्जीवाड़ा भी रुकेगा। लिहाजा केंद्र सरकार की ओर से लगातार शत प्रतिशत छात्र- छात्राओं के अपार कार्ड बनाए जाने पर जोर दिया जा रहा है और इसके लिए 9 और 10 दिसंबर को राष्ट्रीय स्तर पर मेगा अपार दिवस मनाने की घोषणा की गई है हालांकि उत्तराखंड के निजी और सरकारी सभी विद्यालयों में भी आज मेगा अपार दिवस मनाया जा रहा है, लेकिन राज्य में एक तरह से यह आयोजन अब बेमानी-सा है। वह इसलिए ,क्योंकि राजधानी देहरादून सहित उधम सिंह नगर एवं हरिद्वार जैसे मैदानी जिले जिले छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाने में फिसड्डी रहकर उत्तराखंड की साख को पहले ही बट्टा लग चुके हैं। यद्यपि सूबे की साख को राष्ट्रीय स्तर पर बट्टा लगने के बाद अब समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किया कि इस महीने के भीतर अनिवार्य रूप से सभी छात्र-छात्राओं के अपार आईडी बना लिए जाए।